देशभर में कांग्रेस की हुई बड़ी हार के बाद अब पंजाब कांग्रेस में भी उठापटक देखने को मिल रहा है। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और शहर विकास मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की तकरार काफी बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल आज सीएम अमरिंदर सिंह ने एक बैठक बुलाई थी जिसमे नवजोत सिंह सिद्धू शामिल नहीं हुए और इसके बाद उन्होने मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम अमरिंदर पर अपना गुस्सा फोड़ा। सिद्धू ने खुद को पार्टी की हार का दोषी बताए जाने पार गुस्सा जाहिर किया और कहा कि, अमरिंदर झूठ बोल रहे हैं।
गौरतलब है कि, 2019 के लोकसभा चुनाव में पंजाब की 13 सीटों में से 8 ही कांग्रेस के हाथ आई और अन्य सीटों पर मिली हार के बाद सीएम अमरिंदर काफी गुस्से में नजर आ रहे थे। वहीं उन्होने प्रदेश में हुई कांग्रेस की हार के बाद नवजोत सिद्धू को हो इसका दोषी करार दिया था जिसके बाद से दोनों के बीच में काफी दूरियां बढ़ती नजर आ रही हैं। अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सिद्धू हिस्सा नहीं बने जिसके बाद दोनों के बीच नाराजगी अधिक होने की चर्चा तेज हो गई है। यह तकरार इतनी अधिक बढ़ गई है कि, अब सिद्धू को स्थानिय निकाय मंत्रालय पद से हटा दिया गया है। जी हां हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सिद्धू से यह जिम्मेदारियां ले ली गई हैं, हालांकि अभी उनके पास शहरी एवं विकास मंत्रालय है। साथ ही वह कैबिनेट में भी अभी बने रहेंगे, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि, सिद्धू से यह बड़ी ज़िम्मेदारी भी छीनी जा सकती है। अमरिंदर के इस एक्शन से सिद्धू काफी नाराज हो गए और उन्होने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि “हार की ज़िम्मेदारी सामूहिक है और किसी एक पर इसका ठीकरा नहीं फोड़ा जा सकता है।
सिद्धू ने कहा ‘मैंने जहां भी प्रचार किया वहां पार्टी का अच्छा प्रदर्शन रहा है, लेकिन इसके बाद भी हार का जिम्मा मेरे सर पर फोड़ा जा रहा है”। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि, सिद्धू ने पार्टी के स्टार प्रचारक के तौर पर गए वहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में सिद्धू को बतौर मंत्री इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदारी ली जानी चाहिए। लेकिन सिद्धू ने अमरिंदर के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, वह झूठ बोल रहे हैं और मैं सच बोल रहा हूं”। बता दें कि, सिद्धू के खिलाफ कैबिनेट के कई मंत्रियों ने आवाज उठाई और सीएम अमरिंदर से मंत्री पद छीने जाने की गुहार लगाई थी। तो अब देखना होगा कि, क्या आने वाले समय में सिद्धू कैबिनेट का पद भी छीना जा सकता है।
आपको बता दें कि अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच जुबानी जंग और तकरार आज की नहीं है, इससे पहले भी कई बार देखने को मिल चुका है। जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी तो उस वक्त भी सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम देखने को मिला था और उन्होने कहा था “300 आतंकी मारे गए ‘हां या नहीं’, वहां आतंकी मारने गए थे या फिर पेड़ उखाड़ने गए थे, क्या ये सिर्फ एक चुनावी नौटंकी थी।“ इसपर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने करारा जवाब देते हुए कहा था कि “आतंकी मारा हो या 100, एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान को कड़ा सबक और संदेश दिया’।
ऐसे में अब अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच की टकराहट खुलकर सामने आ गई है और सीएम अमरिंदर सिद्धू पर राज्य में मिली हार का आरोप लगा रहे हैं। इससे पहले भी वह कह चुके हैं कि, पंजाब में हुई हार की वजह सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम ही है। जिसकी वजह से अब सिद्धू के खिलाफ न सिर्फ अमरिंदर हैं बल्कि कैबिनेट के कई मंत्री भी हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। लेकिन सिद्धू अभी भी अपना गुणगान करते हुए हार की ज़िम्मेदारी नहीं मान रहे हैं जिसका खामियाजा अब उनको अपना कैबिनेट मंत्रालय खोकर चुकाना पड़ सकता है। हालांकि अब यह तो आने वाले समय में ही साफ हो पाएगा कि सिद्धू से कैबिनेट का जिम्मा छीन पार्टी से बेदखल किया जाता है या नहीं।