बीते सोमवार को भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चीनी कंपनी हुवावे को भारत में 5जी का ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी। बता दें कि हुवावे वहीं कंपनी है जिस पर अमेरिका ने चीनी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी का आरोप लगाते हुए अपने यहां प्रतिबंधित कर दिया था। एक कार्यक्रम में केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने सभी प्लेयर्स को 5जी स्पेक्ट्रम के ट्रायल की अनुमति दे दी है। जब उनसे पूछा गया कि क्या हुवावे को भी अनुमति दी गयी है? तो उन्होंने कहा हाँ, सबको अनुमति दे दी गयी है।
भारत सरकार का यह फैसला बड़ा इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि पश्चिमी देशों हुवावे को बैन करने के लिए भारत पर लगातार दबाव बना रहे थे। भारत सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि वे उन देशों की कंपनियों को भारत में ऑप्रेट नहीं करने देंगे, जो देश भारत की कंपनियों को उनके देशों में ऑप्रेट करने नहीं देते। अब भारत सरकार के इस फैसले से इस बात के आसार बढ़ गए हैं कि जल्द ही हमें चीन में भी भारतीय टेलिकॉम कंपनियाँ ऑप्रेट करती दिखाई दे सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो यह चीन-भारत के आर्थिक रिश्तों के लिए बहुत बड़ी खबर होगी।
हुवावे को भारत में ट्रायल करने की अनुमति देने के मुद्दे पर भारत सरकार का कहना है कि “5जी भविष्य है, यह रफ्तार है। हम 5जी में नए नवोन्मेषण को प्रोत्साहन देंगे”। भारत सरकार के इस फैसले से हुवावे कंपनी के साथ-साथ चीनी सरकार को बड़ी राहत पहुंची है। अब यह जानना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार ने अचानक से इतना बड़ा फैसला कैसे ले लिया। क्योंकि इससे पहले भारत सरकार ने ऐसे संकेत दिये थे कि वो शायद ही इस चीनी कंपनी को भारत में ट्रायल करने की अनुमति दे। उदाहरण के तौर पर इसी महीने केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने कहा था कि भारतीय कंपनियों के साथ अनुंबध के मामले में भेदभाव करने वाले किसी भी देश को सार्वजनिक खरीद ठेकों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तब उन्होंने कहा था “जब हमने आरसीईपी का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया तो उसका एक मुख्य कारण यह भी था कि दूसरे देशों में हमारी कंपनियों को उन क्षेत्रों में बराबर और उचित अवसर नहीं मिलते हैं, जिनमें वे मजबूत स्थिति में हैं।” केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि चीन ने अपने सरकारी ठेकों को किसी और के लिए खोला हो।
इसके बाद यह माना जा रहा था कि अब भारत सरकार शायद ही हुवावे को भारत में काम करने का मौका दो, लेकिन सोमवार को भारत सरकार ने सबको चौंका दिया। अब इस फैसले को अगर पीयूष गोयल की स्टेटमेंट से जोड़ा जाये, तो इस बात के संकेत मिलते हैं कि अब चीन में भी भारतीय टेलिकॉम कंपनियों को काम करने की छूट मिल सकती है। बता दें कि इसी वर्ष सितंबर में भारतीय कंपनी जियो ने चीनी कंपनियों के साथ 5जी के ट्रायल के लिए हाथ मिलाया था। जियो और चीनी कंपनी ‘चाइना टेलिकॉम’ ने तब Open Test and Integration Centre यानि OTIC खोलने के लिए हाथ मिलाया था। इन सब बातों से इसी बात की ओर संकेत जाता है कि अब भारत की कंपनी चीन में भी अपनी सेवाएँ प्रदान कर सकेंगी। चीन अभी तक अपने टेलिकॉम बाज़ार को ओपन करने को लेकर काफी सुरक्षात्मक रुख अपनाता रहा है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि चीन ने भारत सरकार के सामने घुटने टेक दिये हैं।