नागरिकता कानून को लेकर देशभर के कई इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट के कुछ इलाकों में तो इन विरोध प्रदर्शनों में कई जाने जा चुकी हैं। हालांकि, अधिकतर प्रदर्शनकारियों को या तो देश की विपक्षी पार्टियों और मीडिया द्वारा भड़काया गया है, या फिर उन्हें सही तथ्यों की जानकारी ही नहीं है। इसको देखते हुए अब भाजपा ने #IndiasupportsCAA के नाम से एक कैम्पेन चलाया है जिसके तहत उसने इस कानून को लेकर समाज में फैलाये गए दुष्प्रचार से निपटने की योजना बनाई है। इस कैम्पेन के जरिये उन गलत तथ्यों और जानकारियों को एक्सपोज करने के काम किया जाएगा जो विपक्ष ने अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकने के लिए समाज में फैलाई हैं। आइए नज़र डाल लेते हैं ऐसे ही कुछ भ्रामक तथ्यों पर:
पहला झूठ : संशोधित नागरिकता कानून असम अकोर्ड को महत्वहीन कर देगा।
सच: बता दें कि 1985 में हुए असम समझौते में कहा गया था कि 24 मार्च 1971 के बाद असम में आए विदेशियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाएगा, जबकि, दूसरे राज्यों के लिए यह समय सीमा 1951 निर्धारित की गई थी। अब कहा जा रहा है कि CAA कानून आने से यह समय सीमा वर्ष 2014 तक अपने आप बढ़ गयी है। हालांकि, सच्चाई यह है कि अब भी 24 मार्च 1971 की समय सीमा ही लागू रहेगी और इसके बाद जो भी घुसपैठिया भारत में आकर रह रहा होगा, उसे निर्धारित कानूनों के तहत सजा दी जाएगी। ऐसे में असम समझौते के महत्वहीन होने का सवाल ही नहीं उठता है, क्योंकि नागरिकता कानून घुसपैठियों को नागरिकता देने के लिए नहीं लाया गया है।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 1/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: CAA dilutes Assam Accord
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दूसरा झूठ: बंगाली हिन्दू असम पर बोझ बन जाएंगे।
सच : CAA कानून के तहत जिन लोगों को नागरिकता मिलेगी, वे सिर्फ असम में नहीं रहेंगे, बल्कि वे बाकी जगह भी रह रहें हैं। असम में अभी सिर्फ घुसपैठियों की भरमार है जिन्हें असम समझौते के तहत पहले ही चिह्नित किया जा रहा है।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 2/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: Bengali Hindus will become a burden on Assam.
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तीसरा झूठ: CAA कानून से असम में रह रहे डेढ़ लाख गैर-पंजीकृत हिंदुओं को नागरिकता मिल जाएगी।
सच: नहीं। सभी विदेशियों को नागरिकता नहीं दी जाएगी। प्रशासन सभी अर्जियों की सही से जांच कर सिर्फ उन्हीं को नागरिकता देगा जो इस कानून के तहत सही मायनों में हकदार हैं।
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MYTH: CAA will enable over 1.5 lakh undocumented Hindu Bangladeshis residing in Assam to get Indian Citizenship
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चौथा झूठ: CAA असम में अल्पसंख्यकों के हितों के खिलाफ है।
सच: CAA दूसरे देश के अल्पसंख्यकों को लेकर लाया गया है। इसका असम के अल्पसंख्यकों से कोई लेना देना नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भी इसको बताया है।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 4/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: CAA will affect the interest of minorities in Assam
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- पांचवा झूठ: CAA से असम में बंगाली बोलने वालों का वर्चस्व बढ़ जाएगा।
सच: अधिकतर बंगाली हिन्दू असम की बराक खाड़ी में रहते हैं, जहां असम राज्य ने ही बंगाली को राज्य की दूसरी भाषा के रूप में अपनाया हुआ है। वहीं कुछ हिन्दू बंगाली ब्रह्मपुत्र खाड़ी में रहते हैं, जो बहुत बिखरे हुए रहते हैं और वे पहले से ही असम की भाषा में बोल रहे हैं।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 5/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: CAA will lead to domination of Bengali speaking people
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- छठा झूठ: इनर लाइन परमिट के तहत आने वाले क्षेत्र भी CAA के तहत शामिल किए गए हैं।
सच: नहीं। ऐसा नहीं है। ऐसे क्षेत्रों को CAA से छूट दी गयी है। इसके अलावा मणिपुर को भी ILP में शामिल किया गया है।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 6/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: Areas regulated through the Inner Line Permit will be included
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सातवाँ झूठ: CAA के बाद अब और ज़्यादा बांग्लादेशी असम में आएंगे।
सच: पिछले कुछ समय में बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अप्ल्संख्यकों पर अत्याचार कम हुआ है। ऐसे में इस बात की संभावना कम ही है कि अब दोबारा इतनी बड़ी संख्या में पलायन होने की संभावना कम ही है। वैसे भी यह कानून वर्ष 2014 की समय सीमा तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिमों पर ही लागू होता है।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 7/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: CAA will trigger fresh migration of Hindus from Bangladesh.
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- आठवाँ झूठ: CAA से घुसपैठियों को सहारा मिलेगा।
सच: यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसके तहत सिर्फ असली शरणार्थियों को ही नागरिकता दी जाएगी जिन्हें 70 सालों तक उनके अधिकारों तक वंचित रखा गया। ये कानून शरणार्थियों के लिए है, घुसपैठियों के लिए नहीं।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 8/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: CAA aims to facilitate intruders.
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नौवाँ झूठ: नागरिकता कानून असम के लोगों के हितों के विरुद्ध है।
सच: CAA पूरे देश में लागू होने जा रहा है। यह एनआरसी के खिलाफ नहीं है। NRC के तहत सभी क्षेत्रीय लोगों को घुसपैठियों से अलग कर उनके हित में काम किया जाएगा।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 9/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: CAA is against the interest of indigenous people of Assam.
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दसवां झूठ: CAA नॉर्थ ईस्ट के जन-जातीय इलाकों पर भी लागू होगा।
सच: नहीं। यह कानून संविधान के शेड्यूल 6 के अंतर्गत आने वाले असम, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा के जन-जातीय इलाकों पर लागू नहीं होगा।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 10/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: Provision of CAA will apply to the tribal areas of North East.
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ग्यारहवां झूठ: CAA कानून अनुच्छेद 371 के प्रावधानों का उल्लंघन करेगा।
सच: नहीं। अनुच्छेद 371 के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होगा। असम और नॉर्थ ईस्ट के लोगों की भाषा, संस्कृति और रिवाजों की रक्षा की जाएगी।
Myth Busters on North East with regard to Citizenship Amendment Act 2019. 11/11 #IndiaSupportsCAA
MYTH: CAA will violate provisions of Article 371.
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स्पष्ट है कि अगर CAA का विरोध कर रहे असम और नॉर्थ ईस्ट के लोग, या भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोग इन झूठे तथ्यों पर नज़र डालेंगे और फिर सही जानकारी पढ़ेंगे , तो निश्चित ही उन्हें उनकी सभी आशंकाओं का जवाब मिल जाएगा।