पहले एक राज्य फिर दो और अब धीरे-धीरे 18 राज्य, इन सभी राज्यों में अब भाजपा की सरकार है। आखिर क्या वजह है कि बीजेपी लगातार सभी चुनावों में जीतती जा रही है? यह कोई रॉकेट साइन्स नहीं है बल्कि अपनी खास रणनीतियों व तैयारियों की वजह से चुनाव में ऐसा प्रदर्शन कर पाते हैं। 18 राज्य और केंद्र में 2 बार लगातार प्रचंड बहुमत के साथ लोकतन्त्र में सरकार बनाना किसी चमत्कार से कम नहीं है और भाजपा ने अपनी तैयारियों से यह कर दिखाया है। इसी का उदाहरण फिर से पश्चिम बंगाल में देखने मिलेगा। बीजेपी ने ममता बनर्जी से पश्चिम बंगाल को जीतने की तैयारी शुरू कर दी है। द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा ने वहां सभी 294 विधानसभा से 4-4 संभावित उम्मीदवारों को चुन कर उन्हें तैयार करना भी शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार इन चारों उम्मीदवार में से जिसकी परफ़ोर्मेंस सबसे अच्छी होगी वही पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ेगा।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में दशकों तक हाशिये पर रहने के बाद बीजेपी ने एक बड़ी छलांग लगाते हुये 2019 के आम चुनाव में 40 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया और 42 में से 18 सीटें जीत कर तृणमूल कांग्रेस को बता दिया कि अब उनकी चारदीवारी गिरने वाली है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने बंगाल को जीतने की तैयारी बहुत पहले ही शुरू कर दिया था।
बता दें कि ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है और ऐसा लग रहा है कि राजनीतिक हिंसा को रोकने में असफल रहीं ममता इस बार जनता की नज़र में अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही हैं। इसी कारण भाजपा को और भी मौका मिल रहा है। हाल ही की एक घटना में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर जाधवपुर यूनिवर्सिटी में हमला हुआ लेकिन फिर भी राज्य सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया। वहीं राज्य सरकार के श्रम विभाग ने पिछले कुछ वर्षों से अधर में लटके चाय के बागानों के 4500 से ज़्यादा कामगारों को उनका वेतन नहीं दिया जिससे उनमें भी टीएमसी के प्रति आक्रोश होगा। पहले डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा पर तानाशाही रुख, और अब चाय बागानों के कामगारों की दुर्दशा पर मौन व्रत धारण करना, ये सब बंगाल चुनाव में ममता की हार का रोड मैप ही है, जिसे उन्होंने खुद तैयार किया है।
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रमुख राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरी भाजपा को रोकने में TMC पूरी तरह से विफल रही है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के लगभग सभी वर्ग के वोटरों के बीच अपनी अच्छी पैठ बना ली है चाहे वो फिल्म उद्योग हो या आम जनता। अब भाजपा ने एक अच्छा उम्मीदवार चुनने के लिए नयी रणनीति लेकर आई है। इस रणनीति के तहत सभी विधानसभा क्षेत्रों से 4-4 संभावित उम्मीदवारों को चुना जाएगा और फिर 2021 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाएगा। और फिर चुनाव के समय तक जिसकी परफ़ोर्मेंस सबसे अच्छी होगी वही पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेगा। इससे उम्मीदवारों के बीच प्रतियोगिता भी बढ़ेगी और अच्छा काम करने की होड़ भी लगेगी, जिससे फायदा जनता को ही होगा और पार्टी की लोकप्रियता भी बढ़ेगी।
इससे दूसरी पंक्ति का नेतृत्व भी तैयार होगा जिससे पार्टी को ही फायदा होगा। विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा का इसी लोकतान्त्रिक तरीके की वजह से आज वह सबसे सफल रजीनीतिक पार्टी भी है। अधिकतर लोग इसी पार्टी का सदस्य भी बनना चाहते हैं। पार्टी का दावा है कि उसने इस दौरान पश्चिम बंगाल में रिकॉर्ड तोड़ एक करोड़ सदस्य बनाए हैं जिससे स्पष्ट होता है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अब सेंध लगा चुकी है और 2021 के विधानसभा चुनावों में ममता का किला ढहने वाला है और भाजपा भारी मतों के साथ जीत दर्ज करने वाली है।





























