वर्ष 2015 में मोदी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई थी जिसका मकसद वर्ष 2022 तक देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को बेहद कम दामों पर पक्का मकान उपलब्ध कराना था। पिछले चार वर्षों में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस दिशा में कई अहम कदम उठाए भी! मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इस योजना के तहत लगभग 84 लाख घरों का निर्माण हुआ, जबकि मोदी सरकार के खत्म होने तक 10 लाख अतिरिक्त घरों का निर्माण भी चल रहा था। अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी सरकार इस योजना का क्षेत्र बढ़ाना चाहती है, और आने वाले तीन सालों में ग्रामीण भारत में सरकार 1 करोड़ 80 लाख घरों का निर्माण करना चाहती है। इन मकानों को बिजली और गैस कनैक्शन सहित लाभार्थियों को सौंपा जाएगा। इस लिहाज़ से केंद्र को हर वर्ष करीब 80 लाख घरों का निर्माण करना होगा।
सरकार ने इस योजना की पूर्ति के लिए 2.6 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया है जिसमें से करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी जबकि बाकी का खर्च राज्य सरकारों को उठाना होगा। यहां यह जानना दिलचस्प है कि प्रधान मंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) को सफल बनाने के लिए अन्य सरकारी योजनाओं का भी पूरा सहारा लिया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर आवास योजना के तहत बन रहे घरों में उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनैक्शन उपलब्ध कराये जाते हैं जबकि सौभाग्य योजना के तहत इन घरों में बिजली कनैक्शन पहुंचाए गए। इसके अलावा नए बनने वाले घरों में भी यही प्रक्रिया इस्तेमाल में लाई जाएगी।
सरकार अपनी इस योजना को लेकर इतनी गंभीर है कि लाभार्थियों की लिस्ट से जिन लोगों के नाम थोड़े मार्जिन से रह गए थे, सरकार उनको भी नई लिस्ट में जोड़ने का प्रयास करेगी। इसके अलावा जो व्यक्ति गरीबों की श्रेणी में नहीं आते हैं और अपना नाम लाभार्थियों की लिस्ट में जुडवाना चाहते हैं, वो भी सरकार को अपना आवेदन दे सकते हैं। इससे पहले तक सरकार सिर्फ एसईसीसी 2011 के आंकड़ों के आधार पर लाभार्थियों की पहचान करते आई थी।
गांवों के विकास को लेकर मोदी सरकार का रवैया काफी सकारात्मक रहा है। यही कारण है कि मोदी सरकार ने पिछले पाँच सालों के दौरान उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत अभियान, सौभाग्य योजना और पीएम ग्रामीण आवास योजना जैसी लाभकारी योजनाओं को प्राथमिकता दी है। भारत एक गांवो का देश है और देश की उन्नति में गांवों के योगदान को बढ़ाने के लिए गांवों की अर्थव्यवस्था का विकसित होना अनिवार्य है। आवास योजना के तहत जहां एक तरफ गरीब लोगों को पक्के मकान मिल सकेंगे, तो वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। जब इतनी बड़ी संख्या में सरकारी पैसा गांवों में खर्च होगा, तो उसकी वजह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बल मिलेगा। पीएम मोदी और भारत सरकार का यह विज़न देश को एक सुपर-पावर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।