26 वर्ष की उम्र में गोरखपुर लोकसभा सीट से सबसे कम उम्र के सांसद चुनकर आए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का 5 जून यानि की आज जन्मदिन है, हर कोई उनको जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहा है जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हैं। पीएम मोदी ने उनके कार्यकाल में किए गए शानदार काम को बढ़ावा देने और प्रदेश को नई दिशा दिलाने मे कारगर रहने पर बधाई दी। आपको बता दें योगी आदित्यनाथ आज 47 वर्ष के हो गए हैं और बतौर यूपी के सीएम रहते हुए उनका 2 साल का कार्यकाल काफी शानदार रहा। 5 जून 1972 को उत्तराखंड(तब उत्तर प्रदेश था) के पौड़ी गढ़वाल राजपूत परिवार में जन्मे योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। एक योगी से राजनेता बनने का उनका सफर काफी यादगार और प्रेरणादायक है, ऐसे में आज उनके जन्मदिन पर हम उनके दो साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में लिए गए फैसलों और कार्यों पर एक नजर डाल लेते हैं जो प्रदेश को विकास की राह पर आगे बढ़ा रहा है।
उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद किया गुंडों का सफाया
बुलंद आवाज, सख्त प्रशासक वाली शख्सियत से उन्होंने आज खुद को एक जननेता के रूप में साबित किया है। 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम चुना गया, प्रदेश का सीएम चुने जाने पर उनके पिता आनंद सिंह ने बधाई देते हुए कहा था कि, आदित्यनाथ को पीएम मोदी की तरह ‘सबका साथ सबका विकास’ की तर्ज पर काम करते हुए यूपी से गुंडों का सफाया करना होगा। सीएम पद ग्रहण करने के बाद वह लगातार प्रदेश की जनता के लिए तत्पर रहे और उन्होने अपने दो साल के कार्यकाल में ही यूपी से गुंडों को सबक सिखाने का काम किया। गौरतलब है कि, उत्तरप्रदेश देश के उन राज्यों में से एक था जहां बदमाशी और गुंडागर्दी अपने चरम पर थी, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही प्रदेश की कमान संभाली उसके बाद से दिशा बदलनी शुरू हो गई। आंकड़ों की बात करें तो योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के करीब 10 महीने के अंदर ही 900 से अधिक एनकाउंटर कर 31 बदमशों को ढेर कर दिया, इस तरह से अपराधियों के सफाये के लिए लगातार पुलिस अधिकारियों की स्पेशल टीम ने हर उन इलाकों की घेराबंदी कर बदमशों को धर दबोचा और उनको सलाखों के पीछे भेजा। लड़कियों और महिला सुरक्षा के लिए उन्होने ‘एंटी रोमियो स्क्वाड’ का निर्माण किया, इस टीम ने मनचलों पर लगाम लगाने की दिशा में काम किया। सीएम योगी की सख्त छवि और तत्काल रूप से एक्शन लेने की जो कार्यप्रणाली रही उसने प्रदेश के बदमशों की नींद उड़ा दी और हाल यह हुआ कि आज या तो बदमाश अपने रास्ते बादल दे रहे हैं या खुद पुलिस के सामने सरेंडर करने पर मजबूर हैं। यही नहीं यूपी में क्राइम रेट का ग्राफ भी तेजी से नीचे गिरा।
इन्सेफेलाइटिस के मामलों में कमी
सीएम योगी के गोरखपुर में एक गंभीर बीमारी का जाल था जिससे हर साल कई बच्चों की जान चली जाती थी। इन्सेफेलाइटिस जैसे दिमागी बुखार को खत्म करने के लिए सीएम ने देश के साथ ही विदेशी डॉक्टरों की टीम लगा दी जिससे लगातार हो रही घटनाओं को रोका जा सके। अगस्त में एक रिपोर्ट सामने आई जिसमें राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ ने बताया कि, एक्यूट इंसेफेलाइटिस और जापानी इंसेफेलाइटिस के 1427 मामले सामने आये जिसमें से 111 रोगियों की मौत हुई। हालांकि ये आंकड़े पिछले वर्षों की तुलना में कम रहे।” उन्होंने आगे बताया कि, “वर्ष 2017 में एक्यूट इंसेफेलाइटिस और जापानी इंसेफेलाइटिस के 5400 मामले सामने आये थे जिसमें 748 की मौत हुई थी जबकि 2016 में 4353 मामले सामने आये थे जिसमें 715 की मौत हुई थी।” ये आंकड़े बताते हैं कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष इंसेफेलाइटिस और जापानी इंसेफेलाइटिस के रोगियों में कमी आई है और ये राज्य सरकार के सफल प्रयासों को दर्शाता है।
आपको बता दें कि, इंसेफेलाइटिस का प्रकोप गोरखपुर में करीब चालीस साल से चला आ रहा है लेकिन जितनी भी सरकारें आई उन्होंने इस गंभीर समस्या को खत्म करने का कोई भी प्रयास नहीं किया।
धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में सराहनीय काम
प्रदेश को गुंडाराज से निजात दिलाने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने बतौर सीएम रहते हुए अपने दो साल के कार्यकाल में धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र में भी काफी सुधार किए हैं। इस साल प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ मेले ने वैश्विक स्तर पर ख्याति हासिल की है जिससे गिनीज़ बुक में भी तीन रिकॉर्ड दर्ज हुआ। यह रिकॉर्ड ‘एक स्थान पर सबसे ज्यादा भीड़ एकत्र करने, सबसे बड़ा स्वछता अभियान और सार्वजनिक स्थल पर सबसे बड़ा चित्रकला कार्यक्रम करने में कुंभ मेला 2019 गिनीज़ बुक में दर्ज हुआ। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के नेतृत्व में 10,000 सफाईकर्मियों ने एकसाथ सफाई करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इसके अलावा काशी विश्वनाथ में कॉरीडोर, अयोध्या एयरपोर्ट का विस्तार जैसे कई काम शामिल हैं जिससे प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिला है।
मेक इन यूपी की शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने ‘मेक इन यूपी’ कार्यक्रम की शुरुआत की और इसी दिशा में नोएडा में दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री का उदघाटन किया। इससे प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। 35 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री में फ़ोन और फ्रिज दोनों के निर्माण में वृद्धि होगी। भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में ये एक बड़ा और बढ़िया कदम है। दक्षिण कोरिया की ये बड़ी मोबाइल कंपनी हर साल भारत में करीब 60 मिलियन स्मार्टफोन बनती है जो इस प्लांट के शुरू होने से 12 करोड़ तक पहुंच जाएगा। इस तरह से मोबाइल का निर्माण भारत में और तेजी से बढ़ जायेगा। पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का भी योगी बखूबी पालन किया और कुम्भ मेले के लिए की गयी तैयारियों से सभी को दिखा भी दिया कि वो अपनी इस मामले में कितने दृढ़ हैं।
‘मेक इन इण्डिया’ की तर्ज पर ‘मेक इन यू0पी0’ के अभियान को सफल बनाने की योजनाएं बनायी जाएं: #UPCM श्री योगी आदित्यनाथ pic.twitter.com/r5al1CzXM2
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 18, 2017
लापरवाह और भष्ट पुलिस अधिकारियों पर सख्ती
उत्तरप्रदेश में जिस तरह से समाजवादी सरकार के कार्यकाल में पुलिस प्रशासन लापरवाह, बदमाशों पर एक्शन लेने में ढिलाहवाली करने का जो रवैया था उसको सीएम योगी ने कमान संभालते ही सुधारा। प्रदेश के सभी अफसरों को पुलिस स्टेशन में समय से न पहुंचने पर फाइन, स्वच्छता का ख्याल न रखने पर सख्ती बरती जिससे आज प्रदेश के सभी अधिकारी जनता कि मुश्किलों को दूर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। साथ ही प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों का तबादला या उनपर कड़ी कारवाई कर सभी नौकरशाहों के होश ठिकाने लगाए। प्रदेश में योगी का खौफ ऐसा रहा कि सभी अधिकारी खुद दफ्तर पहुंच कर थाने की सफाई करते नजर आए थे, इस घटना के कई वीडियो भी वायरल हुए थे जिससे हर कोई सीएम यीगी आदित्यनाथ की तारीफ करता नजर आया था। यही नहीं घोटाला करने में लिप्त पाए गये अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई करने से भी योगी आदित्यनाथ नहीं चूके। यही नहीं योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करते हुए अपनी ही सरकार के तीन मंत्रियों के निजी सचिवों को निलंबित करने से भी पीछे नहीं हटे।
प्रदेश में एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रोजगार दिलाने का काम
उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में रोजगार के नए अवसर, जाम से निजात, प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए चार एक्सप्रेस वे (पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, लिंक रोड एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे) पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि, यूपी में अगले विधानसभा चुनाव होने से पहले इन सभी का निर्माण पूरा हो जाएगा। एक आंकड़े के मुताबिक इन एक्सप्रेस वे के निर्माण से 50 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे साथ ही व्यापार और विकास की दिशा में प्रदेश को एक नई राह मिलेगी।
आज योगी आदित्यनाथ की के प्रयासों की वजह से यूपी में गुंडागर्दी पर काफी हद तक लगाम लगा है. पर्यटन को बढ़ावा मिला है, प्रदेश डिजिटल इंडिया की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है.प्रदेश में हिंदू विरासत को बहाल करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। अतीत में आक्रमणकारियों द्वारा किये गये बदलावों को पुनः स्थापित कर रहे हैं। इलाहाबाद का नाम बदलकर फिर से प्रयागराज करना इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आने वाले समय में यूपी की सूरत और ज्यादा बदलने वाली है. ऐसे कई और बड़े विकास कार्य हमें यूपी में देखने को मिल सकता है।