कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस तो दिया लेकिन अपनी औकात यहां भी दिखा ही दी

पाकिस्तान

PC: AmarUjala

पाकिस्तान ने कल यानि मंगलवार को कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दिया जिसके बाद इस्लामाबाद में वरिष्ठ भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया ने कुलभूषण से मुलाकात की। सरकारी सूत्रों के अनुसार भारतीय उप-उच्चायुक्त ने जाधव से करीब दो घंटे तक बातचीत की। दोनों की मुलाकात पाकिस्तान की एक जेल में हुई। काउसंलर एक्सेस के दौरान भी पाकिस्तान अपने करतूतों से बाज नहीं आया। पहले तो यह मुलाकात इस्लामाबाद में पाक विदेश मंत्रालय के मुख्य भवन में होनी थी। मगर, ऐन वक्त पर पाक ने मुलाकात किसी अज्ञात स्थान पर तय कर दी और इसके बारे में सुरक्षा कारणों का हवाला देकर कोई जानकारी नहीं दी गई। बातचीत के दौरान जाधव ने वही बात फिर से दोहराया जो पाक के दबाव में बनाए गए वीडियो में उन्होंने पहले कहा था। पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और पाक अधिकारियों की मौजूदगी में वही हुई जिसकी आशंका भारत को पहले से ही थी। भारत का शुरू से ही कहना रहा है कि पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के प्रावधानों को मानते हुए निजी तौर पर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देनी चाहिए थी। उनसे मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के किसी अधिकारी की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए थी लेकिन पाकिस्तान ने फिर से अपना वही पुराना रंग दिखाया और विश्व में अपनी ऐसी छवि पेश करने की कोशिश की जिससे उसकी गलती सामने न आए।

जाधव से मुलाकात के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने शाम को एक बयान जारी किया। जिसके अनुसार भारतीय राजनयिक ने कुलभूषण से मुलाकात की। यह स्पष्ट था कि वे अत्यधिक दबाव में थे। उन पर पाक के झूठे दावे को सही साबित करने का दबाव दिखाई दे रहा था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने काउंसलर एक्सेस को लेकर मीडिया के सवालों के जवाब में कहा- ‘’यह स्पष्ट है कि कुलभूषण जाधव बातचीत के दौरान भारी दबाव में थे और उन्हें वही कहने को मजबूर होना पड़ रहा था, जिससे पाकिस्तान के फर्जी दावों को मजबूती मिले। राजनयिक से पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद हम आगे की योजना पर फैसला लेंगे।’’

सूत्रों के मुताबिक करीब दो घंटे की मुलाकात में जाधव काफी देर तक बोलते रहे। इस दौरान जाधव ने रटंत पाठ की तरह वही दोहराया जो इसके पहले पाकिस्तानी दबाव में बनाए वीडियो में उन्हें बोलते सुना गया था। यह साफ पता चल रहा था कि उनका ब्रेनवाश किया गया है कि वे ऐसा बयान दें। इसके लिए उन्हें काफी यातनाएं भी दी गयी थीं।

बातचीत कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरे और पाक अधिकारियों की मौजूदगी का यही मकसद था कि कुलभूषण अपनी सच्चाई भारतीय राजनयिक से न बताएं और वही बातें बोलें जो पाकिस्तानी चाहता हो, जिससे उसकी छवि न खराब हो।

इससे पहले भी पाकिस्तान ने कूलभूषण जाधव की माँ और उनकी पत्नी के साथ भी बदसूलूकी किया था। दरअसल, 25 दिसंबर 2017 को कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी ने इस्लामाबाद में जाधव से मुलाकात की थी लेकिन पाकिस्तान ने कुलभूषण की मां और पत्नी के साथ बुरा व्यवहार किया था। मीटिंग से पहले उनके कपड़े बदलवाए गए तथा मंगलसूत्र, चूड़ियां और जूते भी जब्त करवा लिए थे।

पाकिस्तान अपनी करतूतों से अभी भी बाज नहीं आ रहा है। अभी यह देखना बाकी है कि बैठक की रिपोर्ट के बाद विदेश मंत्रालय क्या ऐक्शन लेती है। हालांकि अभी तक जो भी रिपोर्ट आई है और जिस तरह से पाकिस्तान कूटनीतिक और न्यायिक प्रक्रिया को बाधित किया है उससे यह साफ पता चलता है कि वह कुलभूषण जाधव को यातना देने के लिए पाक किसी भी हद तक जा सकता है। आईसीजे द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद पाकिस्तान ने कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस तो दे दिया लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी व बातचीत की रिकॉर्डिंग से साफ जाहिर होता है कि पाक सिर्फ विश्व में अपनी छवि बनाने का प्रयास कर रहा है।

इससे पहले जब पाकिस्तान ने कई शर्तों के साथ काउंसलर एक्सेस देने का प्रस्ताव रखा था लेकिन भारतीय अधिकारियों ने शर्तों को देख कर अस्वीकार कर दिया था और कहा था कि काउंसलर एक्सेस बिना शर्तों पर दिया जाना चाहिए।

भारत को पाकिस्तान के इस रवैये का आईसीजे में पर्दाफाश करना चाहिए इसके साथ ही पाक पर राजनयिक दबाव भी बढ़ाना चाहिए ताकि जाधव को जल्द से जल्द घर वापस लाया जा सके।

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