देश की आंतरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने संसद के निचले सदन में द अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट बिल 2019 (UAPA) यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) विधेयक को पारित करा लिया है। लोकसभा में इस बिल को 287 सांसदों ने अपना समर्थन दिया जबकि सिर्फ 8 प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया। इस बिल को स्टैंडिंग कमिटी के पास समीक्षा के लिए भेजने की मांग करते हुए कांग्रेस के सांसदों ने सदन का वॉक आउट किया।
इस दौरान समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव अलग राय रखते हुए हुए एनडीए द्वारा लाये गये इस महत्वपूर्ण बिल के समर्थन में दिखे और इसके पक्ष में वोट किया। संशोधन पर वोटिंग के दौरान मुलायम सिंह यादव तीन बार बिल के पक्ष में खड़े हुए। जब सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के सभी सदस्य वॉकआउट पर चले गए तब भी मुलायम सिंह ने एनडीए का साथ देते हुए इस बिल का समर्थन किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह सपा के एकमात्र नेता थे जिन्होंने इस बिल के पक्ष में वोट किया। इसमें भाजपा के दो सांसद ब्रिज भूषण शरण सिंह और वीरेंद्र सिंह मस्त ने उनकी सहायता की। जिसके बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) विधेयक लोक सभा में पारित हो गया।
इसके पहले भी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव संसद में बयान देते हुए प्रधानमंत्री की तारीफ कर चुके है। 16वीं लोकसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा था, “प्रधानमंत्री को बधाई देना चाहता हूं कि पीएम ने सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है। मैं कहना चाहता हूं कि सारे सदस्य फिर से जीत आयें और आप दोबारा प्रधानमंत्री बनें।”
Samajwadi Party's Mulayam Singh Yadav in Lok Sabha: PM ko badhaai dena chahta hun ki PM ne sabko saath lekar chalne ki koshish ki hai. Main kehna chahta hun ki saare sadaysa phir se jeet kar aayen, aur aap (PM) dobara pradhan mantri banein (File pic) pic.twitter.com/reeyh5H9bB
— ANI (@ANI) February 13, 2019
मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के मंझे हुए नेता हैं वो भी जानते और समझते हैं कि इस बिल का क्या महत्व है। इसका विरोध करके वो सदन की कार्यवाही में रूकावट डालने की बजाय समर्थन करना ज्यादा उचित समझा. उनका यह रुख सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विपरीत है जो अक्सर मोदी सरकार को घेरने का एक अवसर नहीं छोड़ते।
बता दें कि द अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट (UAPA) विधेयक से आतंकवाद से निपटने में और सक्षमता मिलेगी। इस विध्यक के जरीय संगठनों के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किए जाने का प्रावधान है।
संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार ऐसे संगठनों या व्यक्तियों को आतंकी संगठन या आतंकी घोषित कर सकती है, जो
1- आतंकी कृत्य को अंजाम दिए हों या उनमें शामिल हों
2- आतंकवाद के लिए तैयारी कर रहे हों
3- आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों
4- आतंकवाद में किसी भी तरह से शामिल रहे हों
इस बिल में आतंकवाद को स्पष्ट रूप से परिभाषित भी किया गया है।
इस बिल के माध्यम से आतंकी संगठनों या आतंकियों की संपत्तियां जब्त भी हो सकेंगी। इस बिल के तहत किसी भी संपति को जब्त करने के लिए जांच अधिकारी को संबंधित राज्य के डीजीपी की पूर्व अनुमति की जरूरत होगी। अगर मामले की जांच NIA का कोई अफसर कर रहा हो तो संबंधित संपत्ति को जब्त करने के लिए संबंधित राज्य के डीजीपी की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए बस NIA के महानिदेशक की मंजूरी काफी होगी।
मोदी सरकार ने अपनी आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट करते हुए इस कार्यकाल में एक के बाद एक संशोधन विधेयक लेकर आई जिससे देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा तंत्र और मजबूत हो सके है। UAPA बिल को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है और राज्यसभा में भी पारित हो जाने की उम्मीद है। इससे पहले NIA संशोधन बिल को लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा की भी मंजूरी मिल चुकी है। उस बिल के तहत NIA को देश से बाहर दूसरे देशों में भी भारत के खिलाफ आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार मिल गया है।