फिर एक बार मोदी सरकार का नारा अब हकीकत बन चुका है। यह स्पष्ट हो गया है कि पीएम मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। हालांकि, जीत के जश्न में डूबने की बजाय प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी से ही भावी सरकार के कामकाज को लेकर नीतियां बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा नई सरकार के पहले 100 दिनों के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया गया था जिसको प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्वीकृति भी दे दी थी। ड्राफ्ट में शिक्षा नीति को लेकर कई प्राथमिकताओं को चिह्नित किया गया है। बता दें कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में सरकार में आते ही ऐसे 100 दिनों का एजेंडा सामने रखकर उसपर अमल करने का वादा किया था जिसे अब भाजपा सरकार पूरा करने की ओर ध्यान दे रही है। इस 100 दिनों के एजेंडे को जून महीने में जारी किया जाएगा जिसके बाद जुलाई महीने में स्वीकृति के लिए इसे कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि मानव संसाधन मंत्रालय ने आने वाले पांच सालों के लिए एक विज़न डॉक्यूमेंट बनाया है जिसमें देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई मापदण्डों पर काम करने की बात लिखी है। इस विज़न डॉक्यूमेंट में शिक्षा की पहुंच, गुणवत्ता, स्तर, अनुसंधान, शिक्षा क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने के लिए अवसर और नई तकनीक के इस्तेमाल को लेकर नई नीति बनाने पर जोर देने की बात कही गयी है। जून में इस ड्राफ्ट को लेकर वित्त मंत्रालय से भी मंजूरी ली जाएगी। इसके अलावा मोदी सरकार ‘श्रेष्ठ संस्थान’ यानि इंस्टीट्यूशंस ऑफ एमिनेंस की संख्या को 6 से बढ़ाकर 30 करना चाहती है। इन श्रेष्ठ संस्थानों को दुनिया के टॉप 100 शैक्षणिक संस्थानों की लिस्ट में जगह मिलने का अनुमान है।
इसके अलावा मोदी सरकार उच्च शिक्षा क्षेत्र में खाली पड़े 5 लाख पदों पर भी जल्द से जल्द भर्ती करना चाहती है जिसके बाद ना सिर्फ रोजगार के अवसर पैदा होंगे, इसके साथ ही शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा। मोदी सरकार अपनी इस नई शिक्षा नीति के माध्यम से 1986 से चली आ रही कांग्रेस की शिक्षा नीति को बदलना चाहती है।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार को लेकर मोदी सरकार पिछले पांच सालों में कई बड़े कदम उठा चुकी है। खुद पीएम मोदी शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों से बात कर उनसे अपने अनुभव साझा करते आए हैं। पिछले पांच सालों में मोदी सरकार द्वारा कुल 6 आईआईटी संस्थान, 7 आईआईएम संस्थान और 2 विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र के संस्थानों को शुरू किया गया है। मोदी सरकार द्वारा उड़ान, बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ और प्रगति जैसी योजनाओं को शुरू किया गया। अब माना जा रहा है कि अपने 100 दिनों के एजेंडे के माध्यम से मोदी सरकार इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुंचाने की और ज़्यादा कोशिशें कर सकती है।