लगता है बीबीसी को निरन्तर झूठ बोलने की बीमारी हो गयी है। हाल ही में अनुछेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान हटाये जाने के बाद ऐसा लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत को बदनाम करने का बीड़ा बीबीसी ने उठाया है। कश्मीर पर फ़ेक न्यूज़ फैलानी हो, या फिर घाटी में तनाव भड़काना हो, बीबीसी तुरंत सेवा में उपस्थित हो जाएगा। हालांकि, शेखर कपूर को बीबीसी की यह रिपोर्टिंग बिलकुल रास नहीं आई और उन्होंने बीबीसी को आईना दिखाया।
शेखर कपूर ने बीबीसी को उसके प्रोपगैंडा के लिए जमकर लताड़ा। प्रसिद्ध फ़िल्मकार शेखर कपूर ने बीबीसी के प्रोपगैंडा के विरोध में अपने टाइमलाइन पर कुछ ट्वीटस किये –
Hey @BBCWorld .. each time you call #kashmir ‘Indian Occupied Kashmir’ I keep wondering why you refuse to call Northern Ireland ‘British Occupied Ireland’ ?
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) August 11, 2019
And try as hard as I can, and even trying to see it from their point of view, I cannot fathom why Pakistan feels abolition of #Articles370 is a threat to its own security. Can you?
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) August 11, 2019
अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘बीबीसी वर्ल्ड, हर बार तुम कश्मीर को ‘इंडियन ऑक्यूपाइड कश्मीर’ कहते हो। मुझे आश्चर्य होता है कि ये उत्तरी आयरलैंड को ‘ब्रिटिश ऑक्यूपाइड आयरलैंड’ क्यों नहीं कहते।‘ इसके अलावा शेखर कपूर ने आगे कहा, “और मैं चाहे जितना प्रयास कर लूं, मुझे ये नहीं समझ आता कि आखिर पाकिस्तान को ऐसा क्यों लगता है कि अनुच्छेद 370 का हटाया जाना उसकी अपनी सुरक्षा के लिए खतरा लगता है। आपको भी ऐसा लगता है?”
दरअसल, शेखर कपूर ने ये ट्वीट उन क्षेत्रों को लेकर किया है, जहां अभी भी यूके का शासन मौजूद है, और इनमें से कुछ क्षेत्र जनमत संग्रह की भी मांग कर रहे हैं। इनमें डिएगो गार्सिया, जिब्राल्टर, स्कॉटलैंड, फ़ॉकलैंड द्वीप और उत्तरी आयरलैंड शामिल है। ये वो क्षेत्र जिन्हें अभी तक ब्रिटिश साम्राज्यवाद से आजाद नहीं हो पाए हैं। इसपर बीबीसी मौन धारण किये हैं। इस मुद्दे पर पत्रकारिता नहीं की जा रही। ऐसे में कश्मीर के मुद्दे पर बीबीसी की रिपोर्टिंग उसके दोहरे मापदण्डों को उजागर करता है। जिसे शेखर कपूर ने सभी के सामने रख दिया है।
यही नहीं शेखर कपूर के समर्थन में दो पूर्व सैन्य अफसर भी आगे आए हैं। मेजर गौरव आर्य [सेवानिर्वृत्त] ने ट्वीट करते हुये कहा, “हैलो बीबीसी, इसके बार में क्या सोचते हो? यह हाल ही में हुआ है? मुझे नहीं पता। कश्मीर से ज़्यादा नजदीक आयरलैंड है। मानवाधिकार के वास्ते आप पता क्यों नहीं लगाते? हो सकता है यहाँ कुछ जानें जा रही हो?” –
Hello @BBC what do you think about this? Is this recent…real? I don’t know. Ireland is closer to you than Kashmir. Why don’t you find out..in the interest of Human Rights? Who knows…there could be killings happening in Ireland right now.
Photo credit: @Antevasin10 pic.twitter.com/PJyzwDE3Vu
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) August 12, 2019
मेजर सुरेन्द्र पूनिया [सेवानिर्वृत्त] ने स्वयं बीबीसी के प्रोपगैंडा को ध्वस्त करते हुये ये ट्वीट्स पोस्ट किए –
https://twitter.com/MajorPoonia/status/1160455942741213184
https://twitter.com/MajorPoonia/status/1160442066930790400
हालांकि, यह पहली बार नहीं हुआ है जब शेखर कपूर ने ऐसे छद्म बुद्धिजीवियों और पत्रकारों को उनके प्रोपगैंडा के लिए निशाने पर लिया हो।
जब कांग्रेस ने पीएम मोदी के चीन से रिश्तों पर अभद्र टिप्पणी की थी, तो ये शेखर कपूर ही थे, जिन्होंने आर माधवन के साथ काँग्रेस की जमकर भर्त्सना की। इसके अलावा अभी हाल ही में शेखर कपूर ने विभाजन के समय की अपनी तकलीफ बयान करते हुए एक मार्मिक पोस्ट डाली थी, जिसपर जावेद अख्तर और अन्य बुद्धिजीवियों ने बेहद घटिया टिप्पणी करते हुए अपनी ‘असहिष्णुता’ का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया था –
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
इस बार बीबीसी के झूठ को उजागर करते हुए शेखर कपूर ने स्पष्ट किया है कि हमें क्यों प्रोपगैंडा फैलाने वाले पत्रकारों के झांसे में नहीं आना चाहिए। इस कार्य के लिए इनकी जितनी प्रशंसा की जाये, वो कम होगी।