आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को लोकसभा में पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वतंत्र भारत के इतिहास में केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बन गई हैं। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार की योजनाओं के केंद्र में गांव, गरीब और किसान हमेशा रहते हैं।
अपने पहले बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए हैं। इनमें एक बड़ा ऐलान पैन कार्ड और आधार कार्ड से जुड़ा है। वित्त मंत्री ने संसद में बजट पेश करते हुए बताया कि ‘पैन कार्ड और आधार कार्ड में आपसी अदला-बदली की गई है।‘ यानी अब अगर किसी के पास पैन कार्ड नहीं होगा तो उसकी जगह आधार नंबर इस्तेमाल कर सकता है। उन्होनें अपने भाषण में कहा कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है, वे आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकते है। साथ ही आम करदाताओं को कर-रिटर्न दाखिल करने की सुविधा के लिये उन्हें पहले से भरे हुए रिटर्न फार्म उपलब्ध कराने की सुविधा दी जायेगी।
FM: More than 120 crore Indians now have Aadhar card, therefore for ease of tax payers I propose to make PAN card and Aadhar card interchangeable and allow those who don't have PAN to file returns by simply quoting Aadhar number and use it wherever they require to use PAN pic.twitter.com/oCarxQTzyQ
— ANI (@ANI) July 5, 2019
अभी तक रिटर्न फाइल करने के लिए पैन का होना जरूरी होता था। हालांकि, पैन को आधार से लिंक करना भी जरूरी कर दिया गया है और पैन-आधार लिंक करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। पहले यह काम 31 मार्च 2019 तक पूरा करना था, लेकिन बाद में तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है। इसके साथ-साथ आधार के नियम को और आसान बनाया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि NRI जब कभी भारत आएंगे, पासपोर्ट के आधार पर उन्हें आधार कार्ड जारी कर दिया जाएगा. ऐसे लोगों को 180 दिनों तक इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। सीतारमण ने कहा,” मैं भारतीय पासपोर्ट धारक प्रवासी भारतीयों को भारत आने पर आघार कार्ड जारी करने पर विचार का प्रस्ताव करती हूं। इसके लिए उन्हें अनिवार्य 180 दिन की अवधि का इंतजार नहीं करना होगा।’’
बता दें कि आज देश के लगभग 120 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है। ऐसे में वित्त मंत्री की इस घोषणा से सरकार को टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी। छोटे शहरों में रहने वाले कई लोग या कारोबारी ऐसे भी हैं जिनके पास पैन कार्ड न होने की वजह से वे इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भर पाते थे। यह नई व्यवस्था लागू करने से कामकाज में न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शिता भी आएगी।