प्रोपोगेंडा के लिए मुख्य धारा की मीडिया और कथित बुद्धिजीविओं को बस एक मौका चाहिए होता है। सोमवार को कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में समुदाय विशेष के एक युवक ने खुद को ही आग लगा ली। परन्तु इस घटना को लेकर यह अफवाह फैलाई गयी कि एक 15 वर्षीय मुस्लिम युवक को इसलिए कुछ लोगों ने जलाने की कोशिश की क्योंकि उसने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने से मना कर दिया था। इस अफवाह के फैलते ही लेफ्ट लिबरल मीडिया सक्रिय हो गया और फिर से हिंदुओं को निशाना बनाने का काम शुरू कर दिया। किसी ने भी खुद इस खबर की तह तक जाना उचित नहीं समझा।
अब इस खबर का पूरा सच सामने आ गया है। यूपी पुलिस ने हिंदुओं के खिलाफ फैलाए जा रहे झूठ का पर्दाफाश किया है। रिपोर्ट के अनुसार चंदौली के एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित ने दो अलग-अलग बयान दिए हैं। इससे पहले नाबालिग ने कहा था कि ‘वह महाराजपुर गांव में दौड़ने के लिए गया था, वहां वह चार लोगों से मिला था, उन लोगों ने उसे घसीटकर आग के हवाले कर दिया।‘ पीड़ित ने बाद में यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने उससे जबरन ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा, जब उसने ऐसा करने से मना कर दिया तो लोगों ने उसे आग के हवाले कर दिया।
SP Chandauli: He's admitted in a hospital with 45% burns. He had given different statements to different people, so it seemed suspicious. It seemed he had been tutored. Police monitored CCTV footage of places he had mentioned & found that he had not been at any of those places. pic.twitter.com/Z6ZrijmE0Q
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 29, 2019
जब इस मामले में यूपी पुलिस ने बयान के आधार पर जांच शुरू की तो सच कुछ और ही निकला। एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि ‘पीड़ित को बीएचयू अस्पताल में रेफर किया गया है, जहां उसने अपना बयान बदल दिया है। उसने इंस्पेक्टर को बयान दिया है कि मोटरसाइकिल से चार लोगों ने उसका अपहरण किया और उसे हतीजा गांव ले गए।‘ पुलिस के अनुसार महाराजपुर गांव और हतीजा गांव दोनों अलग-अलग दिशा में हैं।
एसपी ने बताया कि ‘पीड़ित 45 फीसदी जल गया है। जिस तरह से उसने दो अलग-अलग बयान दिए हैं उससे संदेह पैदा होता है, ऐसा लगता है कि उसपर इस तरह का बयान देने के लिए दबाव बनाया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद अब इस मामले की जांच कर रही है।‘
आग में झुलसे युवक के बदलते बयानों के आधार पर चार घंटे तक घटनास्थल को खोजने जुटी पुलिस को एक स्थानीय अखबार विक्रेता के जरिये पूरी जानकारी मिली जो घटनास्थल पर मौजूद था। अखबार विक्रेता के अनुसार, उसने युवक को सुबह उसके घर के सामने मजार से आग लगाकर भागते हुए जाते देखा था। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मजार के बाहर युवक के कपड़े और व्यवस्थित रूप में उतारी गई चप्पल भी मिली है। मौके पर किसी तरह के विरोध के सबूत भी नहीं मिले हैं। इन सबूतों और चश्मदीदों के आधार पर पुलिस इस मामले की तह तक पहुंचने में कामयाब रही। जांच में पता चला की इस घटना को जानबूझकर ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ जोड़ा गया ताकि इससे ज्यादा लाइमलाइट मिल सके और राष्ट्रीय मुद्दा बन सके।
इस घटना के सामने आते ही सोशल मीडिया पर फिर से हिंदुओं को बदनाम करने का काम शुरू कर दिया गया। जाने माने वामपंथी वेब पोर्टल स्क्रॉल ने यह खबर प्रकाशित किया कि ‘जय श्री राम’ ना बोलने पर मुस्लिम युवक को जान-बूझकर जलाया गया।
वहीं आउटलुक ने भी इसी हेडलाइन के साथ खबर छापी।
ट्विटर यूजर अशोक स्वैन ने एक मीडिया संस्थान के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा, ’15 साल के मुस्लिम लड़के को UP में जय श्री राम न बोलने के लिए जला दिया गया- भारत किस ओर ओर बढ़ रहा है?’ उन्होंने ट्वीट के साथ #StopLynchings हैशटैग भी इस्तेमाल किया। हालांकि, जिस ट्वीट को अशोक ने कोट किया था वह अब डिलीट किया जा चुका है।
https://twitter.com/ashoswai/status/1156036710477651968?s=20
वामपंथी वेब पोर्टल की सीनियर एडिटर अरफा खानम शेरवानी ने बिना जांच पड़ताल किए भी एबीपी न्यूज़ के ट्वीट का उल्लेख करते हुए लिखा, ‘मुस्लिम लड़के को जय श्री राम न कहने पर जलाया। भारत में रोज़ाना का जीवन।’ मीडिया संस्थान द्वारा ट्वीट डिलीट करने पर अरफा ने एक और ट्वीट किया और इस बार मामले को लेकर आउटलुक की रिपोर्ट का लिंक शेयर किया।
https://twitter.com/khanumarfa/status/1155746518227410946?s=20
इसके बाद यूपी पुलिस फ़ैक्ट चेक ने सोमवार को अपने वे वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से अशोक स्वैन के ट्वीट को कोट करते हुए इस पूरे मामले पर एसपी संतोष के सिंह का विडियो ट्वीट किया। वीडियो के साथ लिखा गया, ‘हमें ‘जय श्री राम’ न बोलने की वजह से मुस्लिम लड़के को आग लगाने की खबरें मिली है । इस पूरे मामले की जांच की जा चुकी है और यह पाया गया है कि यह कहानी आधारहीन, मनगढ़ंत और द्वेषपूर्ण है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’
We have come across news regarding torching of a Muslim boy for not chanting religious slogans in Chandauli. The incident was investigated & found to be baseless,fabricated & malicious. Legal action shal b taken against rumour mongers on #SocialMedia. SP chandauli Santosh k Singh https://t.co/p8EUQKUBGV pic.twitter.com/resZ7QYy6B
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) July 29, 2019
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह से हिंदुओं को बदनाम करने के लिए इस तरह से झूठी खबरें फैलाई गयी है। कुछ दिनों पहले भी असहिष्णु गैंग के 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इस पत्र में इन सभी ने ‘जय श्री राम’ के नारे को देश के लिए हानिकारक बताते हुए इसे एक ‘उत्तेजक युद्धघोष’ की संज्ञा भी दी थी।