लोकसभा चुनावों के बीच सभी पार्टियों के एक दूसरे पर तीखे वार जारी हैं। लेकिन अब ये आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला बेहद ही निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिसका उदाहरण हमें मायावती के एक बयान से मिलता है।
Mayawati, BSP: Mujhe toh yeh bhi maloom chala hai ke BJP mein khash kar vivahit mahilayen apne aadmiyon ko Shri Modi ke nasdik jate dekh kar, yeh soch kar bhi kafi zyada ghabrati rehti hai ke kahin yeh Modi apne auraat ki tarah humein bhi apne pati se alag na karwa de. https://t.co/zBBmQhQepo
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 13, 2019
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए बेहद ही निजी टिप्पणी कर डाली। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ‘मुझे तो ये भी मालूम चला है कि बीजेपी में खास कर विवाहित महिलाएं अपने पतियों को श्री मोदी के नज़दीक जाते देख कर, ये सोच कर भी काफी ज़्यादा घबराई रहती हैं कि कहीं ये मोदी अपनी औरत की तरह हमें भी अपने पति से अलग न करवा दे।‘
मायावती बस इतने पर ही नही रुकीं उन्होनें अलवर गैंग रेप केस मामले में भी प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि “नरेंद्र मोदी ने अलवर गैंग रेप पर भी चुप्पी साधी हुई थी, उसपर भी वो अपनी गंदी राजनीति खेलने कि कोशिश कर रहे हैं, ताकि चुनावों में उनकी पार्टी को इसका फायदा मिल सके। ये बेहद ही शर्मनाक है।“ मायावती ने आगे कहा कि “वो दूसरे की बहन, पत्नी की क्या इज्ज़त करेंगे? उन्होनें तो अपनी बीवी को ही राजनीति के लिए छोड़ दिया।“ इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो ने महिलाओं से पीएम मोदी को वोट नहीं देने की अपील भी की। यहां ये समझना मुश्किल है कि बसपा सुप्रीमो जो खुद एक ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन में हैं जिसने कभी उनके सम्मान पर हमला किया था. वो गेस्ट हाउस कांड जिस वजह से सपा और बसपा में वर्षों से दुश्मनी थी आज सत्ता के लिए उन्होंने उस पार्टी से हाथ मिला लिया है जिसने कभी महिलाओं का सम्मान नहीं किया। उस पार्टी के साथ हैं जो दूसरी महिला प्रत्याशी के चरित्र पर हमला करता है। आजम खान के विवादित बोल इसका एक अन्य उदाहरण है। तब वो महिलाओं के सम्मान के लिए क्यों नहीं सामने आयीं? आज वो महिलाओं को ये समझा रही हैं कि उन्हें किसे वोट देना चाहिए?
यही नहीं खुद दलित समुदाय की सबसे बड़ी नेता होने का दावा करने वाली और बीजेपी पर जातिगत राजनीति का आरोप मढ़ने वाली बसपा सुप्रीमो आज खुद दलित कार्ड खेलने से भी पीछे नहीं हटी। प्रेस वार्ता के दौरान मायावती ने मोदी पर दलित कार्ड खेलते हुए कहा कि “मोदी गरीब और पिछड़े वर्ग का बनने का दावा करते हैं, जबकि सच्चाई ये है कि वे जन्मजात पिछड़े वर्ग से नही हैं।“ यदि ये पिछड़े वर्ग के होते तो इनको यहां दलित लोगों के बने बंगले इतने अखरते नहीं, मायावती ने आगे कहा कि ‘मोदी को ये रास नहीं आ रहा कि दलित लोग भी अपने अच्छे बंगलों में रहें। मोदी ना गरीब हैं, ना फकीर हैं, केवल वोट पाने के लिए गरीब होने का कोरा नाटक कर रहे हैं। ये शर्मनाक है कि मायावती चुनावों के बीच इस तरह से दलित कार्ड खेल रही हैं वो भी खुलेआम। आज उन्हें क्या जरूरत पड़ गयी ऐसे जातिगत राजनीति करने की? क्या उन्हें अभी से हार का डर सता रहा।
सोशल मीडिया पर मायावती की इस टिप्पणी की खूब आलोचना हो रही। दलितों के जरिये वो जातिय राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं। साथ ही मायावती ने अलवर गैंग रेप जैसे गंभीर मामले पर भी राजनीति करने का मौका नहीं छोड़ा। और राजनीति में किसी की निजी जीवन को घसीटना वाकई बहुत निचले स्तर की राजनीति है । मायावती के ऐसे बयानों से ये साफ है की ये नेता गंभीर से गंभीर मुद्दों पर भी अपनी घटिया राजनीति करने में जरा भी संकोच नहीं करते।