लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल देने का वादा किया था, सरकार बनने के बाद पीएम मोदी ने जल शक्ति मंत्रालय का गठन कर अपने इस वादे को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया था। इस मंत्रालय का जिम्मा गजेंद्र सिंह शेखावत को सौंपा गया है। मोदी सरकार द्वारा जल संसाधन, नदी विकास, गंगा कायाकल्प, पेयजल समस्या और स्वच्छता जैसे विभागों को एक मंत्रालय के अंतर्गत लाया गया है, जिसे जल शक्ति मंत्रालय का नाम दिया है। यह देश भर में लोगों को स्वच्छ पेयजल देने के साथ ही गंगा को अविरल करने की दिशा में काम करेगा।
आज पूर्ण बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने भी अपने भाषण में जल शक्ति मंत्रालय का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि यह मंत्रालय वर्ष 2024 तक जलजीवन मिशन के तहत ‘हर घर तक जल’ के सपने को पूरा करने की दिशा में काम करेगा। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ‘यह सरकार जल संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार ने 1592 ऐसे ब्लॉक्स को चिह्नित किया है जहां भूजल और अन्य जल संसाधनों का जरूरत से ज़्यादा इस्तेमाल किया जाता है। सरकार का इन जगहों पर ध्यान केन्द्रित रहेगा’।
भारत चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और भारत अभी भयंकर जल संकट से जूझ रहा है। बारिश काम होने से इस साल जून महीना पिछले 5 सालों के मुक़ाबले सबसे सूखा रहा। पिछले साल नीति आयोग ने भारत में जल संकट के ऊपर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें बताया गया था कि वर्ष 2020 तक भारत के 21 बड़े शहरों का भू-जल स्तर खतरनाक रूप से कम हो जाएगा। इसी रिपोर्ट में भारत में पीने लायक पानी की कमी की समस्या और घटते जल संसाधनों को भी प्रकाशित किया गया था।
भारत में जल संरक्षण को लेकर लोगों और सरकारों का रुख काफी निराशाजनक रहा है। आज आलम यह है कि भारत सिर्फ 8 प्रतिशत बरसाती पानी को ही संरक्षित कर पाता है जो कि बेहद चिंतनीय है। भारत में दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी रहती है जबकि देश के पास दुनिया के सिर्फ 4 प्रतिशत जल-संसाधन ही मौजूद है। ऐसे में भारत में जल्द से जल्द लोगों को जल संरक्षण के लिए जागृत करने की आवश्यकता है और नई सरकार ने अपने पहले महीने में ही यह दर्शा दिया है कि वह इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मोदी सरकार ने पहली बार ‘जल शक्ति’ के नाम से एक ऐसे मंत्रालय का गठन किया जिसका एकमात्र मकसद जल संसाधन से जुड़े अहम फैसलों पर जल्द से जल्द महत्वपूर्ण फैसले लेना है । इसके अलावा स्वयं प्रधानमंत्री मोदी भी ‘जल शक्ति’ अभियान को एक बड़ा रूप देने की तैयारी में हैं। पिछले हफ्ते दक्षिण ब्लॉक में पीएम मोदी ने कई मंत्रियों के साथ एक बैठक की जिसमें ‘जल शक्ति’ मंत्रालय के अफसर भी शामिल थे। इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह उनकी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वच्छ भारत मिशन को प्राथमिकता दी गई थी, अब नई सरकार के कार्यकाल में जल शक्ति मिशन को एक जन-अभियान में बदलने का प्रयास किया जाएगा।
पानी की बचत आज देश की सबसे बड़ी जरूरत है और अगर इसपर जल्द से जल्द कोई काम शुरू नहीं होता है तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। आज के बजट पर नज़र डाली जाए तो जल संरक्षण को लेकर भारत सरकार का रवैया काफी आशाजनक दिखाई दे रहा है जो कि भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है।