लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी पहचान बनाने के लिए सभी पार्टियां और नेता जी तोड़ कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे में कुछ नेता विक्टिम कार्ड खेलने से भी नही चूक रहे हैं। हमारे देश के होनहार नेता ये अच्छे से जानते हैं कि अपने आप को बेचारा, बेबस दिखा कर भी वोट बटोरें जा सकते हैं। ऐसा ही कुछ हरियाणा के मेवात में देखने को मिला। मतलब साफ है अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता। ऐसा ही कुछ आप नेता योगेंद्र यादव ने किया. हरियाणा के मेवात में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपना नाम सलीम बताया। इसपर जब सोशल मीडिया पर उनसे सवाल किये गये और वो बीजेपी के निशाने पर आये तो उन्होंने बीजेपी से इसके सबूत मांगे। अब बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया पर सबूत शेयर कर उनके झूठ की पोल खोलकर रख दी है।
दरअसल, बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने आम आदमी पार्टी के नेता ‘योगेंद्र यादव’ का एक विडियो ट्वीट किया है जिसमें अमित मालवीय ने योगेंद्र यादव के असली चेहरे को बेनकाब किया है। इस विडियो में योगेंद्र यादव खुलेआम खुद को सलीम बता रहे है। अमित मालवीय द्वारा शेयर किये गये इस वीडियो योगेंद्र यादव विडियो में ये साफ कहते नज़र आ रहे है कि उनका नाम ‘सलीम’ भी है, और ये नाम उनके पिताजी ने रखा है।
I usually don’t carry TV debates to social media but making an exception to expose @_YogendraYadav’s janus face. Here is a video where he can be seen bragging his Muslim identity to a largely Muslim audience in Muslim dominated Mewat. If this isn’t cynical politics, then what is? pic.twitter.com/sPeHqaILpB
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) April 19, 2019
आपको बता दें कि आप नेता योगेंद्र यादव हरियाणा के मेवात में चुनाव प्रचार कर रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान एक सभा में भाषण देते हुए उन्होनें बताया कि “मेरे दादा जी को दंगो के दौरान मुस्लिम भीड़ ने मार दिया था जिसको मेरे पिताजी ने अपनी आंखो से देखा था।“ मेरे पिता जी उस वक़्त महज़ सात साल के थे।“ उन्होनें आगे कहा कि “मेरे पिताजी चाहते तो वो जिंदगी भर मुसलमानों से नफरत कर सकते थे लेकिन उन्होनें ऐसा नहीं किया। इतना होने के बाद भी मेरे पिता ने मेरा नाम “सलीम” रखा। उनका कहना है कि उनके पिता ने धार्मिक सद्भाव की मिसाल पेश करते हुए उनका नाम सलीम रखा था। अगर ऐसा था तो इसे सार्वजनिक रूप से ये बात बताने की क्या जरूरत आन पड़ी ? और जब बीजेपी ने इस मामले पर उन्हें घेरा तो उन्होंने कहा था, ‘बीजेपी ने ये आरोप लगाया तो मैंने सबूत मांगा, और कहा कि अगर ऐसी कोई भी रिकार्डिंग हुई तो वो चुनाव छोड़ देंगे। लेकिन तब और बाद में कोई सबूत नहीं दिया गया।’
For the nth time, the facts:
1 My family&friends call me Saleem since childhood
2 NEVER mentioned it in any election meeting
3 When BJP began this slander, I asked for proof, offered to quit election if there was any recording.
5 No evidence then or laterYet slander continues! https://t.co/ClcWRsnXju
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 29, 2018
वास्तव में आप नेता योगेंद्र यादव हरियाणा के मेवात में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के खिलाफ हमलावर तो रहे ही साथ ही अपने परिवार की ये कहानी सुनाकर मुस्लिम वोट बैंक को लुभाने का एक घटिया प्रयास भी किया। ऐसा करके उन्होंने मुस्लिम विक्टिम कार्ड खेला और आम जनता की सहानुभूति को बंटोरने का प्रयास किया। हिन्दू, मुस्लिम का रोना एक मास्टर स्ट्रोक माना जाता है जो भारतीय राजनीति में अक्सर नेता और पार्टियों के वोट बैंक भरने के काम आता रहा है।
आपको बता दें कि योगेंद्र यादव सामाजिक कार्यकर्ता भी है और साथ ही वो यूजीसी के सदस्य भी रह चुके हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता का काम समाज को जोड़ना होता है ना कि जात-पात पर राजनीति की रोटियां सेकना। लेकिन योगेंद्र यादव ये कई बार खुलेआम कहते नज़र आते हैं। ये पहली बार नहीं था इससे पहले भी वो अपनी इस दुख भरी कहानी को कहकर वोट मांगते दिखे थे, उसके बावजूद उन्होनें इससे अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि उन्होनें कभी किसी सभा में नहीं बताया कि उनका नाम ‘सलीम’ भी है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा साबित होता है तो वो चुनाव छोड़ देंगे। योगेंद्र यादव ने ये भी कहा था कि अगर ऐसा साबित होता है कि वो नाम के आधार पर वोट मांगते है तो वो राजनीति से सन्यास ले लेंगे। अब देखना ये है इस वीडियो के सामने आने के बाद क्या प्रतिक्रिया देते हैं।