अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदा दलाली मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट से कल यानि शनिवार को झटका लगा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी यानि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के दोनों मामलों में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम भी मुख्य आरोपियों की सूची में शामिल है, ऐसे में माना जा रहा है कि जैसे ही क्रिश्चियन मिशेल इस मामले पर कोई बड़ा खुलासा करते हैं, तो इससे सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में पहले ही तिहाड़ पहुंच चुके हैं, ऐसे में अगस्ता वेस्टलैंड से जुड़ी इस खबर ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
Bail applications of #AgustaWestland deal alleged middleman Christian Michel have been dismissed by a Delhi Court, in both CBI and ED cases (file pic) pic.twitter.com/4XlZdqQ8jK
— ANI (@ANI) September 7, 2019
बता दें कि पिछले वर्ष दिसंबर में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। इससे पहले ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दायर आरोप-पत्र में आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। ईडी ने तब कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के ‘नाम पर’ दी गई ‘रिश्वत’ थी। इतना ही नहीं, पिछले वर्ष दिसंबर में ही क्रिश्चियन मिशेल को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया था। तब ईडी की ओर से बताया गया था कि क्रिश्चियन मिशेल ने कोर्ट के सामने अपना बयान दर्ज़ कराया है। ईडी के अनुसार मिशेल ने अपने बयान में ‘श्रीमती गांधी’ नाम का ज़िक्र भी किया था।
ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, क्रिश्चियन मिशेल ने ये स्वीकार किया था कि वो ‘श्रीमती गांधी’ को जानता है। मिशेल ने आगे बताया था कि वो ‘श्रीमती गांधी’ के संपर्क में काफी समय से हैं और उन्हें 1986-87 से जानते हैं। इससे पहले जाँच एजेंसियों के हाथ एक डायरी भी लगी थी जिसमें राजनेताओं को दी जाने वाली भारी-भरकम रकम का जिक्र था। इस डायरी में ये भी सामने आया था कि 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे में करीब 12 फीसदी राशि रिश्वत के रूप में दी गयी थी। यही नहीं चार्जशीट में ‘एपी’ जैसे रहस्यमय शॉर्टनेम वाले राजनीतिज्ञ और इसी तरह एक ‘फैमिली’ को 1.5 से 1.6 करोड़ यूरो दिए जाने का जिक्र भी था।
पिछले एक वर्ष के दौरान अगस्ता वेस्टलैंड मामले से जुड़ी हमें काफी खबरें देखने को मिली हैं। इस मामले में जिस तरह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं, वह अपने आप में दर्शाता है कि कांग्रेस पूरी तरह हताश दिखाई दे रही है। कांग्रेस के किसी छोटे-मोटे नेता नहीं, बल्कि सीधे तौर पर अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, जिससे पूरी कांग्रेस पार्टी की साख दांव पर लग गई है। पिछले एक वर्ष के दौरान पीएम मोदी भी यह साफ कर चुके हैं कि वे अपने पहले कार्यकाल में जिन लोगों को कोर्ट के दरवाजे तक लेकर आए हैं, दूसरे कार्यकाल में उन्हें जेल के अंदर पहुंचाने का काम करेंगे। इन भाषणों में पीएम मोदी का इशारा किसकी तरफ होता है, कांग्रेस की हताशा से इस बात को समझा जा सकता है।
वर्ष 2014 में कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण यह था कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे, ऐसे में अब इतिहास अपने आप को दोहराता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर यह मुसीबत ऐसे समय पर आन पड़ी है जब पी चिदंबरम जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भ्रष्टाचार के मामले में जेल की हवा खा रहे हैं। अब चूंकि, कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी है, तो अब सोनिया गांधी की मुश्किलों में इजाफा देखने को मिल सकता है,और अगर ऐसा होता है तो यह कांग्रेस के लिए भी किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा।