“हैलो” एक मैसेज मेरे स्क्रीन पर चमका। मैंने सोचा ये कौन है। मैसेज फेसबुक मैसेंजर पर आया था। किसी अंजान लड़की का। पहले तो मुझे देखते ही शक हुआ लेकिन मैंने देखना चाहा कि आखिर ये है कौन!! इसके लिए प्रोफ़ाइल चेक की, प्रोफ़ाइल तो किसी लड़की का ही प्रतीत हो रहा था फोटो भी लड़की का ही था” यह कहना है ऑनलाइन sextortion से पीड़ित व्यक्ति की।
आज इंटरनेट के सस्ता होने और कोने-कोने तक पहुंच जाने के कारण ऑनलाइन अपराधों में भारी बढ़ोतरी हुई है। चीन के बाद भारत में सबसे अधिक इंटरनेट यूजर हैं। यह संख्या लगभग 370 मिलियन है यानि कुल जनसंख्या का 30 प्रतिशत। किसी भी तकनीक के बढ़ने से फायदे और नुकसान दोनों होते हैं और इंटरनेट भी इससे अच्छुता नहीं है। इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व शामिल हो गया है।
भारत की अनियंत्रित डिजिटलिकरण ने युवाओं को होने वाले साइबर हमलों के सामने पूरी तरह से असुरक्षित कर दिया है। किसी प्रकार की त्वरित कारवाई न होने के कारण आज के युवा लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं। इन साइबर हमलों के पीछे कई कारण हैं जैसे छोटी रकम की चोरी, सोशल मीडिया पर धमकियां, लॉटरी घोटाले और यौन उत्पीड़न हैं। 2015 में देश भर में 11,500 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई थी। 2017 में भारत भर में साइबर अपराधों की कुल संख्या लगभग 3,474 थी, वहीं 2016 में लगभग 2,402 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे।
आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे मामले की जिस पर एक युवा बात करने से भी घबराता है। उसे अपनी गलती के कारण बदनामी का डर और परिवार की चिंता सताती रहती है और वह किसी भी प्रकार से अपनी बात नहीं रख पता है। यह मामला है sextortion का। यानि सोशल मीडिया पर प्रायोजित तरीके से किसी युवा को एक लड़की की प्रोफ़ाइल से आकर्षित करके, उसे फंसाकर, अंतरंग वीडियो बनाकर, उसे डेट करने के बहाने बुलाकर, निजी वीडियो बनाकर उसे इंटरनेट पर पब्लिक करने की धमकी देकर उससे extortion वसूला जाता है। ज़ाहीर है जब किसी भी युवा के साथ ऐसा होता है तो वह किसी को बताने में हिककिचाएगा।
यह धंधा कोई छोटा धंधा नहीं है बल्कि इसे विश्व भर में एक बड़े और प्रायोजित अपराध की श्रेणी में गिना जाता है। इसके लिए एक टीम दिन भर कम्प्यूटर पर बैठी रहती है और ऐसे लोग पर नज़र रखती है, जिन्हें फंसाया जा सके।
आखिर कैसे इसकी शुरुआत होती है? अपराधी पहले किसी भी युवा की ऑनलाइन हरकत पर नज़र रखते हैं। उसके बारे में जानकारी जुटाते हैं…जैसे वह काम क्या करता है, उसकी इनकम कितनी है, लाइफस्टाइल कैसी है आदि। फिर उन्हें एक लड़की की प्रोफ़ाइल से किसी पेज या किसी कमेन्ट में रिप्लाइ देते हैं जिससे वह युवा उत्सुक हो जाता है और उस फेक प्रोफ़ाइल को रिप्लाइ देता है। इस तरह से शुरू होती है बात और फिर यह इनबॉक्स तक पहुंच जाती है और फिर फोन नंबर का लेन-देन होता है।
यही सिलसिला जारी रहता है और अपराधी महत्वपूर्ण जानकारी जुटाकर, उस युवा के घरवालों और दोस्तों से भी संपर्क बनाता है। धीरे-धीरे यह मामला, अंतरंगता तक पहुंच जाती है। अपराधियों के गैंग में लड़कियां भी शामिल होती हैं और वे जाल में फंसे युवाओं से वीडियो कॉल करती हैं। वीडियो कॉल से ही कई नग्न वीडियो बनाया जाता है और इसका इस्तेमाल कुछ रूपयों के लिए किया जाता है, उन युवाओं को धमकी दी जाती है- ‘’पैसे दो वरना वीडियो सार्वजनिक कर देंगे।‘’ बदनामी के डर से वे रुपये देने के लिए बाध्य हो जाते हैं। कभी-कभी यह मामला डेट तक पहुंच जाता है और लड़के को किसी अंजान जगह पर बुलाया जाता है और फिर उसका वीडियो बनाकर उसे फँसाया जाता है।
BBC कि एक रिपोर्ट में यह दिखाया गया था कि फिलीपींस में किस तरह पुलिस इसी तरह के अपराधियों के ठिकानों पर छापा मारने जाती है जहां से उन्हें wifi, laptop और कई प्रकार की आपत्तिजनक वस्तु मिलता है। उन्हीं ठिकानों से ऑनलाइन लड़कों को निशाना बनाया जाता था। भारत भी इससे अच्छुता नहीं रहा। आजकल तो यह सिर्फ फेसबुक, इन्स्टाग्राम, ट्विटर तक ही सीमित नहीं बल्कि टिंडर, happn हैंगआउट और कई तरह की वेबसाइट तक यह जाल फैल चुका है। दिल्ली की ही एक घटना है जिसमें दुष्यंत शर्मा नाम के एक युवा की हत्या एक प्रिया सेठ नाम की लड़की कर देती है।
घटना कुछ इस प्रकार था- प्रिया ने दुष्यंत को डेटिंग एप्प टिंडर के जरिए अपने हुस्न के जाल में फंसाया। प्रिया पहले से ही एक फ्रॉड थी और कई मामले उसके खिलाफ दर्ज थे। टिंडर पर मिलने के बाद प्रिया ने दुष्यंत को किडनैप कर उससे फिरौती वसूलने का प्लान बना लिया था। दुष्यंत प्रिया के जाल में फँसता चला गया और फिर इस चक्कर अपनी जान गंवा बैठा।
इसी तरह मुंबई के एक बैंकर ने भी मामला दर्ज किया था। इस sextortion के कई बड़े लोग शिकार हो चुके हैं इसमें सबसे पहले नाम आता है अमेज़न के CEO जेफ़ बेजोस का। ग्लोबल वेब इंडेक्स के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक पुरुष इस तरह की डेटिंग एप्प का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में इन डेटिंग एप्प के जरिए अपराध काफी बढ़ा है। इसे काबू करने के लिए सरकार ने अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाए हैं जिसे जल्द से जल्द उठाने की जरूरत है। आज युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि इंटरनेट का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं। और दुरुपयोग करने वालों से बचने का एक मात्र उपाय है किसी भी अंजान से न उलझना। किसी भी अपरिचित को बिना जाने, ट्राई न मारें वरना फ्रॉड के दल-दल में जा सकते हैं और जान भी गंवानी पड़ सकती है। किसी भी ऐसे मैसेज का प्रतिउत्तर न दें जिसे आप व्यक्तिगत तौर से न जानते हों। किसी अनजान से बात करते समय अपने आप को नियंत्रित रखें, हो सकता है आपकी बातें रिकॉर्ड की जा रही हो। इस तरह का अपराध कोई एक व्यक्ति नहीं करता और यह बड़े ही सुनयोजित तरीके से किया जाता है इसलिए अगर आपको किसी भी प्रकार का शक होता है तो तुरंत पुलिस के साइबर सेल को रिपोर्ट करें। क्षण भर की खुशी के लिए कई लोग अपनी जान और इज्जत दोनों ही गंवा देते हैं इसलिए सावधान रहें।