TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

यूएन में इज़राइल का समर्थन कर भारत ने इस्लामिक देशों को कड़ा संदेश दिया है

Vikrant Thardak द्वारा Vikrant Thardak
16 June 2019
in समीक्षा
इजराइल
Share on FacebookShare on X

भारत की विदेश नीति में हाल ही में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बदलाव दिखा, जब यूएन की इकॉनॉमिक एंड सोशल काउंसिल में भारत ने पहली बार इजराइल के पक्ष में अपना वोट डाला। यह वोटिंग यूएन की इकॉनॉमिक एंड सोशल काउंसिल में फिलस्तीन के कथित मानवाधिकार संगठन ‘शाहेद’ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए हुई थी। इज़राइल को भारत जैसे शक्तिशाली देश का कूटनीतिक साथ मिलना उसके लिए एक बड़ी कामयाबी है। इस निर्णय से इजराइल काफी उत्साहित है, जो भारत में इजरायली दूतावास की मिशन उप प्रमुख माया कदोश के ट्वीट में साफ झलक भी रहा है जिसमें उन्होंने लिखा, ‘यूएन में हमारा साथ देने के लिए भारत का धन्यवाद, और आतंकवादी संगठन शाहेद को यूएन में पर्यवेक्षक बनने से रोकने के लिए धन्यवाद। हम आगे भी मिलकर ऐसे आतंकवादी संगठनों को नुकसान पहुंचाने से रोकेंगे।’

पर शाहेद से इजराइल को क्यों आपत्ति हो रही है? दरअसल शाहेद एक फिलिस्तीनी मानवाधिकार संगठन है, जिसपर अप्रत्यक्ष रूप से इजराइल विरोधी गतिविधियों को, विशेषकर आतंकी हमलों को बढ़ावा देने का आरोप लगता है।

संबंधितपोस्ट

NY Times की पेगासस पर रिपोर्ट को सैयद अकबरुद्दीन ने बताया ‘बकवास’, दावों को किया खारिज

इज़राइल चीन के साथ अपने सभी आर्थिक समझौतों को करेगा खत्म

‘ये डील हमारे लिए खतरा है’, UAE-Israel के समझौते से सबसे ज्यादा नुकसान तुर्की को होने वाला है

और लोड करें

चर्चित मीडिया पोर्टल ‘द प्रिंट’ को दिये अपने साक्षात्कार में माया कदोश ने कहा, ‘ये एक अच्छा संकेत है। भारत एशिया समूह में हमें समर्थन देने वाला पहला देश रहा है, तो हम निसंदेह काफी प्रसन्न है। यह पहली बार है कि इजराइल ने ‘शाहेद’ को पर्यवेक्षक का दर्जा न करने के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रखा।‘

यूं तो भारत ने कई वर्षों तक स्वतंत्र फिलिस्तीन के पक्ष में अपनी आवाज़ उठाई है। परंतु मोदी सरकार के आने के बाद से इस नीति में कई मूल बदलाव देखने को मिले हैं। कभी फिलिस्तीन के लिए आंख मूंदकर समर्थन करने वाला भारत आज उसी की आतंकी गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण देने के विरुद्ध यूएन में अपना मत सभी के समक्ष रखा है। इस व्यापक बदलाव से भारत को दोनों स्तर पर काफी लाभ मिलेगा, चाहे वो राष्ट्रीय हो, या अंतर्राष्ट्रीय।

राष्ट्रीय स्तर पर इस निर्णय से मोदी सरकार ने भारत की अंदरूनी राजनीतिक विवशताओं को दरकिनार कर इजराइल की आतंक विरोधी नीतियों का खुलकर समर्थन किया है। ऐसा इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने तुष्टिकरण की राजनीति की परंपरा को विकास की राजनीति में बदल दिया है।  पहले भारत का इजराइल के प्रति व्यवहार अंदरूनी राजनीतिक विवशताओं, विशेषकर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के दबाव में रहता था। अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत फिलिस्तीन का समर्थन करता था, क्योंकि तत्कालीन सरकारों को अल्पसंख्यकों को भी प्रसन्न रखना होता था लेकिन जब भी भारत को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता पड़ी, फिलिस्तीन ने हमेशा पाकिस्तान का समर्थन किया है।

ऐसे में भारत ने फिलिस्तीन के खिलाफ अपना वोट डालकर अपनी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव की ओर संकेत दिया है। आजादी के बाद से भारत हमेशा से ही फिलिस्तीन का कूटनीतिक समर्थन करता आया है। यूएन से लेकर यूनेस्को तक, भारत ने हर महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच पर फिलिस्तीन का सिर्फ साथ ही नहीं दिया बल्कि उसके पक्ष में जमकर लोब्बिंग भी की। उदाहरण के तौर पर, भारत वर्ष 1974 में ऐसा पहला नॉन-अरब देश बना था जिसने पीएलओ यानि Palestinian Liberation Organization को मान्यता दी थी। पीएलओ का मकसद सशस्त्र लड़ाई के माध्यम से फिलिस्तीन को इज़राइल से आज़ाद करवाना था। आज पीएलओ को अमेरिका और इज़राइल जैसे देश एक आतंकवादी संगठन के तौर पर देखते हैं। इसके अलावा वर्ष 1988 में भारत ने फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दी थी, जो कि अपने आप में फिलिस्तीन के लिए एक बहुत बड़ी बात थी। हालांकि, आज वर्ष 2019 में भारत ने यूएन में इजराइल के पक्ष में वोट डालकर इजराइल के साथ-साथ फिलिस्तीन को भी कुछ अहम संकेत दिये हैं।

सभी जानते हैं कि दशकों तक फिलिस्तीन का समर्थन करने के बावजूद फिलिस्तीन ने कभी भारत का साथ नहीं दिया। अलग-अलग वैश्विक मुद्दों पर फिलिस्तीन और पाकिस्तान का गठजोड़ भी किसी से छुपा नहीं है। दिसंबर 2017 में येरुशलम मुद्दे पर एक रैली में पाकिस्तान में मौजूद फिलिस्तीन के राजदूत ने तो भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद के साथ मंच साझा किया था, जिसको लेकर भारत ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके अलावा कश्मीर मुद्दे को लेकर भी कभी फिलिस्तीन ने खुलकर भारत का साथ नहीं दिया। यहां तक की फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले इस्लामिक देशों का समूह OIC भी कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत की आलोचना करता रहता है, जो भारत को बिल्कुल भी पसंद नहीं है।

दूसरी ओर लगातार दशकों तक नकारे जाने के बाद भी इज़राइल ने हमेशा भारत के साथ अपने अच्छे संबंध बनाने पर ज़ोर दिया। भारत को जरूरत के समय हथियार भेजने हो, या फिर पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ खूफिया सूचना साझा करनी हो, हर बार इज़राइल ने भारत का भरपूर साथ दिया है। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के समय इज़राइल उन चुनिन्दा देशों में शामिल था जिन्होंने सीधे तौर पर भारत की सैन्य सहायता की थी। इज़राइल ने भारत को सही वक्त पर गोला बारूद दिया और मोर्टार दिये, ड्रोन्स के साथ-साथ लेज़र गाइडेड मिसाइल भी उपलब्ध कराये, जिन्होंने भारतीय वायुसेना के मिराज लड़ाकू जहाजों की मारक क्षमता को कई गुना तक बढ़ा दिया था। इसके अलावा इज़राइल ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भी भारत का एकतरफा साथ दिया था। हैरानी की बात तो यह है कि उस वक्त भारत और इज़राइल के बीच किसी तरह के कूटनीतिक संबंध भी स्थापित नहीं हुए थे। इसके अलावा कृषि और विज्ञान क्षेत्र में भी इज़राइली तकनीक विश्व-स्तरीय है, जिसकी भारत को अभी सख्त ज़रूरत है।

हालांकि, यहां गौर करने वाली बात यह है कि इज़राइल द्वारा भारत के इतने समर्थन के बाद भी कभी भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस देश का साथ नहीं दिया। दरअसल, इसके पीछे भारत की कई कूटनीतिक विवशताएं भी छिपी थी। दरअसल, कतर, सऊदी अरेबिया और ओमान जैसे देशों को इज़राइल फूटीं आंख नहीं सुहाता था जबकि ये देश दुनियाभर में कच्चे तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इज़राइल का समर्थन करके भारत इन अरब देशों के साथ अपने मतभेद नहीं बढ़ाना चाहता था।

हालांकि, वर्ष 2014 में भारत में मोदी सरकार के आने के बाद से ही हमें भारत और इज़राइल के संबंधों में मधुरता देखने को मिली है। आज़ादी के बाद पहली बार भारतीय सरकार ने खुलकर इज़राइल के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता दी। वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री मोदी इज़राइल का दौरा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बने। तब इज़राइल ने भारत को एक ‘पुराना दोस्त’ बताया था। 2019 में विकास और राष्ट्रीय मुद्दे के दम पर दोबारा सत्ता में आये प्रधानमंत्री मोदी ने आज यूएन में भारत ने इज़राइल के साथ खड़े होकर अपनी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव का संकेत दिया है। ऐसा करके भारत ने फिलिस्तीन के साथ-साथ, कश्मीर पर भारत के साथ दोहरा रुख अपनाने वाले इस्लामिक देशों को एक कड़ा संदेश दिया है। वहीं, फिलिस्तीन के लिए यह बड़ा झटका इसलिए है क्योंकि वह पिछले काफी समय से यूनाइटेड नेशन्स का एक स्थायी सदस्य बनाना चाहता है जिसमें उसे भारत के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण देशों के कूटनीतिक समर्थन की आवश्यकता है। ऐसे में भारत की इस नई विदेश नीति से फिलिस्तीन के सामने एक बड़ा कूटनीतिक संकट आन खड़ा हुआ है।

पिछले कुछ सालों में देश की कूटनीतिक शक्ति में बड़ा इजाफा हुआ है जिसके कारण अब भारत अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अहम राजनीतिक फैसले लेने में सक्षम हो सका है। इसके साथ ही भारत का इजराइल के पक्ष में मत देना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के लिए काफी लाभकारी है। आज भारत की छवि इतनी मजबूत हो गई है कि भारत द्वारा इज़राइल का समर्थन करने के बाद भी अरब देश भारत के साथ अपने रिश्तों को बिगाड़ना तो बिल्कुल नहीं चाहेंगे। इज़राइल को लेकर भारत ने अपनी विदेश नीति को अब साफ कर दिया है। इसके साथ ही ये भी संदेश दिया है कि आतंक के साथ किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा।

जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं और देश की छवि को हर स्तर पर सुधारने का प्रयास कर रहे हैं वो सराहनीय है। उनके इस निर्णय से एक और बात जो स्पष्ट हुई है वो ये कि यदि प्रधानमंत्री मोदी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे साहसी कदम उठा सकते हैं, तो फिर वो राष्ट्रीय स्तर पर भी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण को किनारे ऐसे बड़े फैसले लेने में नहीं हिचकेंगे। तीन तलाक के खिलाफ उनके पहले कार्यकाल में उठाया गया कदम इसका बेहतरीन उदाहरण भी है।‘स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में चाहे समान नागरिक संहिता अथवा [यूनिफॉर्म सिविल कोड] का क्रियान्वयन करना हो, धारा 370 को हटाना हो ।।ऐसे कई बड़े मुद्दों पर वो बड़ा फैसला ले सकते हैं।

Tags: इजराइल-भारत
शेयर1036ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ऑपरेशन थंडर: टिकट दलालों पर रेलवे की सर्जिकल स्ट्राइक

अगली पोस्ट

सरकारें आईं और गईं, लेकिन बेटियों के मूल्य को सिर्फ खट्टर सरकार ही समझ पाई

संबंधित पोस्ट

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited