‘एक्सपोर्ट बढ़ा लो, पर प्रतिबंध मत लगाओ’ भारत के कड़े रुख के बाद लाइन पर आया मलेशिया

पाम ऑयल

यूएन में पिछले महीने कश्मीर का मुद्दा उठाने वाला मलेशिया अब भारत के वार से इतना परेशान हो चुका है कि अब वह भारत सरकार से अपने व्यापारिक रिश्ते सुधारने की गुहार लगाने पर मजबूर हो गया है। पिछले दिनों यह खबर आई थी कि भारत सरकार मलेशिया से आयात पर प्रतिबंध लगा सकती है, इसके बाद भारतीय रिफाइनर्स ने मलेशिया से इम्पोर्ट होने वाले पाम ऑयल को खरीदना बंद कर दिया था। भारतीय रिफाइनर्स के इस बड़े कदम से मलेशिया को इतना गहरा धक्का पहुंचा कि अब मलेशिया के एक मंत्री को सामने आकर यह कहना पड़ रहा है कि वे भारत से ज़्यादा इम्पोर्ट करने के लिए तैयार है और दोनों देशों को अपने रिश्ते सुधारने चाहिए।

दरअसल, भारत और मलेशिया के रिश्तों में तनाव पर मलेशिया के प्राथमिक उद्योग के मंत्री ने कहा कि ‘भारत और मलेशिया के रिश्ते पिछले 6 दशकों से बेहद मजबूत रहे हैं, और मलेशिया व्यापार को लेकर भारत की चिंताओं पर विचार करने के लिए तैयार है’। साथ ही उन्होंने कहा कि वे भारत से चीनी और बफेलो मीट (भैंस के मांस) को आयात करने पर राज़ी हैं।

बता दें कि भारत प्रतिवर्ष 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है और जिन देशों से भारत आयात करता है उसमें मलेशिया और इंडोनेशिया प्रमुख हैं। इसी पाम ऑयल के आयात को भारत सरकार मलेशिया से हटकर अब इंडोनेशिया पर केन्द्रित करने पर विचार कर रही है। पिछले महीने भारत ने मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 5 प्रतिशत बढ़ा दिया था, जिसके बाद भारतीय रिफाइनर्स ने मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल का बहिष्कार कर दिया था। इससे लगभग 3 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाली मलेशिया की पाम ऑयल इंडस्ट्री को गहरा धक्का पहुंचा है। भारत मलेशिया से बहुत बड़ी मात्रा में पाम ऑयल इम्पोर्ट करता है, और ऐसे में जब भारतीय आयातकों ने मलेशियन पाम ऑयल का इम्पोर्ट बंद किया तो मलेशिया को इससे बड़ी तकलीफ पहुंची है। अब मलेशिया के मंत्री भारत से ज़्यादा इम्पोर्ट की बात कर रहे हैं।

मलेशिया और भारत के रिश्ते वैसे तो अच्छे ही रहे हैं, लेकिन मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने पिछले महीने यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद से ही नई दिल्ली में मलेशिया को लेकर गुस्सा देखने को मिला। महातिर मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर टिप्पणी करते हुए इसे भारत का आक्रमण करार दिया था। मोहम्मद ने भारत को पाक से बातचीत करने की सलाह भी दी थी। वहीं इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि हम मलेशिया सरकार को कहेंगे कि वह कोई भी बयान देने से पहले जमीनी हकीकत को समझ ले और ये मुद्दा पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। इसके बाद रायटर्स न्यूज़ एजेंसी ने यह खबर छापी कि भारत मलेशिया से इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगा सकता है, जिसके बाद अब मलेशिया सरकार की इस पर यह प्रतिक्रिया आई है।

यह बात सही है कि व्यापार युद्ध किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं होगा। इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि भारत के इन कदमों का ज़्यादा बुरा प्रभाव मलेशिया पर ही पड़ेगा। ऐसे में मलेशिया के लिए यही अच्छा होगा कि वह कश्मीर मुद्दे पर अपने भारत-विरोधी रुख को छोड़कर तर्कसंगत बात करे और तुरंत कश्मीर को लेकर अपने स्टैंड में बदलाव करे। अगर मलेशिया वाकई भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है तो उसे कश्मीर पर पाक की भाषा बोलने के लिए भारत के 130 करोड़ लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

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