TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ललितादित्य मुक्तपीड – जिन्होंने तुर्की और अरबी आक्रांताओं को उनके राज्य में घुसकर मारा!

TFI Desk द्वारा TFI Desk
20 July 2019
in मत
ललितादित्य मुक्तपीड – जिन्होंने तुर्की और अरबी आक्रांताओं को उनके राज्य में घुसकर मारा!
Share on FacebookShare on X

भारत में इस्लाम का आगमन हुआ 712 AD में, जब अविभाजित भारतवर्ष के तत्कालीन मुल्तान पर मुहम्मद बिन क़ासिम ने आक्रमण किया था। इसके पश्चात हमें अवगत कराया गया है की कैसे 1020-1025 तक गज़नवी के सुल्तान महमूद के निरंतर आक्रमणों से भारत की अजेय छवि को गहरा आघात पहुंचा था। परंतु किसी ने इस बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया कि महमूद जैसे विदेशी आक्रांता को भारत में अपने पैर रखने में 300 से अधिक वर्ष क्यों लग गए?

ऐसा क्या कारण था की मुहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के बावजूद भारत 300 से ज़्यादा वर्षों तक विदेशी आक्रमणों से पूर्णतया मुक्त रहा था? क्या इसका कारण केवल अरब क्षेत्र में उमय्यिद खलीफा का पतन था? या हमारे भारतवर्ष में कोई योद्धा ऐसा भी था, जिन्होंने न केवल इन आक्रांताओं को धूल चटाई, अपितु इनके मस्तिष्क में भय का ऐसा संचार किया की वे भारत भूमि की ओर देखने का कई शताब्दियों का दुस्साहस नहीं कर पाये?

संबंधितपोस्ट

समुद्र से शक्ति प्रदर्शन: K-4 मिसाइल ने बढ़ाई भारत की प्रतिरोधक क्षमता

गणतंत्र दिवस पर हाई अलर्ट: दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए केंद्र ने 5,300 अतिरिक्त CAPF जवानों को दी मंज़ूरी

भारत–न्यूज़ीलैंड समझौता: वैश्विक व्यापार में गहरी भागीदारी की ओर कदम

और लोड करें

वो वीर योद्धा जिनके कारण भारतभूमि विदेशी आक्रांताओं के अत्याचार से तीन शताब्दियों से भी अधिक समय तक मुक्त रही थी। ये कथा है उस सम्राट के शौर्य की, जिसकी कीर्ति केवल अखंड भारत में ही नहीं, अपितु मध्य एशिया तक गूँजती थी। ये कथा है कश्मीर के कार्कोटा वंश के महान सम्राट ललितादित्य मुक्तपीड़ की, जिन्होंने न सिर्फ भारतवर्ष को विदेशी आक्रमणों से मुक्त रखा, अपितु अरबी एवं तुर्की आक्रांताओं को उनके साम्राज्य में घुस के पछाड़ा।

ललितादित्य के बारे में प्रसिद्ध कवि कल्हण की पुस्तक राजतरंगिणी में वर्णन किया गया है, इसके अलावा ‘फतेहनामा सिंध’, एवं अल बेरुनी की ‘तारीख ए हिन्द’ में भी वीर ललितदित्य के अदम्य शौर्य का उल्लेख किया गया है। ललितादित्य की ख्याति चीन तक व्याप्त थी, क्योंकि चीन के टेंग वंश का उल्लेख करती पुस्तक ‘जिंग टेंग शु’ में भी इनका उल्लेख किया गया है।

ललितादित्य की कथा प्रारम्भ होती है कार्कोट राजवंश की स्थापना से, जिसके संस्थापक इनके पिता दुर्लभवर्धन थे। इनके पिता गोन्दडिया वंश के अंतिम शासक बालादित्य के यहाँ एक अधिकारी थे। इनकी कर्तव्यनिष्ठ सेवा से प्रसन्न होकर बालादित्य ने अपनी पुत्री अनंगलेखा का विवाह इनके साथ किया।

राजशाही से कोई संबंध न रखने के बावजूद दुर्लभवर्धन को अपने दामाद के तौर पर स्वीकारने में बालादित्य को कोई आपत्ति नहीं हुई। इन्ही दुर्लभवर्धन के वंशजों में से एक प्रतापादित्य तथा उनकी धर्मपत्नी नरेंद्रप्रभा के कनिष्ठ सुपुत्र थे ललितादित्य, जिन्हें मुक्तपीड़ के नाम से भी जाना जाता था। इनके दो ज्येष्ठ भ्राता भी थे, जिनका नाम था चंद्रपीड़ अथवा वज्रादित्य एवं तारापीड़ अथवा उदयादित्य, जो ललितादित्य से पहले कश्मीर प्रांत के शासक हुआ करते थे।

प्रारम्भ से ही ललितादित्य साहस एवं पराक्रम की प्रतिमूर्ति थे। उनका केवल एक ध्येय था : अपने राज्य का विश्व भर में विस्तार करना। वर्षों के अथक परिश्रम और अनुशासित प्रशिक्षण से ललितादित्य इतने पराक्रमी हो गए कि ये महीनों और वर्षों तक किसी भी युद्ध में बिना थके व्यस्त रह सकते थे। यह अरबी आक्रमणकारियों के स्वभाव से अनभिज्ञ नहीं थे, और उन्हे अच्छी तरह से ज्ञात था कि यदि उन्होंने अपनी आत्मरक्षा में एक सशक्त सेना नहीं बनाई, तो शत्रुओं को उनके भारतभूमि को क्षत-विक्षत करने में तनिक भी समय नहीं लगेगा।

उन्होंने कम्बोज, तुखारस (तुर्कमेनिस्तान में तुर्क और बदख्शां में तोचरान), भूटा (बाल्टिस्तान और तिब्बत में तिब्बत) और दारदास (डारस) के आक्रांताओं को सीधी युद्ध में परास्त किया था।

प्रसिद्ध इतिहासकार रमेश चन्द्र मजूमदार की ऐतिहासिक पुस्तक ‘प्राचीन भारत’ [Ancient India] के अनुसार ललितादित्य के समक्ष सर्वप्रथम चुनौती आई यशोवर्मन से, जो पुष्यभूति वंश के प्रसिद्ध शासक हर्षवर्धन के उत्तराधिकारी माने जाते थे। ललितादित्य ने यशोवर्मन के राज्य अंतर्वेदी पर आक्रमण किया, और एक भीषण युद्ध के पश्चात यशोवर्मन को शांतिवार्ता के लिए विवश भी किया। इसी अंतर्वेदी राज्य की राजधानी कान्यकुब्ज हुआ करती थी, जिसे आज हम कन्नौज के नाम से भी जानते हैं।

ललितादित्य यशोवर्मन को परास्त करने के पश्चात विंध्याचल की तरफ निकल पड़े, जहां उन्हें कर्णात वंश की महारानी रत्ता मिली। रत्ता की समस्या को समझते हुये कर्णात वंश की ललितादित्य ने न केवल विदेशी आक्रमणकारियों से रक्षा की, अपितु उनके समक्ष मित्रता का हाथ भी बढ़ाया। कई लोगों के अनुसार रत्ता कोई और नहीं वरन राष्ट्रकूट वंश की रानी भवांगना ही थी। कई लोक कथाओं के अनुसार मेवाड़ के वीर योद्धा बप्पा रावल ललितादित्य के परम-मित्र हुआ करते थे और दोनों ने साथ मिलकर दोनों ने कई विदेशी आक्रांताओं को धूल भी चटाई थी।

विंध्याचल की रक्षा करने के उपरांत पश्चात ललितादित्य ने अपना ध्यान उत्तर की ओर केन्द्रित किया। ललितादित्य ने लद्दाख और कुछ पश्चिमी प्रांत, जो तब तिब्बतियों के अधीन थे उन पर भी आक्रमण कर तिब्बतियों को पूरी तरह से अपने अधीन कर लिया था। यही वो समय था जब मुहम्मद बिन कासिम ने मुल्तान पर आक्रमण किया था, अरब आक्रांताओं का एकमात्र ध्येय भारत राज्य को इस्लाम के अधीन करना था।

अल-बरूनी अपनी किताब में लिखते हैं कि बुखारा के संचालक मोमिन को कश्मीरी राजा मुथाई ने हराया था। मुथाई की पहचान मुक्तपीड़ के रूप में की जाती है, जो ललितादित्य का ही दूसरा नाम था। संभवतः पामीर क्षेत्र पर उनका अभियान विजयी रहा था। यहाँ विजयोपरांत वे बाद अगले गंतव्य के लिए कूच कर गए। और इस बार आक्रमण सीधा अरबों के मर्मस्थान पर था।

अरबों पर विजय उतनी सरल नहीं थी। ललितादित्य ने वीरता के साथ साथ कूटनीति का भी प्रयोग किया। उन्होंने चीन के तांग राजवंश से संपर्क किया था जो 7 वीं शताब्दी के दौरान सत्ता के शीर्ष पर था। ललितादित्य अरबों और तिब्बतियों के खिलाफ लड़ाई में उन्हें अपनी ओर करने में कामयाब रहे। दोनों ने मिल कर तिब्बतियों को हराया साथ ही तत्कालीन बांग्लादेश और अन्य पूर्वी क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया था।

उन्होंने तुर्केस्तानंद ट्रान्सोक्सियाना पर भी विजय प्राप्त की, जो मध्य एशिया यानि आधुनिक उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, दक्षिणी किर्गिस्तान और दक्षिण-पश्चिम कजाकिस्तान था। इसके बाद ललितादित्य ने काबुल के रास्ते तुर्केस्तान पर आक्रमण किया। चार भीषण युद्ध हुए और चारों ही युद्धों में ललितादित्य का विजयश्री ने वरन किया। मोमिन बुखारा परास्त हुआ। मोमिन को परास्त कर ललितादित्य ने अपने राज्य की सीमाएं कैस्पियन सागर तक विस्तृत कर दी जो कालांतर में काराकोरम पर्वत श्रृंखला के सूदूरवर्ती कोने तक जा पहुँचा। अरबों के प्रति उनका रोष ऐसा था कि उन्हे परास्त करने के बाद वह उनके आधे सिर मुंडवाने देते थे।

उत्तर में तिब्बत से लेकर दक्षिण में द्वारका पूर्व में उड़ीसा के सागर तट तक, बंगाल इत्यादि, पश्चिम में विदिशा और मध्य एशिया तक ललितादित्य ने कश्मीर राज्य का विस्तार कर लिया था। उन्होंने प्रकरसेन नगर को राजधानी बनाई थी। ललितादित्य की सेना की पर्शिया तक पहुँच चुकी थी, जो आज ईरान के नाम से जानी जाती है।

परंतु ललितादित्य केवल दिग्विजयी ही नहीं थे बल्कि वे कुशल योद्धा के साथ साथ एक भव्य निर्माण कर्ता भी थे। उनके सबसे भव्य निर्माणों में से एक था मार्तंड सूर्य मंदिर, जिसे आगे चल कर क्रूर आक्रांता और शाह मिरी वंश के सुल्तान सिकंदर बुतशिकन ने क्षत विक्षत कर दिया। अपने खंडित स्थिति में भी भव्यता परिपूर्ण यह मार्तंड सूर्य मंदिर के बारे में सोचकर हम चकित होते हैं की वास्तव में ये मंदिर कितना भव्य रही होगी। फिल्म हैदर का गीत ‘बिस्मिल बिस्मिल’ अगर आपने देखा है तो आपने कश्मीर के मार्तंड सूर्य मंदिर के खंडहर को अवश्य देखा होगा।

ये हमारा दुर्भाग्य है कि जिस योद्धा ने भारतभूमि को विदेशी आक्रांताओं के आक्रमणों से मुक्त रखा, जिस योद्धा ने कश्मीर और भारत के गौरव को विश्व भर में प्रचारित किया, उसके बारे में हम आज भी अनभिज्ञ हैं। इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी कि हमें आज भी हेर्मन गोएट्ज जैसे विदेशी इतिहासकारों से अपने इतिहास की पुष्टि करानी पड़ती है, जिन्होंने कल्हण की राजतरंगिनी के लोकरीतियों की पुष्टि भी की थी।

ये कथा थी शौर्य और साहस की, सम्मान और संस्कार की, रण-कौशल और कूटनीति की और कथा वीर ललितादित्य मुक्तपीड की । ऐसी ही और कथाएँ लेकर मैं आता रहूँगा अंटोल्ड हिस्ट्री के आगे के संस्करणों के साथ।

शेयर31ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

आज से 50 साल पहले हुआ था बैंकों का राष्ट्रीयकरण जिसने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी

अगली पोस्ट

‘आप हमें चोर कहकर ऐसे ही नहीं बच सकतीं’, जी मीडिया ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश
चर्चित

हिंदू दीपू दास की इस्लामी भीड़ के हाथों बर्बर हत्या उस्मान हादी हत्याकांड का ‘साइड इफेक्ट’ नहीं है, ये मजहबी कट्टरता को आत्मसात कर चुके बांग्लादेश का नया सच है

20 December 2025

बांग्लादेश इस समय गहरी अस्थिरता से गुज़र रहा है। दुर्भाग्य से ये अस्थिरता सिर्फ राजनैतिक नहीं है, ये नैतिक और सामाजिक भी है। अलग भाषाई...

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited