विश्व जैसे-जैसे तकनीकी रूप से आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे नए खतरे उभरते जा रहे हैं। चाहे वो साइबर हमले हो या नए तरह के हथियार, सभी हाइब्रिड वारफेयर के अंतर्गत आने वाले तकनीक किसी भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। खास तौर पर ड्रोन्स के बढ़ते उपयोग को देखकर भारत की सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ गयी है। हाल ही में जिस तरह से सऊदी अरब में विश्व की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको के दो संयंत्रों अब्कैक और खुरैस पर हमला किया गया उससे यह अब साबित भी हो गया कि अब सभी देशों को आतंकी हमलों से निपटने के लिए चौबीसों घंटे चौकन्ना रहना होगा क्योंकि तकनीक पर किसी का एक छत्र अधिकार नहीं हो सकता है।
पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सीमा में लगातार ड्रोन भेजना
भारत में भी लगातार इस क्षेत्र में रिसर्च चल रहा है। पाकिस्तान द्वारा Drone के जरिये पंजाब में हथियार गिराने की खबर के बाद तो सुरक्षा एजेंसियों की परेशानी बढ़ा दी है। हाल की ही एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत में छह लाख से अधिक बिना नियमन वाले मानवरहित हवाई वाहन यानि UAV मौजूद हैं। ड्रोन एक प्रकार का फ्लाइंग रोबोट (Flying Robot) होता है, जिसे मनुष्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसकी खोज मनुष्यों ने अपने दैनिक कार्यों के संपादन के लिए की थी, परंतु वर्तमान में इसका प्रयोग खुफिया जानकारी प्राप्त करने हेतु भी काफी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है।
ड्रोन को मानव रहित विमान (Unmanned Aerial Vehicle-UAV) भी कहा जाता है। Drone से आतंकी हमले को लेकर एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और ये एजेंसियां अब आधुनिक ड्रोन भेदी हथियारों जैसे स्काई फेंस और ड्रोन गन पर काम कर रही हैं ताकि हवाई हमलों से निपटा जा सके।
केंद्रीय एजेंसियों ने इस बारे में एक आधिकारिक रूपरेखा तैयार की है। इसमें बताया गया है कि बिना नियमन वाले Drone, यूएवी और सुदूर संचालित विमान प्रणाली महत्वपूर्ण ठिकानों, संवेदनशील स्थानों और विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए ‘संभावित खतरा’ है और उनसे निपटने के लिए ‘उचित समाधान’ की जरूरत है।
ई-कॉमर्स साइटों पर धड़ल्ले से बेचे जा रहे चीनी ड्रोन्स
बता दें कि भारत में नागरिक क्षेत्र में वृद्धि देखी गई है कृषि, अन्वेषण, खनन में Drone का उपयोग, खेल, फोटोग्राफी और अन्य क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग काफी बढ़ गया है। आज ई-कॉमर्स साइटों जैसे Flipkart, Amazon, Indiamart, Snapdeal, OLX और पेटीएम मॉल पर ड्रोन्स के विभिन्न मॉडल आसानी से उपलब्ध हैं। आज चीनी और फ्रेंच कंपनियों द्वारा बनाए गए ड्रोन ने भारतीय बाजार में बाढ़ ला दी है। सिविलियन ड्रोन के बाजार हिस्सेदारी में अकेले चीनी कंपनी डीजेआई का 75 प्रतिशत हिस्सा है।
छह लाख से अधिक अवैध ड्रोन्स भारत में मौजूद
एक अध्ययन में भी कहा गया है कि देश में छह लाख से अधिक विभिन्न आकार और क्षमताओं के बिना नियमन वाले Drone मौजूद हैं और विध्वंसकारी ताकतें अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए इनमें से किसी का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इसी वजह से एजेंसियां ड्रोन भेदी तकनीक पर काम कर रही हैं। इसमें स्काई फेंस, ड्रोन गन, एटीएचईएनए, ड्रोन कैचर और स्काईवॉल 100 शामिल हैं ताकि संदिग्ध घातक रिमोट संचालित हवाई प्लेटफॉर्म का पता लगाकर निष्क्रिय किया जा सके। राजस्थान पुलिस में अतिरिक्त महानिदेशक पंकज कुमार सिंह की इंडियन पुलिस जर्नल में प्रकाशित पेपर ‘ड्रोन्स : अ न्यू फ्रंटियर फॉर पुलिस’ में इन नई तकनीक के बारे में जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि ड्रोन गन रेडियो, जीपीएस और ड्रोन तथा पायलट के बीच मोबाइल सिग्नल पकड़ने और ड्रोन द्वारा नुकसान पहुंचाने से पहले ही उसे नष्ट करने में सक्षम है। ड्रोन गन के अलावा एथेना, ड्रोन कैचर, स्काईवॉल 100, स्काई फेंस, और ड्रोन मालवेयर जैसी तकनीकों के बारे में बताया गया है। सुरक्षा प्रतिष्ठान में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार को ड्रोन गन और स्काई फेंस पर विचार करने की सिफारिश की गई है क्योंकि ये दोनों अन्य तकनीकों की तुलना में सस्ते और इस्तेमाल में आसान हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इन ड्रोन भेदी हथियारों का प्रोटोटाइप पिछले हफ्ते ही में हरियाणा के भोंडसी में बीएसएफ शिविर के पास खुले खेत में प्रदर्शन किया गया। ड्रोन भेदी तकनीक पर पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो की ओर से आयोजित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के तहत इसका प्रदर्शन किया गया था।
कर्नाटक के बंगलूरू स्थित निजी कंपनी बीईएमएल और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और अन्य इस क्षेत्र में मौजूद नई तकनीक का प्रदर्शन किया। इस कॉन्फ्रेंस में वायुसेना, एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सीआईएसएफ, नागर विमानन महानिदेशालय और एयरपोटर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने भी शिरकत की।
क्या है भारत में ड्रोन नीति
बता दें कि Drone का चलन जिस प्रकार बढ़ रहा था उसे देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय ने भारत में 1 दिसंबर, 2018 को संपूर्ण भारत में ड्रोन नीति (Drone Policy) लागू की थी।
इस नीति में यह निर्धारित किया गया था कि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष की उम्र से पहले ड्रोन नहीं उड़ा सकता है, साथ ही यह भी आवश्यक है कि उसने दसवीं क्लास तक पढ़ाई की हो और उसे Drone से संबंधित बुनियादी चीज़ों की जानकारी हो। नागर विमानन महानिदेशालय ने ड्रोन के मुख्यतः 5 प्रकार निर्धारित किये हैं (1) नैनो (2) माइक्रो (3) स्मॉल (4) मीडियम और (5) लार्ज।
नैनो ड्रोन के अतिरिक्त अन्य सभी ड्रोन को विमानन नियामक (Aviation Regulator) से विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number-UIN) प्राप्त करना आवश्यक होता है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि विशिष्ट पहचान संख्या ड्रोन पर प्रदर्शित हो।
भारत में UIN सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिये ही होता है एवं यह विदेशी नागरिकों को जारी नहीं किया जाता। नैनो ड्रोन के अतिरिक्त अन्य सभी ड्रोन के लिये आवश्यक उपकरण जैसे- जीपीएस (GPS), आईडी प्लेट (ID Plate), रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (Radio-Frequency Identification) आदि अनिवार्य हैं।
साथ ही यह भी आवश्यक है कि यदि कोई व्यक्ति Small Drone उड़ा रहा है तो उसे उड़ाने से पूर्व इसकी सूचना स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन को देनी होगी। ‘नैनो ड्रोन’ बिना किसी पंजीकरण या परमिट के स्वतंत्र रूप से प्रयोग किये जा सकते हैं, लेकिन उन्हें ज़मीन से 50 फीट से अधिक ऊँचाई पर नहीं उड़ाया जा सकता। ड्रोन नीति में कृषि, स्वास्थ्य, आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का वाणिज्यिक इस्तेमाल 1 दिसंबर, 2018 से प्रभावी हो गया था, लेकिन खाद्य सामग्री समेत अन्य वस्तुओं की आपूर्ति के लिये अनुमति नहीं दी गई थी।
यह इस लिए भी जरूरी था क्योंकि हाल के के दिनों में ही खुफिया एजेंसियों ने अपने इनपुट में कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी समूहों को पैराग्लाइडिंग के साथ ड्रोन ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दे रही है। सऊदी अरब की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी पर हाल में ड्रोन से किया गया था। पंजाब पुलिस ने हाल ही में हथियारों की खेप ला रहे जिस Drone को मार गिराया था, उसमें 5 एके-47 राइफल, पिस्तौल, सैटेलाइट फोन और हथगोले सहित भारी मात्रा में हथियार रखे गए थे। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने दो अमेरिकी नागरिकों को राष्ट्रपति भवन के पास Drone उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आर्मी चीफ बिपिन रावत की ओर से लगातार आ रहे बयानों में आतंकी हमले की संभावना जताई जा रही है। भारत को Drone हमलों से बचने के लिए जल्द ही किसी अच्छे ड्रोन भेदी तकनीक पर जल्द से जल्द काम शुरू कर देना होगा। इसके अलावा केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो भी ड्रोन बिना लाइसेन्स के हैं वे जल्द से जल्द लाइसेंसिंग, उड़ान से संबंधित नई नीति में दिए गए नवीनतम प्रावधान का पालन करें।