जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के फैसले से जहां एक तरफ सभी भारतीयों में उत्साह का माहौल है, तो वहीं इस फैसले ने कुछ एजेंडावादी विदेशी ताकतों की बेचैनी बढ़ा दी है। कश्मीर पर भारत द्वारा लिए गए फैसले पर भारत को दुनियाभर से समर्थन मिल रहा है, लेकिन यह बात प्रोपेगैंडावादी विदेशी मीडिया को पच नहीं रही है। पाकिस्तानी मीडिया के साथ-साथ बीबीसी और अलजज़ीरा जैसे अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठन भी कश्मीर मुद्दे पर पूरी तरह भ्रामक रिपोर्टिंग कर रहे हैं और श्रीनगर में भारत सरकार के खिलाफ भारी विरोध की झूठी खबरों को प्रसारित कर रहे हैं। हालांकि, भारतीय गृह मंत्रालय और कश्मीर पुलिस ने अब सामने आकर विदेशी मीडिया के इस एजेंडे को धराशायी कर दिया है।
जबसे भारत सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया है, तभी से अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का एक वर्ग भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा दे रहा है। उदाहरण के लिए कश्मीर में विरोध प्रदर्शन की झूठी खबरों को क़तर के न्यूज़ चैनल अलजज़ीरा ने बड़ी प्रमुखता से प्रकाशित किया। अलजज़ीरा ने दावा किया कि कश्मीर में हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और पुलिस द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आँसू गैस के गोलों और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कश्मीर पर झूठ फैलाने में बीबीसी ने भी अपना योगदान दिया। बीबीसी ने एक वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कर यह दावा किया कि कश्मीर में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे। साथ ही वीडियो में यह भी दावा किया गया कि भारत सरकार ऐसे किसी भी प्रदर्शन के ना होने का दावा कर रही है जबकि बीबीसी के रिपोर्टर्स ने ऐसे प्रदर्शनों को होते देखा है।
The BBC witnessed tear gas being used to disperse the largest protest since a lockdown was imposed in Indian-administered Kashmir – a protest the Indian government said didn’t happen
[Tap to expand] https://t.co/lPudV9uez3 pic.twitter.com/aUhwWRkqme
— BBC News (World) (@BBCWorld) August 10, 2019
ऐसे ही रोयटर्स ने भी कश्मीर को लेकर झूठ फैलाया कि सरकार द्वारा कश्मीर में भारी सुरक्षाबल तैनाती और कर्फ़्यू के बावजूद 10 हज़ार लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
Thousands protest in Indian Kashmir over new status despite clampdown https://t.co/xdygt4sMFO
— Reuters Asia (@ReutersAsia) August 10, 2019
हालांकि, इन सभी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संगठनों के झूठे दावों की पोल खोलने के लिए खुद गृह मंत्रालय की प्रवक्ता और कश्मीर पुलिस के आईजीपी सामने आए।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया ‘ रोयटर्स और डॉन न्यूज़ में कल एक न्यूज़ छपी कि श्रीनगर में 10 हज़ार लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह पूरी तरह झूठी और बनावटी खबर है। श्रीनगर में सिर्फ छुटपुट विरोध देखने को मिला है और कहीं भी 20 लोगों से ज़्यादा की भीड़ इकट्ठा नहीं हुई थी’।
A news report originally published in Reuters and appeared in Dawn claims there was a protest involving 10000 people in Srinagar.
This is completely fabricated & incorrect. There have been a few stray protests in Srinagar/Baramulla and none involved a crowd of more than 20 ppl.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 10, 2019
उसके बाद कश्मीर के आईजीपी भी सामने आए और उन्होंने यह साफ किया कि कश्मीर में शांति का माहौल है और पुलिस द्वारा लोगों पर एक बुलेट भी नहीं चलाई गई है।
Media statement by IGP Kashmir.@JmuKmrPolice pic.twitter.com/bOW8wb7uqM
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) August 10, 2019
Watch a special report from Kashmir on how the Valley has returned to normalcy, how private investors have already announced investments in Jammu and Kashmir and what other doors to opportunities have opened! https://t.co/m6WXP8rSOM
— PB-SHABD (@PBSHABD) August 11, 2019
इसके अलावा अलग-अलग लोगों ने सोशल मीडिया पर कश्मीर से जुड़ी वीडियो को पोस्ट किया है और कश्मीर के शांत वातावरण को सबको दिखाने का काम किया है। जैसे ऑल इंडिया रेडियो न्यूज़ ने कल एक वीडियो को पोस्ट करते हुए कश्मीर के आम जन-जीवन को सबको दिखाने की कोशिश की। वीडियो के अनुसार लोग आने वाले ईद के त्योहार के लिए खरीददारी कर रहे हैं और शहर में ट्रेफिक भी नॉर्मल दिखाई दे रहा है।
जाहिर है कि बीबीसी, रोयटर्स और अलजज़ीरा जैसे एजेंडावादी न्यूज़ चैनल्स ने भारत को दुनिभार में बदनाम करने और भारत के लोकतन्त्र पर हमला करने के लिए झूठी खबरों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ये सभी चैनल्स लोगों में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इन सबके विरूद्ध भारत सरकार को कार्रवाई करने की ज़रूरत है। हालांकि, यहां गृह मंत्रालय और कश्मीर पुलिस की तारीफ करने की भी ज़रूरत है जिन्होंने समय रहते इनके प्रोपेगैंडा की हवा निकालने का काम किया और इसके लिए ये बधाई के पात्र हैं।