विश्व कप के सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद अब सभी के मन में ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से सन्यास लेंगे ? और अगर सन्यास लेंगे तो उनकी आगे की रणनीति क्या होगी? भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने इस बारे में कुछ भी कहने से साफ़ मना कर दिया है जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने अभी तक इसपर कोई बयान नहीं दिया है।
ऐसे में कई लोग अटकलें लगा रहे हैं कि यदि एमएस धोनी सन्यास लेते हैं, तो इसके बाद क्या करेंगे? कुछ लोगों के अनुसार एमएस धोनी भारत को बतौर हेड कोच अपनी सेवाएं देना चाहेंगे, या फिर बतौर कमेंटेटर क्रिकेट के क्षेत्र में बने रहना चाहेंगे । परंतु जो अटकलें सबसे ज़्यादा चर्चा में बनी हुई हैं, वो है एमएस धोनी के राजनीति में प्रवेश करने की।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता संजय पासवान की माने, तो एमएस धोनी सन्यास लेने के बाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं। संजय के अनुसार, “इस संबंध में उनसे काफी समय से बातचीत चल रही है। हालांकि, यह फैसला धोनी के संन्यास के बाद ही लिया जाएगा। धोनी मेरे मित्र हैं, ‘वर्ल्ड फेम’ खिलाड़ी हैं, ऐसे में उनसे बीजेपी में आने के लिए बातचीत हुई है।” हालांकि, इसके बारे में बीजेपी का कोई भी नेता खुलकर बात नहीं कर रहा है। एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “धोनी का बीजेपी के कई नेताओं से व्यक्तिगत संपर्क में है। अगर वह बीजेपी में शामिल होते हैं, तो कोई बड़ी बात नहीं है।“
ज्ञात हो की ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के अंतर्गत तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एमएस धोनी से मुलाक़ात की थी। तभी से यह अटकलें तेज़ हैं कि एमएस धोनी शायद भाजपा से जुड़ सकते हैं। यदि ये बात सत्य हैं, और एमएस धोनी वाकई भाजपा से जुड़ते हैं, तो ये भाजपा और भारत दोनों के लिए काफी हितकारी होगा।
वैसे भी क्रिकेट का राजनीति से बहुत पुराना नाता रहा है। कई भारतीय क्रिकेटर ऐसे भी हैं जिन्होंने खेल से सन्यास लेने के बाद राजनीति का दामन थाम लिया था। चाहे वे मुहम्मद अजहरुद्दीन हो, या नवजोत सिंह सिद्धू, चेतन चौहान, या कीर्ति आज़ाद, या फिर हाल ही में सांसद बने गौतम गंभीर ही क्यों न हो, सभी ने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई है , और कुछ तो इसमें सफल भी रहे हैं, जैसे चेतन चौहान, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में खेल मंत्रालय का पद मिला था। यदि एमएस धोनी बीजेपी में शामिल हो जाते हैं, तो वे भी इस सूची का हिस्सा बन जाएंगे।
एमएस धोनी स्वभाव से ही मुखर रहे हैं, और सही समय पर सही बात बोलने के लिए क्रिकेट जगत में काफी प्रसिद्ध भी हैं। उनकी फैन फोल्लोविंग भी काफी ज्यादा है उनके राजनीति में आने से उनके फैंस भी काफी खुश होंगे। अब वे भाजपा में शामिल होते हैं या नहीं, ये उनका निजी निर्णय है, परंतु शामिल होने की स्थिति में महेंद्र सिंह धोनी के पास देश की सेवा के लिए एक और सुनहरा अवसर होगा।