2019 लोकसभा चुनाव में 2014 के मुक़ाबले मोदी सरकार और भी अधिक मजबूत और धमाकेदार अंदाज में सामने आई है। प्रधानमंत्री मोदी की छवि और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के आगे पूरा विपक्ष ढेर हो गया।वहीं इस चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ी बढ़त सीएम ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल मे मिली जहां जनता ने टीएमसी को पूरी तरह नकार दिया। पिछले काफी समय से ममता बनर्जी अपनी पूरी ताकत से हर मुमकिन कोशिश करने में लगी थीं कि, वह मोदी और अमित शाह की रणनीति को मात दे दें, लेकिन वह ऐसा करने में असफल रहीं। बीजेपी को बंगाल में 18 सीटें मिली और टीएमसी 22 पर सिमट गई। इसके साथ ही दिलचस्प बात यह रही कि, डाक मत पत्रों के जरिये राज्य में बीजेपी को टीएमसी से अधिक वोट हासिल हुए। ऐसे में यह साफ दर्शाता है कि, बंगाल की जनता के साथ-साथ बंगाल सरकार के कर्मचारियों के मन में भी ममता सरकार के प्रति जबरदस्त गुस्सा है।
आपको बता दें कि डाक मत पत्र देश के उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो अपने संसदीय इलाके में मौजूद नहीं रहते है। साथ ही मतदान केन्द्रों पर तैनात चुनाव अधिकारी भी इसमे शामिल होते हैं। इनके अलावा भारत सरकार के सश्स्त्र बलों के कर्मचारी भी डाक मत पत्र के जरिये अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं। बंगाल में इस बार राज्य कर्मचारियों ने टीएमसी से अधिक भाजपा पर भरोसा जताया है। साथ ही ममता के तानाशाही रवैये से इतना अधिक नाराज हैं कि, वह अब राज्य में बड़ा बदलाव चाहते हैं। अगर बात करें डाक मत पत्रों से मिले वोटों कि तो भाजपा को 73 हजार से अधिक मत मिले हैं। जो साफ जाहिर करता है कि, बंगाल में लोकसभा चुनावों के बाद अब नई क्रांति आने वाली है। इस क्रांति में ममता बनर्जी को भारी नुकसान होने वाला है और एक तरह से ममता का वर्चस्व खत्म होता नजर आ रहा है। टीएमसी को मात्र 25793 वोट हासिल हुए हैं। बीजेपी 3 गुना अधिक मतों के साथ आगे है। आपको बता दें कि ममता बनर्जी बंगाल सरकार के कर्मचारियों को भौंकने वाला कहकर अपनी विकृत मानसिकता का उदाहरण पहले ही दे चुकी हैं। वहीं राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से महंगाई भत्ते को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते आए हैं, हालांकि राज्य सरकार ने हर बार इन कर्मचारियों को निराश किया जिसकी वजह से अब इन कर्मचारियों ने बैलेट के माध्यम से ममता सरकार की तानाशाही को करारा जवाब दिया है।
ममता सरकार की असहिष्णुता का ही यह नतीजा है कि अब बंगाल की जनता ने राज्य में भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन दिया है। वास्तव में राज्य के लोग अब ममता दीदी की हिटलरशाही से तंग आ चुके हैं और अब वे भाजपा को अपने उपयुक्त विकल्प के तौर पर देख रहे हैं, और यही कारण है कि इन लोकसभा चुनावों में बंगाल में भाजपा के वोट शेयर में अब की बार भारी उछाल देखने को मिला है।