पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर को कौन नहीं जानता? उन्होंने अपनी कमेंट्री से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। किसी भी क्रिकेटर की आलोचना करने का कोई अवसर हाथ से न जाने देने वाले संजय मांजरेकर का ये पैंतरा उन्हीं पर तब भारी पड़ गया, जब उन्हें हाल ही में चर्चित क्रिकेटर और आईसीसी विश्व कप में खेल रही भारतीय टीम के सदस्य रविंद्र जडेजा की आलोचना की।
इस बार के विश्व कप में अक्सर रविंद्र जडेजा बेंच पर बैठे हुए नजर आते हैं, परंतु जब भी उन्हें फ़ील्डिंग के लिए बुलाया जाता है तो वो अपने कौशल से सभी दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। लेकिन शायद संजय मांजरेकर को ये समझ नहीं आया और उन्होंने जडेजा के बारे में लिखा, “मैं 50 ओवर के क्रिकेट में जडेजा जैसे खिलाड़ियों का बड़ा प्रशंसक नहीं हूं जो थोड़ी बल्लेबाज़ी और थोड़ी गेंदबाज़ी कर लेते हैं। टेस्ट मैच में वो एक गेंदबाज़ होते हैं लेकिन 50 ओवर के क्रिकेट में या तो बल्लेबाज़ या स्पिनर होंगे।” संजय मांजरेकर की इस टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया। इसके साथ ही उन्होंने संजय को उनकी घटिया सोच के लिए जमकर लताड़ा। रविंद्र जडेजा ने लिखा, “मैंने आपसे दोगुने क्रिकेट मैच खेले हैं और अभी भी खेल रहा हूं। जिन्होंने कुछ हासिल किया है उनका सम्मान करना सीखिए। मैं आपकी बहुत बकवास सुन चुका हूं।“
Still i have played twice the number of matches you have played and i m still playing. Learn to respect ppl who have achieved.i have heard enough of your verbal diarrhoea.@sanjaymanjrekar
— Ravindrasinh jadeja (@imjadeja) July 3, 2019
अब सच पूछें तो रवीन्द्र जडेजा यहां कहीं से भी गलत नहीं है। उनके स्वभाव से भले कुछ लोगों के नाक भौं सिकुड़ जायें, परंतु उन्होंने समय-समय पर भारतीय क्रिकेट टीम के गौरव से परिपूर्ण पलों में अपना योगदान दिया है। अंडर 19 विश्व कप 2008 में भारत की विजय में अहम योगदान देने वाले रवीन्द्र जडेजा 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के भी एक अहम सदस्य थे।
परंतु भारत को उनका महत्व 2013 में पता चला, जब अपनी गेंदबाजी और फ़ील्डिंग से उन्होंने आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत को पहली बार जीत में एक अहम भूमिका निभाई थी। इतना ही नहीं, उन्होंने 2014 के टी-20 विश्व कप में भारत को फाइनल तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
उन्होंने अभी तक 41 टेस्ट, 151 वन डे और 40 टी20 मैच खेले हैं, जिसमें से उन्होंने टेस्ट मैचों में 1 शतक और 10 अर्धशतक और वन डे में 11 अर्धशतक पारी खेली हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने टेस्ट में 192 और वन डे में 175 विकेट भी चटकाए हैं। ऐसे में संजय मांजरेकर के आरोप कहीं से भी सार्थक नहीं सिद्ध होते।
और संजय मांजरेकर? कई लोगों का मानना है कि उन्हे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जगह सिर्फ इसलिए मिली, क्योंकि उनके पिता विजय मांजरेकर और उनके परदादा दाताराम हिंडलेकर प्रसिद्ध टेस्ट खिलाड़ी हुआ करते थे। संजय मांजरेकर ने केवल 37 टेस्ट और 74 वन डे खेले हैं लेकिन उनकी भूमिका कसी भी मैच को जिताने में कुछ ख़ास नहीं रही है। उन्होंने 1996 में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया था, और तभी से यह क्रिकेट में कमेंट्री कर रहे हैं।
वैसे यह पहला अवसर नहीं है जब संजय मांजरेकर को अपने बड़बोलेपन के लिए किसी खिलाड़ी से आलोचना झेलनी पड़ी हो या उनके प्रशंसकों का गुस्सा सहना पड़ा हो। अभी हाल ही में भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ जब हार का सामना करना पड़ा था तब उन्होंने सारा दोष विकेटकीपर बल्लेबाज़ और पूर्व कप्तान एमएस धौनी पर मढ़ते ट्वीट किया था।
Here’s something interesting about Dhoni -. 41 off 87 balls v spin this WC. But in the warm up games 69 off 56 balls v spin. That tells me it’s mental too. He does not put his wicket on the line as much in the big games.#ICCCWC2019
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) July 2, 2019
2018 के आईपीएल संस्कारण में इन्हीं कारणों से संजय मांजरेकर सोशल मीडिया पर हंसी का पात्र बन गए थे, और लगता है कि इस घटना से उन्होंने कोई सबक नहीं लिया है। इसी लिए जब रविंद्र जडेजा ने उनके बचकाने बोल के लिए उन्हें खरी खोटी सुनाई, तो सभी ने निस्संकोच रवीन्द्र जडेजा का समर्थन किया।