अयोध्या विवाद वर्षों बाद आखिरकार सुलझ गया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस मामले पर आज यानी कि 9 नवंबर को अपना फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर अपने फैसले में क्या कहा आइये जान लेते इन 10 पॉइंट्स में:
- आज 5 जजों की बेंच ने देश के सबसे पुराने विवाद में फैसला सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर रामलला का अधिकार रहेगा और मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक 5 एकड़ ज़मीन अयोध्या में ही दी जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने आज यह भी साफ किया कि विवादित स्थल पर निर्मोही अखाड़े या शिया वक्फ बोर्ड का कोई दावा नहीं है और 5 एकड़ ज़मीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही दी जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले में Archaeological Survey of India की रिपोर्ट को आधार बनाकर कहा गया कि विवादित स्थल की खुदाई में किसी इस्लामिक ढांचे के होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं और बाबरी मस्जिद को खाली जगह पर नहीं बनाया गया था।
- अयोध्या फैसले के मुताबिक अंग्रेजों के जमाने तक विवादित स्थल पर नमाज़ पढे जाने के कोई सबूत मौजूद नहीं है, वहीं इस बात के सबूत हैं कि भगवान राम का जन्म विवादित ढांचे के अंदर हुआ था।
- सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आस्था और विश्वास पर कोई विवाद नहीं हो सकता है। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला कानूनी पक्ष को देखते हुए लिया गया है ना कि आस्था को देखकर।
- यह फैसला 5 जजों की बेंच ने सुनाया। बेंच में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर शामिल थे। सभी जजों ने एकमत से अपना फैसला सुनाया।
- हिन्दू पक्ष ने जहां एक तरफ इस फैसले का स्वागत किया है, तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले का सम्मान करने की बात कही है। साथ ही मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वह इस मामले पर पुनर्विचार करने की याचिका दायर करने पर विचार करेंगे।
- फैसला आने से पहले केंद्र और यूपी सरकार ने कानून व्यवस्था को बहाल रखने के लिए एहतियातन कई कदम उठाए। अयोध्या में सुरक्षा के लिये 60 कंपनी पीएसी और अर्धसैनिक बल तैनात किए गये थे। इसमें 15 कंपनी पीएसी, 15 कंपनी सीआरपीएफ और 10 कंपनी आरएएफ हाल में अयोध्या आयी थीं जबकि 20 कंपनी पीएसी पहले से ही यहां तैनात थी।
- फैसला आने से पहले पीएम मोदी और सीएम योगी ने सभी पक्षों से सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की थी। फैसला आने के बाद पीएम मोदी ने कहा हमारे देश की हज़ारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है।
- अनुच्छेद 370 हटाने के बाद राम मंदिर का ऐसा दूसरा मुद्दा है जो पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में हल हुआ है और जो कई वर्षों से भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है।