चार दिनों के नाटक के बाद आखिरकार आज कर्नाटक के विधानसभा में ट्रस्ट वोट संपन्न हुआ और इसी से स्पष्ट हो गया है कि कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री नहीं बने रहेंगे । विधानसभा में विश्वास मत कुमार स्वामी हार गये हैं और भाजपा की जीत हुई है। कर्नाटक के कांग्रेस-जेडीएस गठबंध के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। वहीं मायावती जो कल तक बहुजन समाज पार्टी के विधायक को जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन का समर्थन देने की बात कर रही थीं उनकी पार्टी वोटिंग प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुई। इसी के साथ कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिर गयी है और अब कुमारस्वामी को अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
#Karnataka Assembly: Congress-JD(S) secured 99 votes, BJP secured 105 votes https://t.co/Cbd5eRdamO
— ANI (@ANI) July 23, 2019
जल्द ही भाजपा राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं और बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
विधानसभा में विश्वास मत पर चर्चा के दौरान कुमार स्वामी ने कहा कि’विश्वास मत को लंबा खींचने की कोई मंशा नहीं थी। मैं विधानसभा अध्यक्ष और राज्य की जनता से माफी मांगता हूं।‘ कुमारस्वामी ने यह भी कहा कि वो अपना इस्तीफा अपने साथ लेकर आये हैं और ख़ुशी ख़ुशी इस्तीफा । उन्होंने कहा ‘मैं खुशी-खुशी यह पद छोड़ने को तैयार हूं। मैं राजनीति में अचानक और अप्रत्याशित तौर पर आया था। 2008 में जब विधानसभा का परिणाम आया था तब मैं राजनीति छोड़ने की सोच रहा था।‘ कुमार स्वामी के इस बयान से स्पष्ट है कि वो भी पहले से ही जानते थे कि उनकी सरकार गिरनी तय थी लेकिन जानबूझकर इस विश्वास मत में देरी की गयी।
बता दें कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे और फिर शाम 6 बजे तक का समय दिया था। लेकिन कुमारस्वामी बहुमत नहीं सबित कर पाए इसके बाद उन्होंने शुक्रवार को कहा था, ”मेरे मन में राज्यपाल के लिए सम्मान है, लेकिन उनके दूसरे प्रेम पत्र ने मुझे आहत किया। मैं फ्लोर टेस्ट का फैसला स्पीकर पर छोड़ता हूं। मैं दिल्ली द्वारा निर्देशित नहीं हो सकता। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि राज्यपाल की ओर से भेजे गए पत्र से मेरी रक्षा करें।” इसके बाद सोमवार का दिन स्पीकर द्वारा तय किया था लेकिन कर्नाटक का नाटक तब भी जारी रहा और अंततः मंगलवार को विश्वास मत की प्रक्रिया सम्पन्न हुई. इस दौरान जेडीएस-भाजपा के कई विधायक कर्नाटक विधानसभा में अनुपस्थित रहे।