देश के गृह मंत्री अमित शाह की नीति कश्मीर को लेकर स्पष्ट है। उनके लिए आम कश्मीरियों के प्रति कोई कोई घृणा नहीं है, परंतु देशविरोधी गतिविधियों का समर्थन करने वालों के लिए उनके हृदय में दया का कोई भाव भी नहीं है। सदन में चर्चा के दौरान जब उन्होंने बताया कि धारा 370 स्थायी नहीं है, तभी कश्मीर नीति पर इनकी मंशा जगज़ाहिर हो चुकी थी।
अब सूत्रों की माने, तो अमित शाह ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित घर वापसी के लिए एक नई नीति तैयार करने की ओर अपने कदम बढ़ा दिये हैं। गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने पिछले एक महीने में गृह मंत्रालय के कश्मीरी विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ कई अहम बैठकें की हैं। राज्य में सक्रिय रणनीति के साथ बाहरी व आंतरिक देशविरोधी गतिविधियों से निपटते हुए शाह कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास करवाना चाहते हैं।
आपको बता दें कि कश्मीरी पंडित प्रारम्भ से राज्य के मूलनिवासी रहे हैं। 1989 में घाटी में प्रारम्भ हुए उग्रवाद के कारण लाखों कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा था, और कई लाख कश्मीरी पंडितों को अपने प्राण भी गंवाने पड़े। कश्मीर घाटी से पलायन कर चुके इन कश्मीरी पंडितों की संख्या लगभग तीन लाख हैं।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए सुरक्षित रिहायशी क्षेत्र बनाने पर विचार कर रही है। इसके बारे में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव भी पुष्टि कर चुके हैं। यह योजना 2015 में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव से अधिक प्रभावी होगी।
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास योजना के अलावा हमारे गृहमंत्री कल्याणकारी योजनाओं पर भी ध्यान दे रहे हैं, जिसमें विशेष रूप से आतंक से प्रभावित प्रदेश में निवास कर रही विधवाओं, पीड़ित लोगों, विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित योजनायें शामिल हैं।
इन योजनाओं पर सहमति जताते हुए जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को संकेत दिया कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए सरकार आवश्यक नीति बनाने जा रही है। ऐसे में यदि इन पंडितों को वापिस लाने में वर्तमान प्रशासन सफल रहता है, तो यह निर्णय कई वर्षों तक लोगों को याद रहेगा। राज्यपाल के अनुसार अगर सब कुछ सही रहा तो इस नीति की घोषणा जल्द ही की जाएगी। सूत्रों ने बताया कि अगले महीने अमरनाथ यात्रा के समापन के बाद सरकार अपनी नीति की घोषणा कर सकती है जोकि कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजना में बदलाव की एक मिसाल होगी।
इससे पहले, लोकसभा में 16 जुलाई को एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी इस नीति की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने घाटी में 920 करोड़ रुपये की लागत से 6,000 ट्रांजिट आवास के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है। ज़ी न्यूज़ से चर्चा के दौरान गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अमरनाथ यात्रा सम्पन्न होने के पश्चात इस नीति की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
अमित शाह इससे पहले भी कश्मीर नीति में अपनी चर्चा में कई बार कश्मीरी पंडितों का उल्लेख किया है। जिस तरह उन्होंने कश्मीरी पंडितों का उल्लेख किया है, उससे साफ पता चलता है कि इन सभी का अमित शाह के लिए क्या महत्व है। अन्य सरकारों की तरह अमित शाह कश्मीरी पंडितों को अनदेखा नहीं आकर रहे बल्कि उन्हें उचित सम्मान दिलाने के लिए सफल प्रयास भी कर रहे हैं।