मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी का 69वां जन्मदिवस देश में पूरे धूमधाम से मनाया गया। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 69वां जन्मदिन था और पूरा देश उन्हें जन्मदिन की बधाइयां दे रहा था और अपने अपने तरीके से उनका जन्मदिन मना रहा था। जहां एक ओर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में ‘सेवा सप्ताह’ का आयोजन किया, तो वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपने जन्मदिन पर सरदार सरोवर डैम का दौरा किया और नर्मदा पूजन किया। इसके बाद उन्होंने अपनी मां का भी आशीर्वाद लिया।
परंतु पीएम मोदी का जन्मदिवस धूम धाम से मने, और लिबरल्स न कुढ़े, ऐसे कैसे हो सकता है? पीएम मोदी के जन्मदिवस की खबरें सुनते ही देश के बुद्धिजीवी वर्ग का पारा मानो सातवें आसमान पर चला गया और इन सभी ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक ट्वीट पोस्ट करने शुरू कर दिए। इसकी शुरुआत किसी और ने नहीं, बल्कि फेक न्यूज़ पोस्ट करने वाली द वायर की पत्रकार आरफा खानुम शेरवानी ने की –
Is it India or Zimbabwe ruled by a Robert Mugabe?
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) September 17, 2019
आरफा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ये भारत है या रॉबर्ट मुगाबे के शासन में पिस रहा ज़िम्बाब्वे?” एक बार फिर अपनी विकृत मानसिकता को उजागर करते हुए आरफा खानुम शेरवानी ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना ज़िम्बाब्वे के तानशाह रॉबर्ट मुगाबे से कर दी। वो तानाशाह जिसने लोकतंत्र का नाम ही ज़िम्बाब्वे के नक्शे से मिटा दिया था। रॉबर्ट मुगाबे के कारण ज़िम्बाब्वे आज आर्थिक रूप से दिवालियापन के मुहाने पर खड़ा है। जबकि नरेंद्र मोदी के शासन में लोकतन्त्र न केवल सशक्त है, अपितु भारत की छवि भी विश्व भर में काफी सुधरी है।
जन्मदिन मनाना तो छोड़िए, पीएम मोदी का अपनी माँ से मिलना और उनका आशीर्वाद लेना भी कई लोगों को चुभ रहा था। अब अशोक स्वेन के इस ट्वीट को देखकर आप खुद समझ जायेंगे जो ये कह रहे हैं कि ‘मोदी दुनिया के एकमात्र व्यक्ति हैं जो अपनी माँ से मिलते हैं और खबरें बन जाती हैं!’
https://twitter.com/ashoswai/status/1173974404214218754
देश में धूमधाम से लोग अपनी इच्छा से प्रधानमंत्री का जन्मदिवस मना रहे थे जिससे द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह इतना चिढ़ गयीं कि ट्वीट पोस्ट अपनी भड़ास भी निकाली।
बिलकुल होना चाहिए। आदेश पारित किया जाए कि सबको 17 सेप्टेम्बर को, प्रधान मंत्री के जन्म दिवस पर, अपने घर पर दिए जलाने चाहिए और लाइटिंग करनी चाहिए। जो ऐसा नहीं करेगा उसको PSA में 2 साल के लिए बंद किया जाएगा। https://t.co/L9Reg5K0nH
— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 17, 2019
अपने ट्वीट में रोहिणी सिंह ने कहा, ‘’बिलकुल होना चाहिए। आदेश पारित किया जाए कि सबको 17 सितम्बर को, प्रधानमंत्री के जन्म दिवस पर, अपने घर पर दिए जलाने चाहिए और लाइटिंग करनी चाहिए। जो ऐसा नहीं करेगा उसको PSA में 2 साल के लिए बंद किया जाएगा”।
इन लोगों को तब कोई दिक्कत नहीं होती जब देश के समस्त संसाधन एक ही परिवार के भरण पोषण में लगा दिया जायें। इन्हें तब तकलीफ नहीं होती, जब नेहरू गांधी परिवार के सदस्यों के जन्मदिन को बाल दिवस, सद्भावना दिवस, यहाँ तक की राष्ट्रीय अखंडता दिवस के रूप में मनाया जाए। आप समझ रहे हैं न हम किस परिवार की बात कर रहे हैं।
अरफा खानुम शेरवानी, रोहिणी सिंह और अशोक स्वेन के अलावा भी ऐसे कई दिग्गज हैं, जिन्होंने पीएम मोदी के जन्मदिन पर बेहद आपत्तिजनक ट्वीट पोस्ट शेयर किया। चाहे वो संजुक्ता बासु, या चुनाव नीति के गजेन्द्र किसी के भी मुंह से पीएम मोदी के लिए दो मीठे बोल भी नहीं निकल पाये लेकिन नफरत जरुर निकली।
https://twitter.com/Airavta/status/1173897757125312513
Every year same pose. PM needs a better choreographer. Somebody from Hollywood this time. https://t.co/RxlD28Aezr
— Dr. Sanjukta Basu, M.A., LLB., PhD (@sanjukta) September 17, 2019
परंतु हद तो तब हो गयी जब अपने आप को राजनीतिक विश्लेषक कहने वाले निशांत वर्मा ने पीएम मोदी के जन्मदिन पर एक बेहद ही बेतुकी पोस्ट शेयर की –
https://twitter.com/varnishant/status/1173841873418346497
ट्वीट के अनुसार निशांत वर्मा कहते हैं, ‘श्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की भेंट। जी गोबर केक है बिलकुल। न केवल आपके भक्तों को अत्यंत पसंद है, परंतु आपकी सरकार का सटीक प्रतीक भी। ईश्वर आपको सद्बुद्धि दे, अत्यंत आवश्यक है’।
दरअसल, इन सभी बुद्धिजीवियों को इस बात से परेशानी है प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिवस लोग इतनी धूमधाम से क्यों मना रहे। परंतु वे भूल रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने तो किसी को तानाशाही फरमान नहीं सुनाया था, और अधिकांश भारतीय अपनी इच्छा से उनका आभार व्यक्त कर रहे थे और खुशियाँ मना रहे थे, और अगर इन बुद्धिजीवियों को देश की खुशी से चिढ़ मचती है, तो उसके लिए भला नरेंद्र मोदी कैसे दोषी हुए? खैर, इन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, ये केवल अपनी निम्न मानसिकता का परिचय दे रहे हैं।