आज से लगभग 7 साल पहले अरविंद केजरीवाल ने जब ‘आम आदमी पार्टी’ के नाम से अपनी एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी तो दावे किए थे कि यह पार्टी सबसे अलग होगी। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी लड़ाई भ्रष्ट तंत्र से है और वे देश से ‘परिवारवाद की राजनीति’ को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। हालांकि, लोकतन्त्र को बचाने की दुहाई देकर सत्ता पर काबिज होने वाली ‘आप’ की आज हालत यह हो गयी है कि वह अपने वर्चस्व को बचाने के लिए अब फेक न्यूज़ का सहारा ले रही है। दरअसल, कुछ दिनों पहले आम आदमी पार्टी की एक महत्वपूर्ण सदस्य आतिशी मार्लेना ने गुजरात में बनी स्टैच्यु ऑफ यूनिटी की दिल्ली में निर्माणाधीन ‘भारत के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ तुलना करते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डाली जिसमें उन्होंने यह दावा किया कि दिल्ली में स्टैच्यु ऑफ यूनिटी के एक तिहाई खर्चे में ही सीवर ट्रीटमैंट प्लांट बनाया जा रहा है और अभी भारत में किसी मूर्ति से ज़्यादा पानी की ज़्यादा ज़रूरत है।
आतिशी मार्लेना ने 4 दिनों पहले अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक फोटो पोस्ट की जिसमें ऊपर बड़े-बड़े शब्दों में लिखा था ‘वीज़न और प्राथमिकताएं’ मायने रखती हैं। इसके नीचे एक तरफ स्टैच्यु ऑफ यूनिटी की फोटो थी और दूसरी तरफ एक आधुनिक सीवर ट्रीटमेंट की तस्वीर थी। फोटो के मुताबिक स्टैच्यु ऑफ यूनिटी के निर्माण की कुल लागत 3500 करोड़ थी जबकि दिल्ली के ओखला में मात्र 1161 करोड़ रुपये में सीवर ट्रीटमैंट प्लांट बनाया जा रहा है। फोटो में नीचे लिखा है कि भारत के 50 प्रतिशत लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं, ऐसे में मूर्तियों के निर्माण से पहले पानी की समस्या का निवारण करने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।
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हालांकि, अपनी इस पोस्ट में आतिशी मार्लेना ने कई ऐसे तथ्यों को छुपाया जिनका लोगों के सामने आना बेहद जरूरी था। दरअसल, सबसे बड़ी बात यह है कि स्टैच्यु ऑफ यूनिटी बनकर तैयार हो चुका है जबकि दिल्ली का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट अभी निर्माणाधीन है, यानि अभी कोई यह नहीं बता सकता कि इस प्लांट के निर्माण में कुल कितना खर्चा आएगा। इसके अलावा आतिशी ने यह भी सबसे छुपाया कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण की कुल लागत का 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा ही फंड किया जाएगा।
अभी हाल ही में 8 जुलाई को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी, और इस प्रोजेक्ट की वर्ष 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। अब यह सवाल उठता है कि आतिशी द्वारा साझा की गई सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की फोटो कहां से आई? दरअसल, गूगल रिवर्स सर्च करने पर यह सामने आया कि यह फोटो वर्ष 2015 में कैलिफोर्निया में क्लिक की गई थी। यानि यह फोटो भी पूरी तरह भ्रामक साबित हुई।
हालांकि, आतिशी मार्लेना की फेक न्यूज़ यही खत्म नहीं होती। अपनी पोस्ट में मार्लेना ने स्टैच्यु ऑफ यूनिटी की जितनी लागत को अंकित किया है, वह भी भ्रामक है। स्टैच्यु ऑफ यूनिटी के निर्माण में 2990 करोड़ रुपये खर्च हुए थे जबकि आतिशी ने इसे 3500 करोड़ बताया है।
अगले साल यानि वर्ष 2020 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन उपलब्धि के नाम पर केजरीवाल सरकार के पास निल बटे सन्नाटा है, और यही कारण है कि अब आम आदमी पार्टी ने अपनी वोटबैंक की राजनीति को साधने के लिए लोगों की आंखों में धूल झोंकना शुरू कर दिया है। पिछले 4 वर्षों में दिल्ली सरकार ने दावों और वादों की राजनीति करने में विश्वास रखा जबकि जमीनी स्तर पर लोगों की मुश्किलों में कोई कमी नहीं आई।
यही कारण था कि इन लोकसभा चुनावों में दिल्ली में पार्टी के खाते में 1 भी सीट नहीं आई और पार्टी को भाजपा के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। अब विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी हित में आप के नेताओं ने झूठ फैलाना शुरू कर दिया और आने वाले दिनों में इसकी तीव्रता बढ़ने के पूरे आसार हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी के झूठे एजेंडे से हम सबको बचकर रहने की आवश्यकता है।