हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें चर्चित पत्रकार बरखा दत्त ने हमारे पड़ोसी देश को यह समझाने का प्रयास किया है कि वो आगे क्या कदम उठा सकता है। अपने ‘मोजो स्टोरी’ में बरखा ने कहा कि हमारा पड़ोसी देश अपने अगले कदम के तौर पर एक बार फिर पुलवामा जैसा घातक हमला कर सकता है, या फिर भारत में कहीं एक घातक हमला करवा सकता है।
जी हां, आपने ठीक सुना। भारतीय पत्रकार बरखा अब हमारे पड़ोसी मुल्क को भारत से निपटने के लिए कुछ नायाब तरीके सुझा रही हैं। उन्होंने सरेआम पाकिस्तान को यह सुझाया है कि कैसे वे भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए उग्रवाद का सहारा ले सकते हैं। वीडियो में बरखा के बयान के अनुसार, ‘जहां एक के बाद एक जम्मू कश्मीर मुद्दे पर भारत को हर तरफ कूटनीतिक जीत मिल रही है, पाकिस्तान के पास अब एक ही रास्ता बचा है – कश्मीर घाटी में पुलवामा जैसा दूसरा हमला करे, या फिर भारत में कहीं भी एक बेहद घातक आतंकी हमला हो!’
#BarkhaDutta is #GPS of Pak
She gives info on #positions of vital army postings & installations
She did it during #KargilWar & #MumbaiTerrorAttacks & with a patrol boat on #IndiaBangladesh border & now she suggests that Pak shd attack India#ArrestBarkha @AmitShah @HMOIndia https://t.co/otxLKMJLjK
— PallaviCT (Modi Ka Parivar) (@pallavict) August 29, 2019
Pak Sleeper Cell @BDUTT Provoking
& Openly inciting Pakistan to Conduct#Pulwama type Terror Attack in Kashmir
or Try Something Big Impactful Terror Attack Across IndiaThis Amounts To Sedition & Treason
She Shld Be Booked & Put Behind Bars @HMOIndia @NIA_India#ArrestBarkha pic.twitter.com/qed62UAbMe— Jay® (@SaffronJay) August 29, 2019
अब बरखा दत्त के इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भारतीय जनता का आक्रोश सातवें आसमान पर पहुंच गया जो लाजमी भी है। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर #ArrestBarkha ट्रेंड भी करने लगा, जिसमें प्रमुख रूप से बरखा दत्त की गिरफ्तारी की मांग की गयी। हालांकि, ये पहला अवसर नहीं है जब बरखा ने जाने अनजाने में हमारे शत्रुओं की सहायता की हो। 1999 में जब कारगिल युद्ध अपने चरम पर था, तब टाइगर हिल के युद्ध के दौरान बरखा दत्त ने अपनी कवरेज में कुछ ऐसी बातें बताई, जिसके कारण टाइगर हिल पर उपस्थित घुसपैठियों को भारतीय सेना की योजनाओं के बारे में काफी कुछ पता चल गया था और भारत को टाइगर हिल वापिस लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
यही नहीं,वर्ष 2008 में बरखा दत्त जिस तरह 26/11 की कवरेज कर रही थीं, उसके कारण हमारे पड़ोसी देश में बैठे दुश्मनों को भारतीय सुरक्षाबलों की संभावित योजना के बारे में पता चल गया था। इसी कारण हमें मेजर संदीप उन्नीकृष्णन जैसे वीर योद्धा को गंवाना पड़ा। इसके अलावा वर्ष 2016 में पठानकोट हमलों की एनडीटीवी ने जिस तरह से कवरेज की थी उससे सुरक्षाबलों की जान खतरे में पड़ सकती थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने एनडीटीवी पर इस घटिया कवरेज के लिए एक दिन का प्रतिबंध भी लगाया था। यही नहीं कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचारों पर बरखा दत्त की कवरेज न केवल पक्षपाती थी बल्कि शर्मनाक भी थी।
परंतु बरखा अकेली नहीं है, जो हमारे शत्रुओं को सरेआम भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसा रही हैं। ‘द प्रिंट’ के संस्थापक एवं चर्चित पत्रकार शेखर गुप्ता भी अपने ओछे बयानों से हमारे शत्रुओं को फ़ायदा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। शायद वे घाटी में अनुच्छेद 370 के हटाये जाने पर अभी तक किसी बड़े आंदोलन के न होने से काफी बेचैन हो रहे है, और हाल ही में उनके बयानों में ये साफ झलक भी रहा है। शेखर के एक वीडियो के अनुसार, “एक आखिरी विकल्प के तौर पर पाकिस्तान ये प्रार्थना कर सकता है कि कश्मीर में भीषण विरोध प्रदर्शन हो और लोग सड़कों पर उतरें, जिससे सुरक्षाबल आगबबूला होकर फायरिंग शुरू कर दें। अगर ऐसा होता है तो जलियांवाला बाग जैसे हालात बन सकते हैं, जो पाकिस्तान के लिए कश्मीर मुद्दे को आगे बढ़ाने की सबसे बड़ी उम्मीद होगी। यही एक तरीका है जिससे हमारा पड़ोसी देश कश्मीर में होने वाले मानवाधिकार उल्लंघन की ओर दुनिया का ध्यान खींच सकता है”।
Good Morning!
Watch this video and tell what you think about @ShekharGupta 🙂
— maithun (@Being_Humor) August 14, 2019
अब जब ऐसे पत्रकार हों, तो दुश्मनों की क्या ज़रूरत? बरखा दत्त और शेखर गुप्ता ने जिस तरह से कश्मीर मुद्दे पर आम जनता को भड़काने का प्रयास किया है, वो न केवल अशोभनीय है, अपितु हर स्थिति में निंदनीय भी। यदि सरकार ने इनके विरुद्ध कोई कड़ा कदम नहीं उठाया, तो आने वाले दिनों में ऐसे अवसरवादी पत्रकार भारत को कभी न भरने वाला जख्म भी दे सकते हैं।