दुनिया में कुछ भी हो सकता है, पर यदि कुछ बदल नहीं सकता, तो वो है एनडीटीवी का मोदी विरोध के नाम पर भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देना। अभी हाल ही में एनडीटीवी ने एक विवादित ट्वीट पोस्ट किया था, जिसे हमारे पड़ोसी देश की सत्ताधारी पार्टी पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़) ने रीट्वीट भी किया –
For all those in New Delhi living in the delusion that Kashmir is happy over the scrapping of Article 370, union of J&K territory, an old Kashmiri has a msg:
“Lift the curfew for a day and we’ll let them know how happy we [Kashmiris] are”.
Can Modi do that?#SaveKashmirFromModi pic.twitter.com/qJZZpTcmN7— PTI (@PTIofficial) August 8, 2019
इस रिपोर्ट के कारण हमारे पड़ोसी देश के नागरिको ने ‘मोदी से कश्मीर बचाओ’ को ट्विटर पर ट्रेंड करवाना शुरू कर दिया –
अब सवाल यह है कि आखिर ये विवाद किस बात पर था, जिसके कारण एनडीटीवी को भारतीयों ने सोशल मीडिया पर निशाने पर लिया है? दरअसल, पाकिस्तान द्वारा शेयर किया जा रहा वीडियो क्लिप एनडीटीवी के शो ‘Reality Check’, का है और इस शो को विवादित पत्रकार श्रीनिवासन जैन संचालित करते हैं। इस वीडियो क्लिप के अनुसार श्रीनगर से रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार ने दावा किया कि एक बूढ़े व्यक्ति ने कश्मीर में 370 हटाए जाने और जम्मू कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने पर अपना मत रखने का आग्रह किया।
रिपोर्टर के अनुसार उस बूढ़े व्यक्ति का कहना है कि, ‘नई दिल्ली कहती है कि सभी जम्मू कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से खुश हैं। यह कर्फ़्यू हटाकर तो देखें, उन्हें पता चल जाएगा कि कौन कितना खुश है।‘
बता दें कि इस पूरे वीडियो में जिस बूढ़े व्यक्ति की बात की जा रही थी उसे ही नहीं दिखाया गया। हालांकि, वीडियो में पत्रकार ने दावा किया कि एक बूढ़े व्यक्ति ने कहा था। ‘Reality Check’ नामक इस शो में पूरे समय एनडीटीवी केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में प्रोपगैंडा फैला रहा था। स्वयं श्रीनिवासन जैन ने इस शो की शुरुआत काल्पनिक चरित्रों द्वारा कश्मीर में कथित रूप से व्याप्त भय के माहौल को दर्शाकर घाटी में स्थिति को बिगाड़ने का बेहद घटिया प्रयास किया। ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या इस तरह की भ्रामक रिपोर्टिंग करके एनडीटीवी राज्य में हिंसक गतिविधियों को भड़काने का प्रयास नहीं कर रहा है?
श्रीनिवासन जैन ने इसी शो में एक कथित पत्रकार का हवाला देते हुए कहा कि वो पत्रकार कश्मीर में अपने परिवार की उपस्थिति के कारण इस विषय पर कुछ भी बोलने से हिचक रहा है। ऐसे ही अन्य बेनाम लोगों का उपयोग कर श्रीनिवासन जैन ने कश्मीर में स्थिति को और बिगाड़ने का घटिया प्रयास किया है। ये वही श्रीनिवासन जैन हैं जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की वर्तमान कश्मीर यात्रा को महज ‘एक फोटो शॉप’ कहा था।
ऐसे में पाकिस्तान द्वारा एनडीटीवी के वीडियो का प्रयोग करना न केवल हमारे देश के लिए शर्मनाक है, अपितु एनडीटीवी की पत्रकारिता पर गंभीर प्रश्न भी खड़े करता है। मोदी विरोध में भारत के शत्रुओं को देश के खिलाफ दुनिया में झूठ फैलाने का अवसर देना कहां तक उचित है? हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है, जब एनडीटीवी या किसी लेफ्ट लिबरल मीडिया संस्थान ने मोदी विरोध के नाम पर हमारे पड़ोसी देश को भारत पर सवाल उठाने का मौका दिया हो।
पुलवामा हमले के बाद जब भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी कैंप्स पर एयर स्ट्राइक की थी, तब रवीश कुमार ने भारतीय मीडिया को इसके बारे में कोई भी कवरेज करने से मना किया था, क्योंकि इससे भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में फायदा पहुँचता। इसी रिपोर्ट का फ़ायदा पाकिस्तानी मीडिया एयर स्ट्राइक्स को झूठा सिद्ध करने के लिए किया था–
https://twitter.com/TimesofIslambad/status/1102050547681685505
Journalists being pressurized to conform to official narrative on Pakistan, says Ravish Kumar #india #media https://t.co/omL4xSbFeQ
— Daily Pakistan Global (@dailypakistangl) March 3, 2019
इसके अलावा द वायर ने भी पाकिस्तान की बोली बोलते हुए अपने एक वीडियो में श्रीनगर जैसे इलाकों को भारतीय कब्जे वाला हिस्से के रूप में चिन्हित किया, जबकि पीओके के अधिकांश हिस्से को आजाद कश्मीर के रूप में लेबल किया था। जब इस वीडियो को लेकर वायर की आलोचना हुई तो इसने वीडियो ही डिलीट कर दिया। अभिषेक बनर्जी नाम के एक कॉलमनिस्ट ने अपने ट्विटर पर इस वीडियो से जुड़ा एक स्क्रीनशॉट शेयर कर वायर को कटघरे में खड़ा किया है।
Screenshot from Youtube video posted by The Wire :
Srinagar etc areas are labelled as "Indian occupied part" while much of PoK is labelled as "Azad Kashmir."
Ab bolenge to bologe ki bolta hai…. pic.twitter.com/AfC24kFrUg
— Abhishek (@AbhishBanerj) August 8, 2019
Very interesting.
I tweeted last night saying that Wire is showing a map that labels Srinagar etc as "Indian occupied part" and parts of PoK as "Azad Kashmir."
Now the video has become unavailable.
What happened to it? Any idea @thewire_in ? pic.twitter.com/WyRW57lCHn
— Abhishek (@AbhishBanerj) August 9, 2019
इसी तरह द क्विंट नामक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ने कुलभूषण जाधव मामले में एक भ्रामक लेख के दम पर उसे भारतीय जासूस सिद्ध करने का प्रयास किया था। इस आर्टिकल का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव पर सैन्य अदालत द्वारा लागू मृत्युदंड को बरकरार रखने की अपील की। यह अलग बात थी कि इस अपील को खारिज कर दिया गया था, परंतु इससे ‘द क्विंट’ की घटिया पत्रकारिता सबके समक्ष उजागर हो गयी थी।
ऐसे में एनडीटीवी को उसकी भ्रामक रिपोर्टिंग के कारण सोशल मीडिया पर अधिकांश भारतीयों ने जमकर लताड़ लगाई –
This is awful what @ndtv is doing. Down right disgraceful. A deliberate push to show that Kashmiri Muslims are victims. You forget Jammu, you forget Ladakh. Are the people of these regions and their views not important? Such media should be banned? https://t.co/TaTEsfmaG1
— Savio Rodrigues 🇮🇳 (@PrinceArihan) August 9, 2019
Pakistan using Congress and NDTV to target India is nothing new.
Don't forget even Terrorist Hafeez Saeed praised the two for the same. pic.twitter.com/jgndT8nhpM
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) August 9, 2019
Congratulations @SreenivasanJain for becoming truly international journalist.
Great to see you running @ndtv studio from Islamabad. (Sponsored by @PTIofficial) https://t.co/mwAbYYeh52
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) August 9, 2019
Why won’t a Pakistani channel be popular in Pakistan.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) August 9, 2019
https://twitter.com/SwamiGeetika/status/1159713663013441536?s=20
हालांकि, इतने विरोध के बाद एनडीटीवी ने अपनी सफाई में एक एक ट्वीट किया लेकिन इससे भी इस मीडिया संस्थान को कोई फायदा नहीं हुआ। किसी व्यक्ति की नीति का विरोध करना और व्यक्ति के विरोध में अपने देश के शत्रुओं का समर्थन करना.. दोनों में ही काफी अंतर होता है। शत्रु देश को भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा फैलाने का मौका देकर इस तरह के मीडिया संस्थान देश हित को ताक पर रखते हैं। एनडीटीवी ने मोदी विरोध में जो किया है, वो बेहद शर्मनाक है।