लगता है कि ज़ोमैटो का ‘खाने का कोई धर्म नहीं होता’ अभियान केवल दिखावा था। अब तो हर दिन इस फूड डिलीवरी एप का असली चेहरा पूरी दुनिया के समक्ष उजागर हो रहा है। इसी कड़ी में एक आईएसबी ग्रेजुएट रघुनंदन एस प्रसाद ने अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से ज़ोमैटो को एक सार्वजनिक पत्र लिखकर न केवल उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, अपितु उनका विरोध करने पर वे कैसा व्यवहार करते हैं, इस पर भी इस पत्र में प्रकाश डाला है। बता दें कि रघुनंदन एस प्रसाद आईएसबी से ग्रेजुएट हैं और वो एक रैस्टौरेंट फ्रैंचाइज़ के मालिक हैं। यह उसी LogOut कैम्पेन का हिस्सा रह चुके हैं, जिसके अंतर्गत 1200 से ज़्यादा रैस्टौरेंट और फ्रेंचाइजी ज़ोमैटो गोल्ड से हटने की धमकी दे चुके हैं। रघुनंदन एस प्रसाद ने ज़ोमैटो को लिखे ओपन लेटर में कहा है,
“प्रिय ज़ोमैटो,
मुझे याद है कि शुरुआती दिनों में आप जनता से मेरे काम को रेट करने के लिए कहते थे।
कल्पना कीजिये यदि मैं भी जनता से कहूं कि वो कंपनी के सीईओ या कर्मचारियों को रेट करे और बताएं कि आप किस तरह से काम करते हैं?
यह अच्छी बात है कि आपने अपनी परफॉरमेंस सुधारने हेतु ग्राहकों को भी सक्रिय रूप से शामिल किया है। पर ये एक आंतरिक मामला है, ग्राहकों से उनका फीडबैक लेने के लिए हमारा अपना तरीका है, और वैसे भी ग्राहक की संतुष्टि से ही हमारा उद्योग चलता है, लेकिन आपको इस मुद्दे को गलत तरीके से पक्षपाती रूप से जनता के समक्ष रखने का कोई अधिकार नहीं है।
जब कुछ साल पहले आपने अपने रेटिंग सिस्टम को बदला था तब मुझे पता था कि स्थिति बिगड़ेगी। मैंने आपको एक मेल भेजा था और कहा था कि कृपया आप अपने नए रेटिंग सिस्टम को विस्तार से समझायें, परंतु आपने एक गोलमोल जवाब देते हुए एक ऐसे पेर्सेंटाइल ग्रेड सिस्टम का हवाला दिया, जिसके जटिल एल्गोरिथ्म को समझना एक आम रैस्टौरेंट मालिक के लिए मुश्किल था।
जो भी था, मेरी रेटिंग 3 पॉइंट्स से गिर गयी थी, और विद्यार्थी भवन और अन्य भव्य स्थानों की रेटिंग बढ़ गयी थी। उस समय आप इंडस्ट्री के लिए नए नियम सेट कर रहे थे।
कोई भी आपके एप को गंभीरता से नहीं लेता यदि आपके चाहने वाले आपको रेटिंग कम देते। वैसे भी नई जगहों को कोई ज्यादा महत्व भी नहीं देता। ग्राहक उसे एक घटिया बताकर पल्ला झाड़ सकते हैं और उन्हें इससे कोई मतलब भी नहीं। ऐसे में आप नए रैस्टौरेंट्स से पैसे कमा सकते हैं जो आपके साथ विज्ञापन करके उस परिप्रेक्ष्य को बदलना चाहते हैं।।
रेटिंग को लेकर जो आपका जवाब था वो बेहद ठंडा और असंतोषजनक था।
इसी प्रकार ज़ोमैटो गोल्ड वाले मामले में भी आपने यही रवैया अपनाया। कल तक आपने हमारे विरोध पर ध्यान भी नहीं दिया, और जब आपको पता चला कि हमने #Logout किया है, तो आपने हमारे ‘पार्टनर्स’ को एक धमकी भरा मेल भेज दिया [ध्यान रहे हम आपके पार्टनर्स नहीं है। हम आपके ग्राहक हैं, आप बस एक बड़े ब्रोकर हैं जो हमारे उन उत्पादों का सारा क्रेडिट ले जाते हैं, जो हम बड़ी मेहनत से अपने वास्तविक ग्राहकों को बेचते हैं]
जहां एक तरफ रैस्टौरेंट समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए बाकी एग्रीगेटर रैस्टौरेंट समुदाय से शर्मिंदा होकर माफी मांग रहे थे; वहीं दूसरी तरफ आपने अपने डिलीवरी प्लैटफ़ार्म पर ग्राहक अथवा रैस्टौरेंट के लिए अपने नियम और सख्त कर दिये और यदि नियमों का पालन नहीं होता, तो उनपर पेनाल्टी लगा देते थे। और ये सब अपने ग्राहकों की सेवा के नाम पर किया जा रहा था। क्षमा करियेगा, पर ये ग्राहक तो कभी आपके थे ही नहीं। आप केवल एक डिलीवरी एजेंसी हो। बस अपना काम करें, और खाना डिलीवर करें। इसे रास्ते में निगलने की कोशिश न करें।
आपने एक बेहद ही धमकी भरे मेल भेजा और बताया कि इस अभियान [#LogOut] से जुड़ने के परिणाम कैसे होंगे, आपने कहा कि हमें ऐसा करने से पहले 45 दिन का नोटिस देना होगा। यहां तक कि आपने तो विरोध करने पर हमारे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने तक की बात कही।
आप हम पर आरोप मढ़ रहे हैं, और आपका क्या? ये सारा किया कराया तो आप ही का है। इतनी भारी फंडिंग के बाद भी आपने लाभ का एक रुपया नहीं कमाया और आप हम पर सवाल उठा रहे हैं? आप हमें बताएँगे कि कैसे हम अपना व्यवसाय चलायें और अपना परिचालन लागत कम करें?
हम आपके ग्राहक हैं, हम आपको ‘गोल्ड’ सब्सक्रिप्शन के लिए 45,000 रुपये देते हैं। यदि आप भूल गए हैं तो याद दिला दें कि आप हमें अपनी सेवाएं देते हैं। आपने हमसे वादा किया था कि ये बड़ी एक्सक्लूसिव सर्विस होगी और इस प्रोग्राम में कुछ चुनिंदा ग्राहक और रैस्टौरेंट होंगे, पर आपने अपनी बात नहीं रखी।
किसी विक्रेता के लिए अनुबंधात्मक रूप से बाध्यकारी होने का मतलब केवल एक है और वो यह कि – आप को हमारी ज़्यादा आवश्यकता है, ना कि हमें आपकी आवश्यकता है। जब आपके निवेशकों को आपके काले करतूतों के बारे में पता चला, और आपका ‘गोल्ड’ सब्स्क्रिप्शन बंद करने को कहा, तो अब आप हमें ‘व्यक्तिगत मेल’ भेजकर मनाना चाहते हैं?’
लेकिन आपकी अगली योजना ने हमें और आहत किया।
ज़ोमैटो एक जोंक की तरह है, जो हमारे उद्योग की लाइफ को चूस रहा है। इसे निकालकर कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए, क्योंकि हम वास्तव में अपने खाने को गंभीरता से लेते हैं।
अगर आपको लगता है कि आप हमें बेवकूफ बना रहे हो तो आप गलत हो, हम कोई कच्चे खिलाडी नहीं है हमें पता है हम किससे डील कर रहे हैं और हम खतरे को दूर से ही भांप भी लेते हैं। आज देश भर में एक समुदाय आहत है, और आप हमें ग्राहकों के प्रति असंवेदनशील होने के लिए दोषी ठहरा रहे हैं? ज़ोमैटो ने न कभी कोई टेबल सजाई है, और न ही कभी उसने अपने ग्राहकों के लिए भोजन पकाया है; हमें पता है कि अपने ग्राहकों का सेवा-सत्कार कैसे किया जाता है।
हम पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं, हमने लाखों लोगों को रोजगार दिया है। जब आपके डिलीवरी बॉय अपने मूलभूत अधिकारों के लिए लड़ते हैं, तो आपने उन्हें बलि का बकरा बना दिया। अपना कथित टार्गेट न हासिल कर पाने पर भारी संख्या में उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया। हम अपने कर्मचारियों को ऐसा कुछ नहीं करने देते हैं जो वे नहीं चाहते हैं, साथ ही उनके हितों और आस्था का ख्याल रखते हैं, जो आप नहीं समझ सकते।
आप कहते हैं कि हमारे पास नि: शुल्क विकल्प है, लेकिन आपने अपनी रेटिंग से पूरा सिस्टम ही जकड़ लिया है, इस कारण हम हमारे पड़ोसियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं, और आपके “संग्रह” में एक स्थान प्राप्त करने के लिए भुगतान करते हैं। आपने हमें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया है और पूरी इंडस्ट्री के साथ खिलवाड़ किया है।
हम तो तब से यहाँ हैं जब आप लोग दूध पीते बच्चे हुआ करते थे, हमने कई समुदायों और लोगों को बड़े प्यार से खिला पिला कर बड़ा किया है, न कि डिस्काउंट से। आपके डिस्काउंट की योजना और लाभ के वादे अब नहीं टिकेंगे। आपने खुद कोई लाभ नहीं कमाया ऐसे में हम आपको गंभीरता से नहीं ले सकते। वास्तव में आप उद्योग की मदद के लिए आये ही नहीं।
दो चीजें हैं जिनमें आप बेहतर हैं, एक डाटा और दूसरा उधार लिया गया पैसा। ये आपके लिए लाभकारी नहीं होने वाले हैं और आप हमें इसी से डराते हैं। मार्केट में अपनी मजबूती के कारण आपने हमें अपनी शर्तों को मानने के लिए मजबूर किया। आपकी रेटिंग प्रक्रिया के जरिये अच्छे सेल के लिए आपने उन सभी को आपस में लड़वाया जिनकी वजह से आपका धंधा चलता है।
जल्द ही आपके ग्राहक आपकी सच्चाई से भली भांति परिचित होंगे। इसके बाद आपके एंजेल इन्वेस्टर आप पर इतने मेहरबान नहीं होंगे।“
हालांकि, यह बात पचाना बहुत ही मुश्किल है, परंतु यह पहला अवसर नहीं है जब ज़ोमैटो को अपने क्लाईंट अथवा अपने ग्राहकों के साथ बदसलूकी के लिए चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा हो। जब एक ग्राहक ने आर्डर किया हुआ खाना स्वीकार करने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया, क्योंकि डिलीवरी बॉय एक मुस्लिम था, तब ज़ोमैटो ने लंबा चौड़ा ज्ञान बांचते हुए ‘भोजन का कोई धर्म नहीं होता’ नाम का एक बेतुका अभियान चलाया था।
हालांकि, इनका असली चेहरा तब उजागर होना प्रारम्भ हुआ, जब हावड़ा में कई डिलीवरी लड़कों ने इसलिए हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया, क्योंकि ज़ोमैटो उन्हें उनके धर्म के विरुद्ध भोजन सर्व करने के लिए बाध्य कर रहा था। ऐसे में एक आईएसबी ग्रेजुएट का यह सार्वजनिक पत्र ज़ोमैटो के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।