बॉलीवुड किंग कहे जाने वाले एक्टर शाहरुख खान ने भारतीय सिनेमा में लगभग 3 दशक तक अभिनय किया है। बॉलीवुड में शाहरुख खान के 27 साल पूरे भी पूरे हो चुके हैं। उन्होंने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘स्वदेस’, ‘बाज़ीगर’ और ‘चक दे इंडिया’ जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई और लोगों ने उन्हें खूब प्यार भी दिया। भारतीय सिनेमा के फैंस ने उनको इतना प्यार दिया कि शाहरुख खान बॉलीवुड की लाइफलाइन बन गए। हालांकि, उनके करोड़ों भारतीय फैंस को झटका तब लगा जब उन्होंने वर्ष 2015 में इंडिया टुडे यह कहा कि भारत में ‘अत्याधिक असहिष्णुता’ बढ़ रही है और लोगों में सहनशीलता लगातार कम होती जा रही है। जाहिर है, भारत जैसे शांतिप्रिय और सर्वाधिक सहिष्णु देश के लोगों को असहिष्णु कहना, शाहरुख के चाहने वालों को जरा भी पसंद नहीं आया और उसके बाद से ही उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप होती जा रही हैं। उनकी अभी हाल ही में आई फिल्म ‘ज़ीरो’ भी पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई। उन्होंने कहा है कि ‘उनका और फिल्में करने का दिल नहीं कर रहा है।‘
पिछले वर्ष दिसंबर में शाहरुख खान की फिल्म ‘ज़ीरो’ रिलीज़ हुई थी, और इससे शाहरुख खान को बहुत उम्मीदें थी। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्ष 2013 में चेन्नई एक्स्प्रेस के रिलीज़ होने के बाद से शाहरुख खान की कोई भी फिल्म बड़ी स्क्रीन पर बड़ा कमाल नहीं दिखा पाई। अभी स्थिति ये है कि भारत में कमाई के मामले में शाहरुख खान की कोई भी फिल्म टॉप 10 फिल्मों की सूची में नहीं है। उनकी फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस 11वें स्थान पर आती है। लेकिन ‘जीरों’ भी कोई खास कमाल नहीं कर पाई और उनकी फ्लॉप फिल्मों की सूची में एक और नया नाम जुड़ गया।
शाहरुख खान इसके बाद से इतने हताश हैं कि ज़ीरो के बाद उन्होंने एक भी फिल्म साइन नहीं की है। यहां तक कि अन्तरिक्ष यात्री राकेश शर्मा पर बनने वाली फिल्म ‘सारे जहां से अच्छा’ से भी उनहने हाथ खींच लिए। उन्होंने अपने हाल ही में दिये बयान में कहा है ‘मैं इस वक्त किसी फिल्म में काम नहीं कर रहा हूं। आमतौर पर पर ऐसा होता है कि जब मेरी एक फिल्म खत्म होती है, तब दूसरी फिल्म में काम शुरू कर देता हूं। इस तरह मैं तीन-चार महीनों के लिए व्यस्त हो जाता हूं। लेकिन ‘जीरो’ में काम करने के बाद मेरा दिल नहीं कह रहा है कि मैं अभी फिल्म करूं। मुझे लगता है कि मुझे थोड़ा समय लेना चाहिए, फिल्में देखनी चाहिए, कहानी सुननी चाहिए और अधिक से अधिक किताबें पढ़नी चाहिए’।
हालांकि, अपने पतन की कहानी उन्होंने खुद वर्ष 2015 में ही लिख दी थी। उस वक्त उन्होंने इंडिया टूड़े के पत्रकार राजदीप सरदेसाई को एक साक्षात्कार दिया था। सारदेसाई ने उनसे पूछा कि क्या वे मानते हैं कि भारत में असहिष्णुता बढ़ी है? और उसपर उनके क्या विचार हैं? तब शाहरुख खान ने जो जवाब दिया था, उसने उनके करोड़ो फैंस को निराश किया था। शाहरुख ने तब कहा था ‘ जी हां, भारत में असहिष्णुता बढ़ी है, भारत में अत्याधिक असहिष्णुता बड़ी तेजी से बढ़ रही है। लोग बिना कुछ सोचे हवा में आरोप लगा रहे हैं। एक तरफ हम नए भारत की बात कर रहे हैं, आधुनिक भारत की बात कर रहे हैं, लेकिन हम सिर्फ बात करते रह जाते हैं, और कहने को हमारा देश धर्म निरपेक्ष है’। आखिर में उन्होंने सभी को नसीहत देते हुए यह भी कहा कि भारत की युवा पीढ़ी को धार्मिक असहिष्णुता से दूर रहना चाहिए’।
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब निंदा हुई थी और लोगों ने उनकी फिल्मों का बहिष्कार करने की मुहिम चलाई, और नतीजा यह निकला कि उसके बाद से उनकी लगभग सभी फिल्में फ्लॉप साबित हो रही हैं। वर्ष 2015 के बाद से उनकी कुल 6 फिल्में आई हैं जिनमें से यदि रईस को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी फिल्मों का प्रदर्शन औसत रहा है तो कुछ बुरी तरह फ्लॉप हुई हैं। वर्ष 2015 में दिलवाले, वर्ष 2016 में फ़ैन, वर्ष 2017 में जब हैरी मैट सैजल’ और वर्ष 2018 में ज़ीरो, एक के बाद शाहरुख खान की फिल्में परदे पर दम तोडती नजर आयीं। और आज आलम यह है कि शाहरुख खान अब फिल्में ही नहीं करना चाहते हैं।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहां सबको अपने धर्म का अनुसरण करने की पूरी आज़ादी है। इतना ही नहीं, भारत दुनिया का सबसे सहिष्णु देश भी हैं, जहां रहने वाले अलग-अलग धर्मों के करोड़ो लोग एक दूसरे के साथ मील-जुल कर रहते हैं। हालांकि, वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की जीत के बाद से देश में अचानक से ‘असहिष्णुता गैंग’ सक्रिय हो गई और भारत में बढ़ती असहिष्णुता का ढोल पीटना शुरू कर दिया। शाहरुख खान ने भी तब भारत में असहिष्णुता का राग अलापा था जो बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं था। यही कारण है कि आज लोगों ने उनको पूरी तरह नकार दिया है और उनका करियर अब खात्मे की ओर अग्रसर है।