TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ये 5 नेता पीएम मोदी को सुबह-शाम गाली बकते थे, अब इनके राजनीतिक करियर पर ग्रहण लग चुका है

Shivam Chauhan द्वारा Shivam Chauhan
19 September 2019
in समीक्षा
मोदी
Share on FacebookShare on X

कल यानि बुद्धवार को चौकाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से मुलाक़ात की। जिस तरह से ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के साथ व्यवहार किया था, उसके ठीक विपरीत जाकर उन्होंने पीएम मोदी के जन्मदिन के एक दिन बाद यानि बुद्धवार को मुलाकात की और उन्हें भेंट स्वरूप एक कुर्ता और मिठाइयाँ भी दी।

मीटिंग के बाद जब ममता ने प्रेस से वार्ता की, तब भी पीएम मोदी के प्रति उनका व्यवहार बेहद सकारात्मक था। उन्होंने बताया, “पीएम के साथ हमारी मुलाक़ात काफी सकारात्मक और संतोषजनक थी। मैंने पीएम मोदी से पश्चिम बंगाल में विश्व के दूसरे सबसे बड़े कोयला ब्लॉक के उद्घाटन में आने के लिए निवेदन भी किया है”।

संबंधितपोस्ट

सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

“डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

और लोड करें

परंतु ममता बनर्जी का अचानक से ऐसा हृदय परिवर्तन क्यों? ऐसा क्या हो गया कि कल तक जो ममता बनर्जी पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते नहीं थकती थीं, कल तक जो ममता बनर्जी पीएम मोदी को कंकड़ भरे, मिट्टी से बने रसगुल्ले भेंट में देना चाहती थीं। वो आज पीएम मोदी के प्रति इतना नरम रुख क्यों दिखा रही हैं?

ऐसा इसलिए क्योंकि ममता वो बात समझ गयी हैं, जिसे न समझने के कारण कई अहम राजनीतिक पार्टियां अब विलुप्त होने के कगार पर हैं। 2 वर्ष के अंदर ही ममता को बंगाल पता चल गया है कि कैसे उनकी बंगाल में जमीन खिसक रही है। उन्हें समझ में आ गया है कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी, और वे इसे अच्छी तरह से समझ गयी हैं कि पीएम मोदी को हराने के लिए अपशब्दों और आलोचनाओं का मार्ग बिल्कुल भी उचित नहीं है। आइये उन नेताओं पर एक नजर डालते हैं जिन्होंने इस सिद्धान्त का पालन नहीं किया और आज राजनीति में केवल हंसी के पात्र बन कर रह गए हैं।

तो सबसे पहले बात करते हैं, आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की। कभी भाजपा और काँग्रेस के बाद उचित विकल्प माने जाने वाले अरविंद केजरीवाल ने उसी समय गलती कर दी थी, जब उन्होंने 2015 में दिल्ली के मुख्यमंत्री दोबारा बनने पर अपनी लड़ाई भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ न करके पीएम मोदी के विरुद्ध मोड़ दी। चाहे वो लालू यादव जैसे भ्रष्ट नेता से संधि कर महागठबंधन का ज़बरदस्ती हिस्सा बनना हो, पीएम मोदी की डिग्री को फेक घोषित करना हो, या फिर पीएम मोदी को कायर और विकृत कहना हो। केजरीवाल ने पीएम मोदी को अपशब्द कहने का कोई अवसर हाथ से नहीं जाने दिया।
स्थिति तो यहाँ तक पहुँच गई कि केजरीवाल ने पीएम मोदी पर उन्हें जान से मारने की तैयारी करने का आरोप भी लगा दिया। यही नहीं, मोदी विरोध के नाम पर केजरीवाल ने पहले उरी हमले के प्रत्युत्तर में भारतीय सेना के पैरा स्पेशल फोर्सेस द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक्स, और 2019 की शुरुआत में ही हुये पुलवामा हमले के प्रत्युत्तर में किए गए एयर स्ट्राइक्स पर भी सवाल उठा दिये। परिणाम स्वरूप, जिस आम आदमी पार्टी को भारतीय राजनीति में एक अहम बदलाव के रूप में देखा जा रहा था, वो महज 4 वर्षों में दिल्ली एनसीआर की एक क्षेत्रीय पार्टी तक ही सिमट कर रह गई।

परंतु केजरीवाल ही अकेले व्यक्ति नहीं हैं, जिन्हें पीएम मोदी की अनुचित आलोचना करने के कारण राजनीतिक हाशिये पर आना पड़ा हो। स्वयं ममता बनर्जी ने भी 2016 में सत्ता वापसी करने के बाद अपने शासन को मजबूत करने के बजाए पीएम मोदी को ही विलेन बनाना शुरू कर दिया। मोदी विरोध में ममता बनर्जी इतनी अंधी हो गयी, कि राज्य में होने वाले सांप्रदायिक हिंसा, विपक्षी नेताओं के विरुद्ध टीएमसी के सदस्यों द्वारा की जा रही गुंडई, या फिर हिन्दू त्योहारों पर सरकार द्वारा लगाई जा रही अनुचित रोक पर इन्होंने किसी प्रकार का अफसोस नहीं जताया।

उल्टे उन्होंने इसके लिए पीड़ित पक्ष और उनकी आवाज़ उठाने वाली भाजपा को ही दोषी ठहराया। शायद इसीलिए बंगाल पर इतनी ‘मजबूत’ पकड़ होने के बावजूद भी ममता बनर्जी की तृणमूल काँग्रेस लोकसभा चुनावों में हरसंभव प्रयास करने के बावजूद भाजपा को 10 से कम सीटों पर नहीं रोक पायी, और 42 में से 18 सीट जीतकर भाजपा तृणमूल काँग्रेस के समक्ष बंगाल में प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर उभरी।

परंतु ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल कम से कम इस बात पर संतुष्ट हो सकते हैं कि उनकी पार्टी क्षेत्र में अभी भी सबसे बड़ी पार्टी है। पीएम मोदी को अपशब्द कहकर तो दो प्रमुख नेताओं ने अपना क्षेत्रीय वर्चस्व ही गंवा दिया। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम व सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आंध्र प्रदेश के तेलुगू देसम पार्टी के वर्तमान प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की। आज से कुछ वर्ष पहले ये दोनों नेता अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते हैं, और इन्हें अच्छा खासा बहुमत भी प्राप्त था।

परंतु जहां एक ओर अखिलेश तीसरे मोर्चे की सरकार में अपने लिए प्रमुख भूमिका चाहते थे और नायडू एनडीए का हिस्सा होते हुये भी पीएम मोदी से ज़्यादा शक्तिशाली होना चाहते थे। अखिलेश यादव 2017 में सत्ता वापसी को पूरी तरह तैयार कर दी, परंतु उन्होंने भी केजरीवाल की भांति अपनी लड़ाई राज्य में कुशासन के विरुद्ध न करके पीएम मोदी को नीचा दिखाने की ओर ओर मोड़ दी। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई, मोदी विरोध के नाम पर तो महाशय ने उसी काँग्रेस पार्टी से गठबंधन कर लिया, जिसने कुछ ही महीने यह नारा निकाला था – ’27 साल यूपी बेहाल’। फिर क्या था, जनता ने भी इन्हें अपनी तरह से जवाब दिया, और नोटबंदी के कारण उत्पन्न चिंताजनक माहौल के बाद भी उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रचंड बहुमत से जीतते हुये अपने दम पर 312 सीटों पर विजय प्राप्त की। बहुमत तो छोड़िए, काँग्रेस और सपा दोनों को ही 50 सीटों पर सिमटना पड़ा।

इसके बावजूद अखिलेश यादव ने इस परिणाम से कोई सबक न लेते हुये पीएम मोदी और उनके निजी संबंध पर टिप्पणियाँ करने लगे। गुजरात के लोगों की देशभक्ति का मज़ाक उड़ाना हो, या फिर सर्जिकल स्ट्राइक्स और एयर स्ट्राइक्स पर प्रश्न चिन्ह लगाना हो, अखिलेश यादव जान बूझकर पीएम मोदी को भड़काने का हरसंभव प्रयास कर रहे थे। जब भाजपा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अप्रत्याशित रूप से चुनाव हार गयी, तो अखिलेश यादव की खुशी का कोई ठिकाना न रहा, और उन्होंने तपाक से ट्वीट किया – “अब की बार, खो दी सरकार”। अंत में परिणाम यह निकला कि लोकसभा चुनाव में पूरे देश की तो छोड़िए, अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में भी अपने पार्टी को नहीं बचा पाये। मायावती के साथ गठबंधन कर अखिलेश यादव ने जितना पाया नहीं, उससे ज़्यादा तो उन्होने गंवा दिया। अब समाजवादी पार्टी केवल पाँच सीटों पर ही सिमट कर रह गयी है, और अनुच्छेद 370 का जिस तरह इन्होंने विरोध किया, उससे एक बात तो साफ है कि आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी जल्द ही इतिहास का हिस्सा बन सकती है।
इसी तरह चंद्रबाबू नायडू का भी बुरा हाल हुआ। तेलुगू देसम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने सत्ता की लालच में एक बार फिर वही गलती दोहराई, जिसके लिए आज भी उनकी आलोचना होती है। अपने ससुर व आंध्र प्रदेश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक रहे एनटी रामा राव की भांति चंद्रबाबू नायडू ने भी विश्वासघात कर न सिर्फ एनडीए छोड़ा, बल्कि भाजपा के विरुद्ध संसद में अविश्वास प्रस्ताव भी लाने का प्रयास किया।

यही नहीं, चंद्रबाबू नायडू ने केजरीवाल की राह पर चलते हुये पीएम मोदी को हर प्रकार का अपशब्द कहा। उन्हें नीचा दिखाने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने कोई कसर नहीं छोड़ी। परंतु इसी अंध विरोध में वे भूल गए कि उनके अपने राज्य में वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेता की चुनौती उनकी प्रतीक्षा कर रही है। परिणाम वही रहा – लोकसभा तो लोकसभा, चंद्रबाबू नायडू को विधानसभा में भी करारी हार का सामना पड़ा था।

परंतु अगर मोदी की आलोचना में अगर किसी ने सबसे ज़्यादा नुकसान झेला है, तो वह कोई और नहीं, हमारे अपने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी हैं। उनका दिन पीएम मोदी की आलोचना से ही शुरू होता था और पीएम मोदी पर ही खत्म होता था। पीएम मोदी की आलोचना करने में राहुल ने सभी सीमाएं पार कर दी, और सेना, पुलिस, प्रशासन, किसी को भी नहीं छोड़ा।

एक-एक कर काँग्रेस के सभी पुराने गढ़ उनके हाथ से फिसलते गए, परंतु राहुल का सारा ध्यान पीएम मोदी को नीचा दिखाने पर ही केन्द्रित था। पीएम मोदी को नीचा दिखाने की ज़िद में राहुल इतने अंधे हो गए कि उन्होने आतंकियों तक का महिमा मंडन शुरू कर दिया। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि काँग्रेस के पतन के पीछे राहुल बाबा का मोदी पुराण ही मुख्य रूप से ज़िम्मेदार रहा है।
ऐसे में अब ममता बनर्जी समझ गयी हैं कि पीएम मोदी को अपशब्द कहकर अपना राजनीतिक अंत लिखने से अच्छा है कि अपना गियर बदलकर पीएम मोदी को ‘उचित पैमानों’ पर चुनौती दिया जाए। अब वे इसमें कितना सफल रहती हैं, ये तो समय ही बताएगा, परंतु यदि ममता बनर्जी ने केजरीवाल, नायडू जैसे लोगों से कोई सीख न ली, तो 2021 विधानसभा चुनाव में उनका पत्ता कटना बिल्कुल तय है।

Tags: अखिलेश यादवचंद्रबाबू नायडूपीएम मोदीममता बनर्जीराहुल गाँधी
शेयर225ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘आर्यन इंवेजन थ्योरी’ के जरिए ‘मैकाले की सेना’ ने कैसे दक्षिण व उत्तर भारतीयों के बीच जहर बोया

अगली पोस्ट

हैदराबाद पर नेहरू की जो नीति थी वही नीति कश्मीर के लिए सोनिया गांधी की रही है

संबंधित पोस्ट

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान
चर्चित

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

17 September 2025

भारत की राजनीति में नेताओं की चर्चा अक्सर उनके चुनावी भाषणों, जनसभाओं की भीड़ या बड़े नारों तक सीमित रहती है। लेकिन जब केंद्रीय मंत्री...

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी
चर्चित

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

17 September 2025

17 सितंबर—आज जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना जन्मदिन मना रहे हैं, तब यह महज़ कैलेंडर पर दर्ज़ एक तारीख नहीं है। यह तारीख...

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत
क्राइम

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

17 September 2025

बिहार के औरंगाबाद ज़िले की सोनई नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव—लक्ष्मणपुर बाथे। आज यह नाम भारतीय राजनीति और न्याय व्यवस्था की उस...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

00:19:34

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited