हमारे लिबरल भाई लोग को हमेशा से दिक्कत रही है कि भाजपा के नेताओं में कोई सेंस ऑफ ह्यूमर नहीं होता। इसके लिए वे शशि थरूर के स्टैंड उप एक्ट तक की दुहाई देने लग जाते हैं। पर जब महाराष्ट्र के भाजपा उपाध्यक्ष किरीट सोमैया ने हमारे भाइयों के दुख दर्द दूर करने का प्रयास किया, तो अब यही लोग कह रहे हैं कि ऐसे थोड़ी न चलता है। जिस तरह से किरीट सोमैया ने एक एनडीटीवी रिपोर्टर को उनके एजेंडावादी पत्रकारिता के लिए ट्रोल किया है, वो सोशल मीडिया पर सुपर वायरल हो रहा है।
दरअसल, शाहीन बाग में सीएए विरोध प्रदर्शनों के जवाब में महाराष्ट्र में सीएए के लिए भाजपा समर्थन जुटा रही थी, जिसके संबंध में किरीट सोमैया मुंबई के माटुंगा क्षेत्र में एक स्कूल में सीएए को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे थे। इसी बीच एक एनडीटीवी रिपोर्टर ने इस अभियान के संबंध में उनसे कुछ सवाल पूछे, पर पहले ही सवाल में पत्रकार के इरादे भांपने पर किरीट सोमैया ने जिस तरह से पत्रकार को जवाब दिया, उसे देख कोई भी हँसते हुए लोटपोट हो जाएगा।
परंतु ऐसा क्या हुआ, कि किरीट सोमैया को एनडीटीवी के पत्रकार को ऐसे जवाब देना पड़ा? दरअसल, एनडीटीवी के पत्रकार किरीट सोमैया द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान पर सवाल उठा रहे थे कि आखिर स्कूली बच्चों को सियासी दांव पेंच से क्या काम? इससे ज़्यादा हास्यास्पद क्या होगा कि पहले यही लोग चाहते हैं कि सरकार यदि सीएए को लेकर इतनी ही आश्वस्त है तो जनता को जागरूक करे, और जब भाजपा के नेता लोगों को इस कानून के बारे में जागरूक करा रहे हैं, तो इन्हें इस बात से दिक्कत है कि वे सियासी खेल क्यों खेल रहे हैं?
अच्छा जी, जब वामपंथी उपद्रवी शाहीन बाग में जनजीवन को अस्त व्यस्त कर अपने भ्रामक अभियान को उचित ठहराने के लिए बच्चों को शामिल करें, तो वो सही, और यदि भाजपा नेता स्कूली बच्चों को सीएए के बारे में जागरूक करें, तो वो गलत? सच ही कहा था मोदी जी ने हिपोक्रिसी की भी सीमा होती है।
पत्रकार महोदय ने 27 बार किरीट भाऊ से सवाल पूछे, और हर बार उनका एक ही जवाब था, ‘मैंने आपको जवाब दे दिया है’। भाजपा और एनडीटीवी के संबंध प्रारम्भ से ही मधुर नहीं रहे हैं, क्योंकि एनडीटीवी की लिए एजेंडा सदैव सर्वोपरि रहा है और पूर्वाग्रह से ग्रसित उनके पत्रकार अक्सर ही भाजपा के नेताओं के साथ बदतमीजी से पेश आते हैं। सच कहें तो किरीट सोमैया ने एनडीटीवी के एजेंडावादी पत्रकारिता को अपने अंदाज़ में एक करारा जवाब दिया है।
अब एनडीटीवी के पत्रकार की ऐसी घनघोर बेइज्जती हुई हो और अन्य लिबरल आहत न हो, ऐसा कभी हुआ क्या? अजित अंजुम इस व्यवहार से काफी रुष्ट दिखाई दिये, जो उनके ट्वीट्स में भी साफ झलक रहा था। वे लिखते हैं,
“20 सवाल का एक ही जवाब देने का रिकॉर्ड बनाते BJP नेता किरीट सोमैया .. इस रिपोर्टर की जितनी भी तारीफ की जाए कम है क्योंकि …. बाकी आप देखकर समझिए” –
20 सवाल का एक ही जवाब देने का रिकॉर्ड बनाते BJP नेता किरीट सोमैया ..
इस रिपोर्टर की जितनी भी तारीफ की जाए कम है क्योंकि ….
बाकी आप देखकर समझिए https://t.co/wCiRtOQo6F— Ajit Anjum (@ajitanjum) January 14, 2020
ऐसे ही एनडीटीवी के एक अन्य पत्रकार संकेत ने भी अपने साथी के ट्रोल पर पिनक गए, और उन्होंने ट्वीट किया, “जवाब देने से बचते #BJP नेता #KiritSomaiya , हर सवाल का बस एक ही जवाब –#MaineAapkoJawabDeDiyaHai” –
जवाब देने से बचते #BJP नेता #KiritSomaiya , हर सवाल का बस एक ही जवाब –#MaineAapkoJawabDeDiyaHai@sohitmishra99
Watch more here: https://t.co/TRAn7v6i1a#CAA #CitizenshipLaw #CitizenshipAmendmentAct #CitizenshipAct pic.twitter.com/UaHr7Dv3Yp
— Sanket Upadhyay (@sanket) January 14, 2020
सच कहें तो किरीट सोमैया एक ऐसे पत्रकार का सामना कर रहे थे, जो पूर्वाग्रह से ग्रसित था, परंतु किरीट के किसी भी जवाब को निष्पक्षता से प्रकाशित करने के मूड में भी नहीं थे। वे पत्रकार के साथ किसी प्रकार की बदतमीजी भी नहीं करना चाहते थे, जैसे शशि थरूर ने आदित्य राज कौल के साथ 2017 में किया था। किरीट सोमैया ने बिना कोई अपशब्द कहे एक स्पष्ट संदेश भेजा, कि वे प्रोपगैंडा किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेंगे। किरीट सोमैया की परिपक्वता निस्संदेह यहाँ पर प्रशंसा की पात्र है।