भारत का अमेरिका को कड़ा संदेश, 29 वस्तुओं पर लगाया इतने डॉलर का आयात शुल्क

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(PC: CatchNews)

अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है जिसके पास दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अमेरिका दुनिया के बाकी देशों पर अपना प्रभुत्व कायम रखने के लिए अपनी इसी ताकत का इस्तेमाल करता है, जिसकी वजह से अक्सर अमेरिका पर ट्रेड बुल्लिंग के आरोप लगते रहते हैं। अमेरिका पिछले कुछ समय से भारत के खिलाफ भी अपनी इसी ट्रेड बुल्लिंग की रणनीति को अपना रहा है ताकि भारत अमेरिका की शर्तों को मानने पर मजबूर हो सके। इसी महीने की शुरुआत में यूएस ने भारत से जीएसपी का दर्जा वापस ले लिया था जिसके तहत वह उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों से आयात होने वाले कुछ सामानों पर आयात शुल्क नहीं लगाता है। लेकिन अब मोदी सरकार ने यूएस को उसी की भाषा में कड़ा जवाब दिया है। भारत ने इस वर्ष 16 जून से अमेरिका से आयात होने वाले 29 उत्पादों पर आयात शुल्क को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस महीने के अंत में यूएस के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भारत दौरे पर आने वाले हैं। ऐसे में उनके इस दौरे से पहले भारत ने इस कदम को उठाकर अमेरिका को एक बड़ा संकेत देने की कोशिश की है।

भारत सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर जानकारी दी कि अमेरिका से आयात होने वाली 29 वस्तुओं पर 235 मिलियन डॉलर का आयात शुल्क लगाया जाएगा। इन वस्तुओं में बादाम, अखरोट और सेब जैसी वस्तुएं शामिल हैं। भारत अमेरिका से मुख्‍यत: 645 मिलियन डॉलर मूल्‍य के बादाम और 165 मिलियन डॉलर कीमत के ताजा सेबों का आयात करता है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष मार्च में अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था, जिसके जवाब में भारत ने इन 29 उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने की घोषणा पिछले वर्ष जून में ही कर दी थी। हालांकि, भारत ने यूएस और भारत के बीच जारी व्यापार समझौते की बातचीत का हवाला देकर अमेरिका से आयात होने वाली इन वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने के फैसले को लागू नहीं किया था। इस महीने 5 तारीख को राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत से जीएसपी दर्जा वापस लेने का निर्णय लिया था, जिसके जवाब में अब भारत ने अपने पिछले साल की घोषणा को लागू करने का निश्चय लिया है।

यूएस दुनिया की आर्थिक महाशक्ति है और वह राजनीतिक और सुरक्षा मामलों में समझौतों के लिए भी अपनी इसी आर्थिक शक्ति को एक हथियार के तौर पर प्रयोग करता है। ऐसा ही वह भारत के साथ करता आया है। जब भारत ने रूस से एस 400 डिफेंस सिस्टम को खरीदने की बात की थी, तो यूएस ने भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। इसके अलावा ईरान से कच्चे तेल आयात के मुद्दे पर भी यूएस ने भारत से सावधानी बरतने को कहा था। हालांकि, इन दोनों मुद्दों पर भारत ने अपने हितों को उपर रखते हुए रूस और ईरान के साथ इन समझौतों को जारी रखा और आखिर में अमेरिका को हार मानकर भारत को प्रतिबंधों से छूट देनी पड़ी।

यहां दिलचस्प बात यह है कि भारत के इस बड़े फैसले के कुछ दिनों बाद ही राष्ट्रपति ट्रम्प और पीएम मोदी के बीच उच्च स्तरीय वार्ता होने जा रही है। इस महीने 28 और 29 तारीख को जापान में जी20 देशों की बैठक है जहां भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसके अलावा इसी महीने के अंत में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी भारत का दौरा करने वाले हैं। ऐसे में भारत ने अमेरिका से आयात होने वाली 29 वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाकर यूएस को यह साफ संकेत दे दिया है कि वह अमेरिका के अड़ियल रवैये के सामने बिल्कुल नहीं झुकेगा और भारत सरकार देश हित को सर्वोपरि रखते हुए ही अपने फैसले लेती है।

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