हाल ही में फ्रांसीसी सरकार ने विजयदशमी और वायुसेना दिवस के शुभ अवसर पर भारत सरकार को राफेल फाइटर जेट सौंपा। इसके अधिग्रहण के लिए स्वयं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना के कई वरिष्ठ अधिकारी फ्रांस गए थे। यही नहीं, विजयदशमी के शुभ अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राफ़ेल के आधिकारिक अधिग्रहण के पश्चात शस्त्र पूजा का आयोजन भी कराया। उन्होंने विधिवत पूजा करने के बाद राफ़ेल विमान पर कुमकुम से ‘ॐ’ लिखा। इस एक निर्णय से राजनाथ सिंह ने न केवल भारतीयता को निःसंकोच विश्व के समक्ष रखा, बल्कि भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाने में अपना योगदान भी दिया। परंतु ये बात हमारे देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के गले नहीं उतरी।
कांग्रेस ने तुरंत भाजपा सरकार, और विशेष रूप से राजनाथ सिंह के विरुद्ध शस्त्र पूजा करने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने राजनाथ सिंह के समारोह में शामिल होने के औचित्य पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि- ‘आखिर इसे रक्षा मंत्री ने क्यों रिसीव किया, ये काम वायुसेना ही कर सकती थी। ये सिर्फ एक नया लड़ाकू विमान ही है जो हमें मिल रहा है।’
वहीं हर बार कांग्रेस की भद्द पीटवाने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस पर बेहद बेतूका बयान देते हुए कहा- ‘इस तरह के तमाशे की जरूरत नहीं थी। जब हमने बोफोर्स जैसे हथियार खरीदे, तब दिखावे के लिए कोई वहां लाने नहीं गया था। राफेल पर ‘ॐ’ लिखना और उसकी पूजा करना सही है या गलत, इसका निर्णय एयरफोर्स के ऑफिसरों को करना है। उन्होंने कहा, ‘ये लोग जाते हैं, दिखावा करते हैं और विमान के अंदर बैठते भी हैं।’
Mallikarjun Khage, Congress on Defence Minister officially receiving Rafale aircraft in France & performing 'Shastra Puja': There is no need to do such 'tamasha' (drama). When we bought weapons-like the Bofors gun previously purchased, no one went & brought them while showing off pic.twitter.com/ITM0IpSMw6
— ANI (@ANI) October 9, 2019
परंतु कांग्रेस का यह रुख सोशल मीडिया पर मौजूद लाखों यूज़र्स को रास नहीं आई, और उन्होंने इन दोनों नेताओं की जमकर खिंचाई की। ‘द स्किन डॉक्टर’ के नाम से ट्विटर हैंडल चलाने वाले एक यूजर ने मल्लिकार्जुन खड़गे की पोल खोलते हुये ट्वीट किया, “सिर्फ इतना कहा होता कि इसकी आवश्यकता नहीं थी, तो भी चल जाता। इसे कुछ लोग राजनीतिक रूप से शिष्ट विचार भी कह देते। पर एक धार्मिक रीति को ‘तमाशा’ बताना? कांग्रेस अपनी कब्र खुद खोद रही है। वैसे, शस्त्र पूजा तो कांग्रेस भी करती थी 1980 में, नहीं?”
Sirf itna kaha hota ki it was not needed, to bhi chal jata. Would've been a politically correct valid point. But calling religious ritual a "Tamasha"? Congress apni kabr khud khod rahi hai.
Btw, this is an image of Shastra Pooja being conducted in 1980 under Congress rule. pic.twitter.com/oVGNekg7cK
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) October 9, 2019
इसके अलावा रोजी नाम की एक ट्विटर यूजर ने फिल्म डिविजन का एक पुराना वीडियो पोस्ट किया, जिसमें ये साफ दिखता है कि कैसे एक जलपोत ‘जल उषा’ के अनावरण से पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विधिवत पूजा कराई थी।
Congis & Modi Haters Mocked Rajnath Singh doing Hindu traditional #ShastraPuja of #Rafale
BUT same HYPOCRITE Congis will go into orgasms seeing old video of their Demi God Pandit Jawahar Lal Nehru doing SAME traditional HINDU PUJA at launch of Navy Ship Jalusa #RafalePuja pic.twitter.com/1ZYdqyJH0y
— Rosy (@rose_k01) October 9, 2019
ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे की दलीलें न केवल बकवास है, बल्कि सत्य और वास्तविक इतिहास को छुपाने का एक बेहद घटिया प्रयास भी है। सच बोलें तो ‘द स्किन डॉक्टर’ का बयान वास्तविकता से ज़्यादा विमुख भी नहीं है। शस्त्र पूजा का विरोध कर कांग्रेस ने न सिर्फ महाराष्ट्र और हरियाणा में अपनी हार सुनिश्चित की है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि उनके प्रत्याशी आगामी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हारेंगे, क्योंकि दोनों ही राज्यों में हिंदुओं की आबादी ज्यादा है और यहां सनातन रीतियों का विरोध हेय की दृष्टि से देखा जाता है।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए सनातन रीतियों का विरोध किया हो। जिस पार्टी ने राम सेतु को काल्पनिक बताकर उसके अवशेषों को तोड़ने की तैयारी कर ली थी, उससे हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं? हिन्दू आतंकवाद के काल्पनिक सिद्धान्त को बल देना हो, या फिर दक्षिणपंथियों को निशाने पर लेने के नाम पर सनातन प्रतीकों का अपमान करना हो, कांग्रेस ने हर बार सनातन संस्कृति का अपमान किया है।
This is the modus operandi that Modi gives his blessings for- organized propagation of hate, spreading of fake news, misleading people, rampant misogyny, abusing the Constitution & misuse of religious sentiments to incite hatred. #BhaktCharitra pic.twitter.com/mIVEWBirrE
— Congress (@INCIndia) April 20, 2019
यहीं नहीं, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी कांग्रेस ने सनातन संस्कृति का मज़ाक उड़ाने में एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया था। एक ओर लखनऊ से कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद कृष्णन ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर बेहद आपत्तिजनक कविता पढ़ी, तो वहीं दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा उम्मीदवार [और अब सांसद] तेजस्वी सूर्या के एक निजी आयुध पूजा से ली गयी फोटो का कांग्रेस आईटी सेल ने जमकर मज़ाक उड़ाया, और उन्हें अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
https://twitter.com/Tejasvi_Surya/status/885775335383379968
महाराष्ट्र और हरियाणा में हिंदुओं की आबादी ज्यादा है। हिन्दुत्व की विचारधारा को इन दो राज्यों से सर्वाधिक समर्थन मिलता है। ऐसे में राफेल के अधिग्रहण के दौरान राजनाथ सिंह द्वारा किए गए शस्त्र पूजा का भद्दा मज़ाक उड़ाकर कांग्रेस ने हिंदुओं की आस्था को अपमानित नहीं किया है, बल्कि अपनी निम्न स्तर की मानसिकता उजागर करने के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनावों में अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है।