एक्सपोर्ट सेक्टर को बड़ा तोहफा, मिलेगा 50 हजार करोड़ रुपए का इन्सेंटिव

एक्सपोर्ट स्कीम

PC: Business Standard

भारत की जीडीपी विकास दर में गिरावट के बीच कल यानि शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्सपोर्ट और रियल एस्टेट सेक्टर्स को बूस्ट करने के लिए कई ऐलान किए। इससे पहले वित्त मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर एक खुशखबरी भी दी। उन्होंने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में इंडस्ट्री के रिवाइवल के संकेत मिले हैं और देश में महंगाई भी काबू में है। देश में खपत घटी है जिसके कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में अब सरकार एक्सपोर्ट को बढ़ाना चाहती है जिसके लिए कल वित्त मंत्री ने एक्सपोर्ट की नई स्कीम को लॉन्च की।

बता दें कि नई एक्सपोर्ट स्कीम का नाम होगा ‘Remission of Duties or Taxes on Export Products’ और यह स्कीम देश में अगले साल 1 जनवरी से लागू होगी। अभी जो एक्सपोर्ट स्कीम लागू है उसका नाम मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) है, जिसके तहत भारत सरकार प्रॉडक्ट की FOB वैल्यू के आधार पर एक्स्पोर्टर्स को स्क्रिप यानि प्रोत्साहन राशि देती है। बता दें कि FOB वैल्यू एक्सपोर्ट करने वाले देश में एक्सपोर्ट होने वाली वस्तु की कीमत के समान होती है। अब जो नई स्कीम लागू होगी उसके तहत एक्स्पोर्टर्स को 50 हज़ार करोड़ की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसके तहत एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलने का अनुमान है।

इसके अलावा वित्त मंत्री ने एक्स्पोर्टर्स को जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट आसानी से उपलब्ध कराने के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया। सितंबर 2019 तक आईटीसी रिफंड के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड सिस्टम लागू किया जाएगा। इसका बड़ा फायदा यह होगा कि एक्स्पोर्टर्स को मिलने वाला टैक्स रिफ़ंड जल्द ही उन्हें मिल सकेगा और उस पैसे को वे अपने इस्तेमाल में ला सकेंगे। बता दें कि एक्स्पोर्टर्स जिस समान को एक्सपोर्ट करने के लिए खरीदता है, उसके लिए उसने अलग से विक्रेता को जीएसटी दिया होता है, ऐसे में अगर वह उसी सामान को एक्सपोर्ट करता है तो सरकार उसी जीएसटी का भुगतान वापस एक्सपोर्टर को कर देती है जिसे एक्स्पोर्टर्स के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट कहते हैं।

वित्त मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा। एक्सपोर्ट्स को कर्ज देने वाले बैंकों को ज्यादा इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा। इस पर साल में 1700 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। प्राथमिकता वाले सेक्टर के तहत एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए 36,000 करोड़ से 68,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त जारी किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि एयरपोर्ट और बंदरगाह पर एक्सपोर्ट में लगने के वाले समय को घटाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया जाएगा, और इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा। यह फेस्टिवल मार्च 2020 से पूरे देश में अलग-अलग चार जगहों पर आयोजित किया जाएगा। जेम्स ऐंड जूलरी, योगा एवं टूरिजम, टैक्सटाइल एवं लेदर क्षेत्र में ये आयोजन होगा।

माना जा रहा है कि सरकार के इस कदमों से एक्सपोर्ट सेक्टर को एक बड़ा बूस्ट मिलने का अनुमान है। इससे पहले अप्रैल-जुलाई तिमाही के लिए जारी जीडीपी के आंकड़ों ने सरकार की चिंताओं को बढ़ा दिया था। इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ केवल 5 प्रतिशत रह गई थी। अर्थव्यवस्था को लेकर अब सरकार सुपर एक्शन मोड में है और वित्त मंत्री इसको लेकर अब तक तीन बार प्रेस वार्ता भी कर चुके हैं। अब अनुमान है कि देश की अर्थव्यवस्था पर सरकार के इन फैसलों का सकारात्मक असर हमें जरूर देखने को मिलेगा।

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