बांग्लादेश, दक्षिण एशिया का एक गरीब, अल्पविकसित देश है, जो अभी दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी समस्या से जूझ रहा है। हालांकि, यह बंगालदेशी सरकार और वहाँ के लोगों के कड़े परिश्रम का ही नतीजा है कि अब यह देश दक्षिण एशिया का नया ‘टाइगर’ बनता जा रहा है। इस देश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2016 के बाद से लगभग 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है, और आने वाले सालों में इसके और तेज़ गति से बढ़ने के अनुमान है। इस देश में टेक्सटाइल सेक्टर बहुत तेज़ी से विकसित हुआ है और बांग्लादेश के कुल एक्सपोर्ट का लगभग 80 प्रतिशत सामान टेक्सटाइल से ही आता है। ऐसे में अगर यह देश दुनिया की सबसे तेज़ गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के साथ मिलकर अपने कदम आगे बढ़ाता है, तो इससे दोनों देशों का फायदा होना तय है। अभी कुछ क्षेत्रों में भारत और बांग्लादेश एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं, ऐसे में अगर यह दोनों देश प्रतिस्पर्धा को छोड़कर को-ऑपरेशन पर ध्यान देते हैं, तो इससे दोनों देशों के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
भारत और बांग्लादेश, इन दोनों देशो की आबादी लगभग 150 करोड़ है और साथ ही यहां सस्ती दरों पर मजदूर भी बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। ऐसे में दोनों देश ही विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इसका हमें नतीजा भी देखने को मिला है। बांग्लादेश में बड़ी संख्या में उद्योग स्थापित होते जा रहे हैं और इसके कारण लोगों को रोजगार मिलने की संभावनाओं में वृद्धि देखने को मिली है। वर्ल्ड बैंक के सबसे नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक बांग्लादेश के इंडस्ट्री सेक्टर ने पिछले वर्ष लगभग 10 प्रतिशत की दर से विकास किया, जबकि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था ने इस दौरान लगभग 7 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया। बता दें कि उद्योग क्षेत्र अभी बांग्लादेश में 21 प्रतिशत लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जबकि सर्विस सेक्टर लगभग 40 प्रतिशत लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
भारत और बांग्लादेश का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 10 बिलियन यूएस डॉलर का है जिसमें से अभी भारत लगभग साढ़े आठ बिलियन डॉलर का सामान बांग्लादेश को निर्यात करता है। अगर दोनों देश चाहे तो इस व्यापार को और ज़्यादा बढ़ा सकते हैं और भारत बांग्लादेश से टेक्सटाइल गुड्स को इम्पोर्ट कर सकता है। वर्ष 2015 के आंकड़ों के अनुसार भारत अभी बांग्लादेश को अधिकतर टेक्सटाइल से जुड़े कच्चे माल का ही निर्यात करता है।
बता दें की बांग्लादेश की सरकार ढाका में आईटी क्षेत्र का विकास करना चाहती है और भारत को आईटी सेक्टर का काफी अनुभव भी है। ऐसे में दोनों देश इस सेक्टर के विकास के लिए साथ आ सकते हैं। भारत की आईटी कंपनियां बांग्लादेश में इस सेक्टर के विकास के लिए बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। इसके अलावा दोनों देश साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र में भी एक दूसरे का सहयोग कर सकते हैं।
बता दें कि अभी चमड़े के सामान, फार्मास्यूटिकल्स, जहाज निर्माण, फ्रोजन सी फूड, मिट्टी की चीज़ें, जूट उत्पाद, ICT, FMCG, घरेलू उपकरण, कृषि प्रसंस्करण, मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में भारत को टक्कर दे रहा है। अगर दोनों देश साथ मिलकर इन क्षेत्रों पर फोकस करते हैं तो दुनियाभर में ये दोनों देश अपने सामान को बेहतर ढंग से एक्सपोर्ट कर सकते हैं। प्रतिस्पर्धा की बजाय अगर दोनों देश सहयोग पर ध्यान देंगे तो इन सभी क्षेत्रों में रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे।