इस बार के लोकसभा चुनाव आर-पार की लड़ाई है जिसमें एक तरफ पूरा विपक्ष है तो दूसरी तरफ पीएम मोदी की सेना। हालांकि, शतरंज के मैदान में चाल कैसे चलनी है और कैसे अपने दांव से खेल के एंगल को बदलना है ये पीएम मोदी को बखूबी आता है और ऐसा ही कुछ उनके शासनकाल में हमें देखने को भी मिला है। जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है तो दूसरी तरफ पीएम मोदी अपने दांव बहुत ही समझदारी से चल रहे हैं। कोई पार्टी गरीबों को लुभाने में जुटी है, तो कोई पार्टी जातिगत राजनीति में उलझी है, लेकिन इन सभी का उद्देश्य एक है। वो ये कि प्रधानसेवक को हराना है और अपने वोट बैंक को बढ़ाना है, फिर चाहे इसके लिए निम्न स्तर पर ही क्यों न जाना पड़े। सभी अपने उद्देश्य पूर्ति में व्यस्त हैं लेकिन इस बीच प्रधानसेवक अपने हिसाब से न सिर्फ मुद्दों को नया मोड़ दे रहे हैं बल्कि विपक्ष की रणनीतियों को भी अपने हिसाब से चला रहे हैं। इन लोकसभा चुनावों में वो कुछ ऐसा ही करते हुए नजर आ रहे हैं। कल तक न्याय योजना का राग अलापने वाली कांग्रेस ने आज राजीव गांधी पर पीएम मोदी के बयान के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। यहां तक कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इस मामले में शिकायत भी कर दी है।
‘चौकीदार चोर है’ का राग अलापने वाली कांग्रेस के सभी नेता राजीव गांधी को ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ कहे जाने पर उनके बचाव में उतर आई है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवें चरण के चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के बस्ती में अपने चुनावी भाषण में कांग्रेस के ‘मिस्टर क्लीन’ कहे जाने वाले नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को नंबर वन भ्रष्टाचारी कहा। उन्होंने अपने भाषण में कहा था “आपके पिताजी को आपके राग दरबारियों ने मिस्टर क्लीन बना दिया था। गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन… मिस्टर क्लीन चला था। लेकिन देखते ही देखते ‘भ्रष्टाचारी नंबर वन’ के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया।” पीएम नरेंद्र मोदी के इस बयान के बाद पूरा विपक्ष सक्रिय हो गया खासकर कांग्रेस पार्टी के बड़े बड़े नेता इस राजीव गांधी को लेकर सफाई देने लगे और चुनाव आयोग से पीएम मोदी के खिलाफ एक्शन लेने की मांग कर दी। चाहे वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हो या प्रियंका गांधी वाड्रा दोनों ही अपने पिता के बचाव में उतर आये हैं। यही नहीं, कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपने राज्य पर ध्यान देने की बजाय राजीव गांधी का बचाव कर रहे हैं।
Modi Ji,
The battle is over. Your Karma awaits you. Projecting your inner beliefs about yourself onto my father won’t protect you.
All my love and a huge hug.
Rahul
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 5, 2019
शहीदों के नाम पर वोट माँगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने कल अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया। जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। हाँ मोदीजी ‘यह देश धोकेबाज़ी को कभी माफ नहीं करता’।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 5, 2019
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा, “आपके कर्म आपका इंतजार कर रहे हैं और मेरे पिता को बीच में खींचने पर भी आप नहीं बच पाओगे।” वहीं प्रियंका गांधी ने अपने जवाब में लिखा, “शहीदों के नाम पर वोट मांगकर उनकी शहादत को अपमानित करने वाले प्रधानमंत्री ने कल (शनिवार) अपनी बेलगाम सनक में एक नेक और पाक इंसान की शहादत का निरादर किया। जवाब अमेठी की जनता देगी जिनके लिए राजीव गांधी ने अपनी जान दी। हां मोदीजी यह देश धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता।”
यही नहीं छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल इस गड्ढे में कूद पड़े। उन्होंने ये तक कह दिया कि “प्रधानमंत्री मोदी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और उन्हें इलाज कराने की जरूरत है।” अब मानसिक संतुलन किसका खिसका हुआ है ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है लेकिन जब सच बाहर आया तो कांग्रेस पार्टी को जोर की मिर्ची जरुर लग गयी है।
सभी बौखलाए कांग्रेस नेता अपने कथित ‘बेदाग नेता’ और देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों पर स्पष्टीकरण देने में जुट गये हैं और इसी से आम जनता की सहानुभूति भी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं कांग्रेस ने चुनाव आयोग से पीएम मोदी के प्रचार पर प्रतिबंध की मांग की है।
राजीव गांधी के देश के प्रधानमंत्री रहते हुए कई ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं जो भुलाई नहीं जा सकती लेकिन न तो कांग्रेस उनके शासनकाल में हुए न घोटालों की बात करती है और न गड़बड़ी की लेकिन उन्हें बेदाग़ जरुर बताती है। यही नहीं उनके नाम का इस्तेमाल कर आम जनता की सहानुभूति से वोट बैंक भी साधती है। जैसे कि बोफोर्स घोटाला जिसपर कांग्रेस कुछ कहे न कहे लेकिन स्वीडन रेडियो ने जरुर इसकी पोल खोलने का काम किया था। कौन भूल सकता है कि राजीव गांधी ने 1987 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में अपने मनमाफिक फार्रुख अब्दुल्ला की सरकार बनवाने के लिए चुनावों में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां करवाईं थीं। भला सिख दंगों के पीड़ितों के दर्द को कौन भुला सकता है! ऐसे कई सवाल हैं जो राजीव गांधी के शासनकाल से जुड़े हैं लेकिन कांग्रेस इन सवालों से बचती रही है।
The Congress and its’ President can call an honest Prime Minister ‘Chor’. No Model Code of Conduct is preventing that. If the PM calls the Congress legacy as ‘Corrupt No. 1’ the Congress complains that the Model Code of Conduct is violated. Are there two Model Codes of Conduct?
— Arun Jaitley (@arunjaitley) May 6, 2019
ऐसे में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी के पिता को भ्रष्ट कहा भी तो इसमें झूठ क्या है? खैर, कांग्रेस को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ट्वीट से करारा जवाब भी दे दिया है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और उसके अध्यक्ष एक ईमानदार प्रधानमंत्री को ‘चोर’ कहते हैं तब कोई आदर्श आचार संहिता उन्हें नहीं रोकती है। यदि पीएम कांग्रेस की विरासत को ‘भ्रष्ट नंबर 1’ कहते हैं तो कांग्रेस शिकायत करती है कि आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। ऐसे में क्या दो आदर्श आचार संहियाताएं हैं?”
वास्तव में कांग्रेस सालों से देश पर शासन करती रही है और वो चुनावी नियमों को भी अपने हिसाब से गलत और सही बनाती है। जैसा कि वो अभी कर रही है। जब ये पार्टी देश के प्रधानमंत्री को ‘नीच’ चोर कहकर देश के दूसरे सबसे बड़े सम्मानित व्यक्ति का अपमान करे तो ठीक है लेकिन, अगर प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस के शासनकाल के भ्रष्टाचार पर वार करें तो वो गलत कैसे है?
खैर, यहां एक बात जो गौर करने वाली है वो ये है कि पिछले लोकसभा चुनाव में जिन मुद्दों की वजह से कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था पीएम मोदी ने बड़ी ही समझदारी से विपक्ष को उसी की भ्रष्ट नीति और स्वार्थ की राजनीति वाले मुद्दे में फंसा दिया है। इन चुनावों में चूंकि विपक्ष के पास मुद्दे नहीं है वो कथित राफेल घोटाला का राग अलाप रही है, किसानों को 72 हज़ार रुपयों का लालच दे रही है और हर रैली में कांग्रेस पार्टी यही करते हुए नजर भी आ रही है लेकिन आज लोकसभा चुनावों के बीच वो अचानक से इन मुद्दों का राग छोड़, गांधी वंशज के प्रधानमंत्रियों में से एक राजीव गांधी से जुड़े घोटालों पर्दा डालने में जुट गयी है। वहीं दूसरी तरफ अब पीएम मोदी अपने शासनकाल की उपलब्धियों का बखान कर रहे हैं।
हर सभा में राफेल का मुद्दा उठाकर राहुल गांधी ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवाते थे और न्याय योजना का बखान करते थे लेकिन अब अपने पिता का बचाव करते नजर आ रहे हैं। पहले तो पीएम मोदी राहुल गांधी और कांग्रेस की बातों को सुनते रहे लेकिन उन्होंने इस शोर शराबे का जवाब अपने एक भाषण से ऐसा दिया कि इस लोकसभा चुनाव का नैरेटिव ही बदल गया। जहां एक तरफ पीएम मोदी ने बेफोर्स और कांग्रेस के शासनकाल में घोटालों का जिक्र कर कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया है तो दूसरी तरफ वो इस पूरे खेल का आनंद उठा रहे हैं।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि, पीएम मोदी ने यह सियासी दांव चलकर एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी रणनीति बनाने में और उसे सफलतापूर्वक अपनाने में उनका कोई तोड़ नहीं है। पांचवे चरण से ठीक पहले उन्होंने अपने तुरुप के इक्के को इस चुनावी जंग में उछालकर सारे विपक्ष का ध्यान राजीव गांधी को बचाने में लगा दिया। पीएम मोदी ने ठीक ही कहा था कि ‘किसी को उनकी राजनीतिक सूझबूझ पर कभी शक नहीं करना चाहिए!’