भारतीय सेना ने एक बार फिर से पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करते हुए ‘क्लस्टर बॉम्बिंग’ के दावों को बेबुनियाद करार दिया है। दरअसल पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर कहा था कि ‘कोई भी हथियार कश्मीरियों के आज़ादी की मांग को दबा नहीं सकता। कश्मीर हमारे रग रग में बसा है। बहादुर कश्मीरियों के आज़ादी की लड़ाई को उसका मुकाम ज़रूर मिलेगा इंशाल्लाह”।
इस झूठ को हवा देने में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी अपना योगदान दिया। कुरैशी के ट्वीट के अनुसार, “मैं लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा क्लस्टर एम्युनिशन के प्रयोग की कड़ी निंदा करता हूँ। ये विदेशी कानून और जेनेवा कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन है”।
जवाब में भारतीय सेना ने झूठे दांवों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपने बयान में लिखा है, “पाकिस्तानी सेना निरंतर अपनी सीमा से आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए प्रयास कर रही है। हम कई डीजीएमओ स्तर की बैठकों में साफ कर चुके हैं कि सीमा पार से किसी भी प्रकार की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारी कार्रवाई केवल उन सैन्य ठिकानों के खिलाफ है जो आतंकियों समर्थन दे रही हैं। भारत द्वारा क्लस्टर बॉम्बिंग के आरोप बिल्कुल बेबुनियाद हैं।
ज्ञात हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से काफी तनातनी दिख रही है। भारी गोलाबारी के बीच जहां एक भारतीय जवान राजौरी के सुंदरबनी सेक्टर में शहीद हो गया, वहीं तंगधर के केरन सेक्टर में जवाबी फाइरिंग के दौरान दो पाकिस्तानी सैनिकों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
अभी हाल की एक घटना ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को पूरी तरह दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। बीते दिनों भारी गोलाबारी के दौरान भारत में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे 7 आतंकवादियों और बैट [BAT] के जवानों को भारतीय सेना ने मार गिराया था, जिसमें से 4 पाकिस्तानी सीमा सुरक्षा (BAT) के जवान मारे गए थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक इंटरव्यू के दौरान एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया, ‘पाँच से सात आतंकी और पाकिस्तानी सेना के ‘स्पेशल सर्विस ग्रुप’ के कमांडो और BAT के असफल ऑपरेशन में 31 जुलाई को मार गिराया गया था’। इस कार्रवाई के बाद साफ तौर पर देखा जा सकता है कि भारतीय सेना पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती।
हालिया इंटेलिजेंस इनपुट्स के अनुसार पता चला है कि पाक पीएम इमरान खान के अमेरिकी दौरे से पहले क्रॉस बार्डर शेलिंग में काफी कमी आई थी। हालांकि इमरान खान की वापसी के बाद पाकिस्तान ने अपनी पुरानी आदतों के अनुसार एक बार फिर से घुसपैठ का प्रयास किया। जिसका भारतीय सेना के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। अब जब चोट लगी है तो कराहना स्वाभाविक है।