सीएए पर हर दिन कोई न कोई विशेषज्ञ बन कर जनता को ज्ञान बाँचने लगता है। इस कानून के बारे में चाहे लेशमात्र भी ज्ञान न हो, पर जिस तरह उत्साह से वे ज्ञान बांटते हैं, उससे पता चलता है कि उनका मुख्य ध्येय केवल लाइमलाइट में आने के लिए विरोध करना है, चाहे उन्हें सीएए का ‘सी’ भी न पता हो।
इसी कड़ी में हाल ही में जुड़े हैं रैपर डिलिन नायर, जिन्हें लोग रफ्तार के नाम से ज़्यादा जानते हैं। सीएए के विषय पर उन्होंने एक कॉन्सर्ट में बोला, ‘शुरू करने से पहले मैं एक बात साफ करना चाहता हूँ। कल मेरा करियर चले न चले, मुझे कोई परवाह नहीं, इतना कमा लिया है कि मैं भूखा नहीं मरूँगा। इस आदमी का नाम है अरशद, वो मेरा इतना ख्याल रखता है कि कोई मुझे धक्का भी नहीं दे सकता। यदि कोई उसे देश छोड़ने के लिए, तो मैं उसके लिए गोली खाने को तैयार हूँ और किसी …में दम नहीं कि उसे बाहर निकाल सके”।
इसके आगे रफ़्तार ने कहा, “चाहे वो हिन्दू हों, सिख हों, ईसाई हो, या फिर मुसलमान, सब हमारे भाई हैं। मैं किसी को भी देश से निकलने नहीं दूँगा। इसके बाद मुझे परवाह नहीं कि मेरे करियर को क्या हो जाये!”
पहले तो रफ्तार पाजी, तुसी ठंड रखो। कोई कहीं नहीं जा रहा है। नागरिकता संशोधन कानून धार्मिक आधार पर प्रताड़ित मनुष्यों को भारत में नागरिकता देता है, किसी की नागरिकता नहीं छीन रहा। इसलिए पहले तो फरहान अख्तर जैसे लोगों से चीट शीट लेना बंद करें, और अपनी अक्ल भी लगाएँ। यदि आपने थोडा कानून के बारे में पढ़ लिया होता या किसी वीडियो में सुन लिया होता तो आप इस तरह लाइमलाइट के चक्कर में अपनी फद्द नहीं पिटवाते। इसके साथ जिस तरह की भाषा का अपने इस्तेमाल किया वो भी बेहद शर्मनाक था जिससे लग रहा था कि महिलाओं का सम्मान तो वो बिलकुल नहीं करते। यदि आप वाकई में महिलाओं की इज्ज़त करते हैं, जैसा आप अन्य वीडियो में बताते हैं, तो यहां गाली देकर आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं? रफ्तार की गालियों के कारण सोशल मीडिया पर उनकी बहुत निंदा हुई, जिसके लिए उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी –
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सिनेमा या कला के क्षेत्र से किसी व्यक्ति ने इस विषय पर अधकचरा ज्ञान बांटा हो। इससे पहले 19 दिसंबर को मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में किए गए विरोध प्रदर्शनों में कई बॉलीवुड स्टार्स की पोल तब खुली जब उनसे पूछा गया कि वे सीएए का विरोध क्यों कर रहे हैं। जहां फरहान अख्तर जैसे सितारों ने गोलमोल जवाब दिये और सरकार के आश्वासनों पर उल्टा रिपोर्टर को भला बुरा सुनने लगे, तो जिम सार्भ जैसी हस्ती तो किसी राजनीतिक कार्यकर्ता की भांति एक रटी रटाई स्पीच देने लगे।
शायद रफ्तार को शायद सुशांत सिंह और नासिर आज़मी से प्रेरणा मिली है, जो सीएए का विरोध कर अपने दोस्त अरशद को विक्टिम बनाने का प्रयास कर रहे हैं, इसके साथ ही अपने करियर को दांव पर लगाने की बात कहकर खुद को दुखी दिखाने का प्रयास भी कर रहे हैं। सुशांत सिंह ‘सावधान इंडिया’ के होस्ट हुआ करते थे, जिनके साथ उनका कांट्रैक्ट समाप्त हो गया था। परंतु सीएए के विरोध की आड़ में सुशांत ने ये दिखाने का प्रयास किया था कि उन्हें सीएए के विरोध के कारण शो से निकाला गया। इसी भांति ज़ी मीडिया के कर्मचारी नासिर आज़मी को भी ज़ी मीडिया ने पहले ही निकाल दिया था, पर सीएए के विरोध की आड़ में उन्होंने भी विक्टिम कार्ड खेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।