उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की एक बेहद ही शर्मनाक घटना में 6 वर्षीय बाघिन को हथियारों से लैस एक भीड़ ने हमला कर दिया था। इस हमले का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें उस असहाए जानवर को पीटा जा रहा था। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए 31 ज्ञात और 12 अज्ञात लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की, और इसके साथ ही जिलाधिकारी ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए भी दिए हैं।
As long as there are ppl like this in India , environment cannot be saved … There should be strict punishment for them … the man had no business to encroach the Tigress habitat
— Annu (@AnnuHappy) July 26, 2019
पीलीभीत टाइगर रिसर्व के फील्ड डाइरेक्टर एच राजमोहन ने बताया, ”बाघिन की उम्र करीब 5-6 वर्ष थी। उसके पूरे शरीर पर घाव हैं और हड्डियां टूटी मिली थी। उसके शरीर के लगभग हर हिस्से पर भाले जैसे धारदार हथियार के वार से चोटें लगी थीं।“ रिपोर्ट्स के मुताबिक, वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुँच गई थी, लेकिन गुस्से में गांव वालों ने उन्हें उसे अस्पताल नहीं ले जाने दिया।
इस घटना की चारो तरफ निंदा हुई और इस पर कड़ी कारवाई की मांग की गयी। इसी घटना को लेकर कई पशु प्रेमीयों ने अपनी आपति जताई और पीलीभीत पुलिस से जानकारी मांगी। इसी मामले पर अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा ने एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया जिसमें लिखा था,”बाघिन को बचाया जा सकता था क्योंकि वन विभाग के अधिकारी समय पर घटनास्थल पर पहुंच गए थे। लेकिन उनका बाघिन को 9 घंटे में भी न बचा पाना उनके प्रतिकूल परिस्थितियों में वन्यजीवों की रक्षा करने में असमर्थता को दिखाता है।“
“The tigress could have been rescued and given timely medical aid as the forest officials had reached the spot. But their inability to rescue the injured big cat in a span of over nine hours undoubtedly reflects their inability in protecting wildlife in adverse situations.” https://t.co/Nmibo4vnG6
— Dia Mirza (@deespeak) July 26, 2019
दिया मिर्ज़ा ने जान-बूझकर सच जाने बिना वन अधिकारियों को बदनाम करने वाली इस रिपोर्ट का हवाला दिया। मिर्ज़ा को उनके इस प्रकार के ट्वीट का जवाब, जाने माने अभिनेता और पशु प्रेमी रणदीप हुड्डा ने दिया और उन्हें बताया कि सच क्या है। और उन्होंने दिया को नसीहत दी कि बिना सच जाने अधिकारियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ”मैं आपके इस आरोप से असहमत हूँ। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के लोग अच्छा काम कर रहे हैं। जब वन विभाग के कर्मचारियों ने घायल बाघिन को खोजा तब उसकी स्थिति बेहद गंभीर थी। उसे बचाना बहुत मुश्किल था। वन विभाग ही भारतीय वन् संपदा की रक्षा कर रहा है, कोई एनजीओ नहीं।“
With all due respect I disagree with this sweeping accusation @deespeak Forest dept is capable and doing good work. She was beyond rescue when found as I talked with experts. Even staff got injured in process. It’s the forest dept thats keeping our wildlife alive not just NGOs🙏🏽 https://t.co/03roi3awf2
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) July 27, 2019
लेकिन अपने आप को इस विवाद से दूर करने के लिए उन्होंने ट्वीट किया,” रणदीप आपको यह पता होना चाहिए कि यह ट्वीट इंवेर्टेड कॉमा के अंदर है और यह उस लेख में लिखा गया है। मैं हमेशा से ही वन के अधिकारियों का समर्थन करती हूँ। उन्हें बहुत ही कम साधनों से काम करना पड़ता है तथा वे बहुत ही साहसी होते हैं।“
Randeep, please know that this is a quote from the article attached clearly denoted by the inverted commas. I have always, and will always champion the cause of Forest Rangers and officials. They work with very frugal means and are brave, resilient, rakshaks of our lives. https://t.co/LKzFboFye3
— Dia Mirza (@deespeak) July 27, 2019
लेकिन रणदीप ने उनके चयनात्मक उल्लेख के लिए उन्हें पाठ पढ़ाया और लिखा, ”अगर हम किसी बात पर विश्वास करते तभी उसका उल्लेख करते है। हमे वन विभाग के अधिकारियों को विलेन के रूप में जिम्मेदार बता कर उनके अनवरत मेहनत को कमतर आंकना बंद करना होगा। हमारा एक ही लक्ष्य होना चाहिए और वह है साथ मिल कर काम करना।“
In other words you do believe what you had picked to quote dear @deespeak let’s not make villains out of the forest department on hearsay and undermine their relentless hard work while going about town praising other players for theirs..the aim is the same, let’s work together 🙏🏽 https://t.co/xuKTYbBATY
— Randeep Hooda (@RandeepHooda) July 27, 2019
रणदीप हुड्डा ने दिया मिर्ज़ा के इरादों को पहले ही भांप लिया था कि उनका मकसद वन विभाग के अधिकारियों को बदनाम करना है जिसके लिए वे वन विभाग के अधिकारी जिम्मेदार भी नहीं है। इसलिए उन्होंने दिया मिर्ज़ा को करारा जवाब दिया। दिया मिर्ज़ा जैसे लोग अक्सर अपने कथित पशु प्रेम की आड़ में निष्ठावान और परिश्रमी सरकार के अधिकारियों के उत्साह को कम करने का प्रयास करते हैं। हालांकि, रणदीप हुड्डा जैसे अभिनेताओं द्वारा इस गैंग को मुंहतोड़ जवाब देना अत्यंत सराहनीय है।