जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 58 नवनिर्वाचित सांसदों के साथ नए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की शपथ ली, तो राष्ट्रपति भवन का प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से सबसे ज़्यादा तब गूंजा, जब सादे कपड़ों में एक व्यक्ति ने अपने पद के लिए शपथ ली थी। ये व्यक्ति थे ओडिशा से भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी जिन्हें ‘ओडिशा के मोदी’ के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान सरकार में उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में राज्य मंत्री का दायित्व सौंपा गया है। सोमवार को उन्होंने अपने पहले ही भाषण से सभी को चौंका दिया।
मौका था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का, और केंद्र सरकार की तरफ से इसे पेश किया केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री प्रताप चंद सारंगी ने। अपने पहले ही भाषण में उन्होनें विपक्ष और देश को बता दिया कि अब निचले सदन में एक और मजबूत नेता आ गया है जो प्रखर वक्ता भी है और ज्ञानी भी। उन्होनें अपने भाषण के दौरान संस्कृत, हिन्दी, इंग्लिश, ओडिया, बंगला का प्रयोग करते हुए कांग्रेस के शासनकाल के सभी घोटालों और भ्रष्टाचार खोल कर रख दिया। आपातकाल हो या घोटालों की फेहरिस्त, बालाकोट एयरस्ट्राइक हो या तुष्टिकरण की राजनीति हर मुद्दे पर उन्होंने विपक्ष को लताड़ा। ऋग्वेद, गीता, रामचरित मानस और वेदों के मंत्रों, श्लोकों और सूक्तियों के उल्लेख ..के साथ ही अलग अलग भाषाओँ में अपने भाषण से सभी को आश्चर्य चकित कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने ये दिखा दिया कि एक जमीन से जुड़े नेता में कितना ज्ञान का भंडार है जो हर भाषा का सम्मान भी करता है।
भाषण को प्रारम्भ करते हुए उन्होंने सामान्य परिवार से आने वाले एक सांसद को कैबिनेट में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री को ध्न्यवाद किया। उन्होनें कहा,”मेरे जीवन के आदर्श स्वामी विवेकानंद है। और उनका नाम भी नरेंद्र दत्त था। और हमारे प्रधानमंत्री का भी नाम नरेंद्र ही है। एक सामान्य से चायवाले से प्रधानमंत्री तक के सफर को देखने वाले नरेंद्र मोदी ही है जिन्होंने गरीबो का दर्द देखा व महसूस किया है।“ इस पर विपक्ष हंगामा करने लगा तब उन्होंने अपने हमले तेज़ करते हुए कहा,”इतना इंटोलेरंस क्यों भाई।“
सारंगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘यूपीए शासन के दौरान देश मे 2 जी, कोयला जैसे घोटाले होते रहे और एक्सिंडेंटल प्रधानमंत्री एक म्यूट स्पेक्टेटर बने रहे।‘ उन्होंने कांग्रेस के प्रथम परिवार यानि गांधी परिवार को भी आड़े हाथों लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष मोदी सरकार को गरीब, किसान और महिला विरोधी बताने कि कोशिश करता रहा लेकिन जनता ने इस बार चुनाव में सभी को सबक दे दिया। सीधा-सादा जीवन जीने के लिए प्रसिद्ध सारंगी ने कहा कि ‘करारी हार के बाद विपक्ष को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और उदार होकर अभूतपूर्व जनादेश पाने वाले मोदी की प्रशंसा करनी चाहिए।‘
उन्होंने आगे कहा, “मुझे याद है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1971 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रशंसा की थी। यह भी विपक्ष का एक अभिन्न कर्तव्य है। लेकिन हमारा मौजूदा विपक्ष ऐसा कभी नहीं करता- क्यों है।”
“लोगों ने भाजपा को वोट दिया है जिसमें हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि मैं आपका प्रधान सेवक हूं। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास में भारतीय मूल्यों की भावना समाहित है, जिसे उन्होनें लागू किया है।“ इसपर उन्होंने रामचरित मानस का एक पद कहा,” रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जय पर वचन ना जाए।।“अर्थात अपने प्रधानमंत्री मोदी ने जो भी वादे जनता से किये उसे पूरा भी कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद करते हुए, सारंगी ने कहा कि हीरो का महत्व बताने के लिए एक खलनायक की आवश्यकता थी और कांग्रेस ने वही काम किया है। इसी पर उन्होंने राम और कैकेयी (रामायण के पात्र) के बीच एक संवाद भी सुनाया। और फिर से रामचरित मानस का एक पद सुनाया जो इस प्रकार है।
बंदउँ संत असज्जन चरना। दुःखप्रद उभय बीच कछु बरना॥
बिछुरत एक प्रान हरि लेहीं। मिलत एक दुख दारुन देहीं॥ 2॥
इन पंक्तियों के सहारे उन्होंने मनुष्यों (संत) और आसुरी स्वभाव वाले मनुष्यों (असंत) की जरूरत को समझाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, जिस तरह संत का बिछुड़ना प्राण निकलने के समान दुखदायी होता हैं और असंत का मिलना अत्यन्त दुखदायी होता हैं
अपने भाषण में आगे उन्होंने उत्तर प्रदेश में मोदी को हराने के लिए बने महागठबंधन का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों ने मिलावट को खारिज कर दिया और शुद्धता को स्वीकार कर लिया। सारंगी ने कहा कि ‘विपक्ष मोदी से ईष्र्या करता है और उसे टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए।‘ उन्होंने कहा कि ‘देश में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।‘ प्रताप सारंगी ऐसे लोगों पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि, ‘जो लोग कहते हैं कि भारत के टुकड़े-टुकड़े करने तक जंग जारी रहेगी, और पाकिस्तान जिंदाबाद, अफजल गुरू जिंदाबाद, क्या ऐसे लोगों को देश में रहने का अधिकार है?
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि यह पहली सरकार है और मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने हर साल विभिन्न स्थानों पर जाकर अपने कामकाज का हिसाब जनता को दिया। जनता ने काम के आधार पर फिर मोदी को चुना है इसलिए हम जनता के आभारी हैं