पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से कभी भी बाज नहीं आता है, वह समय-समय पर ऐसी हरकतें करता ही रहता है जिससे दुनिया भर में उसकी जो छवि है वह कभी सुधार ही ना सके। इसका एक उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला जब इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा आयोजित की गई एक इफ्तार पार्टी में आए भारतीय मेहमानों के साथ पाकिस्तानी अधिकारियों ने बदसलूकी की। इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि, नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में न बुलाये जाने से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है और अपनी भड़ास वहां रह रहे भारतीय अधिकारियों को परेशान कर निकाल रहा है।
30 मई 2019 की वो तारीख थी जब नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और इसके साथ ही पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में माहौल गमगीन हो गया। उन्हे अब यह एहसास होने लगा कि, अब अगर उन्होने कोई नापाक हरकत की तो फिर से उन्हें घर में घुसकर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। लेकिन पाक ठहरा आखिर पाक जो अपनी नापाक हरकत से कभी भी बाज आने वाला नहीं इस बात को उसने एक बार फिर जाहिर किया है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा आयोजित करवाई गई इफ्तार पार्टी में राजनयिकों और दोस्तों को आमंत्रित किया था। इस दौरान पाकिस्तान के अधिकारियों ने मेहमानों के साथ बदसलूकी की, पार्टी में प्रवेश पर रोक लगाया साथ ही यह कहा जा रहा है कि, मेहमानों को फोन पर धमकाया भी गया। ऐसे में पाकिस्तान के इस असभ्य व्यवहार को लेकर भारत ने सख्त रुख अख़्तियार किया और मामले पर खेद जताया है। इस घटना के बाद भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारीया का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे वह कह रहे हैं “मैं उन लोगों का शुक्रिया करता हूं जो यहां आए..खासतौर पर उनका जो कराची और लाहौर से आए”। वह आगे कहते हैं कि, मैं उन लोगों से माफी मांगता हूं जो पाकिस्तानी अधिकारियों की वजह से इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं हो पाये। पाकिस्तान की यह हरकत उसकी नाकामी और शपथ ग्रहण समारोह में न बुलाये जाने और बेज्जती होने से गुस्सा होकर भड़ास निकालने को दर्शाती है। वह कहते हैं न ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ तो पाकिस्तान कुछ ऐसा ही व्यवहार कर रहा है।
एयर स्ट्राइक का दर्द झेल रहा पाक अंतराष्ट्रीय स्तर पर कुछ न कर पाने में भी नाकाम रहा है, जब आतंकी मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने से रोकने में चीन ने भी उसका साथ छोड़ दिया उसके बाद वह अलग-थलग पड़ गया। जाहिर है पाकिस्तान एक तरफ शांति बनाए रखने की बात करता है तो वहीं नापाक हरकत दिखा लगातार सीजफायर का उलंघन भी करता रहता है।
आपको बता दें कि, पाकिस्तान की यह हरकत कोई पहली बार नहीं है वह इससे पहले भी ऐसी ओछी हरकत कर चुका है। बात है पिछले साल मई 2018 की जब भारतीय उच्चायुक्तों को इस्लामाबाद के सच्चा सौदा गुरुद्वारे में कई घंटों तक कैद करके रखा गया था, इस घटना से भारत ने पाकिस्तान में रह रहे राजनायकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए थे। वहीं इसी साल अप्रैल में पाकिस्तान के अधिकारियों ने भारतीय राजनयिक और दूतावास के अधिकारियों को सीख श्र्द्धालुओं से मिलने पर रोक लगा दी थी जिसके बाद भारत ने पाक की इस हरकत के लिए उसको जमकर फटकार लगाई थी। इसके अलावा 4 दिसंबर 2018 को सेरेना होटल में भारतीय उपायुक्त और उच्चायुक्त की जासूसी कारवाई थी। 2018 में पाक ने इस्लामाबाद में बन रहे भारतीय उच्चायुक्त के निर्माणाधीन क्वार्टर में आईएसआई ने छापेमारी की थी, वहां रह रहे भारतीय लोगों के इलाकों में बिजली काटकर उन्हे परेशान करने जैसी पाक की नापाक हरकत के कई उदाहरण पिछले कुछ सालों में देखने को मिलते रहे है।
पाकिस्तान को दुनिया के समाने उस वक्त सबसे अधिक शर्मशार होना पड़ा था जब अबु धाबी में आयोजित हुई ओआईसी (इस्लामिक संगठन) की मीटिंग में शामिल नहीं हुआ था। 50 सालों बाद पहली बार ऐसा हुआ था जब पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया था और यह पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका था क्योंकि वह इस सबसे बड़ी इस्लामिक मीटिंग में शामिल नहीं हो पाया था। इस मीटिंग में भारत को शामिल किए जाने की वजह से पाकिस्तान ने अपनी दूरी बना ली थी, ऐसे में इन सब रणनीतियों के बावजूद भी वह लगातार भारत के सामने असफल होता रहा। यही नहीं पुलवामा हमले के बाद जिस तरह से उसको एर स्ट्राइक का दर्द उठाना पड़ा है वह भी उसके लिए एक बड़ा सबक रहा जिसके बाद अब वह वहीं पर भारतीय उच्चायुक्तों को परेशान कर रहा है।