भारत में नागरिकों की जान शुरू से ही बेहद सस्ती रही है। राजनेताओं को राजनीति सबसे अधिक प्यारी रही है, फिर चाहे दूसरी तरफ कितने ही मासूमों और नागरिकों की जान क्यों न जाती रहे। इसी का नमूना आजकल कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पेश कर रही है। CAA के विरोध प्रदर्शनों में जान गँवाने वाले दंगाइयों को मिलकर उन्हें सांत्वना देने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि राजस्थान के कोटा में HIE नामक की बीमारी की वजह से 100 से ज़्यादा बच्चे अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। लेकिन कोटा त्रासदी पर प्रियंका की चुप्पी की वजह शायद यह है कि राजस्थान में अभी अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार है। यूपी में प्रियंका गांधी वाड्रा के इस वोट टूरिज़म पर अब मायावती ने भी धावा बोला है। मायावती ने कई ट्वीट दागकर बिना नाम लिए वाड्रा से यह पूछा कि राजस्थान में अपने बच्चों को गंवाने वाली मांओं से वे क्यों नहीं मिलती हैं?
बता दें कि राजस्थान के कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम 2 दिन में कम से कम 9 और शिशुओं की मौत हो गई। इसके साथ ही बीते दिसंबर महीने में अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 तक पहुंच चुकी है। लेकिन इसको लेकर कांग्रेस सरकार की गंभीरता का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सीएम गहलोत बच्चों की मौत को मामूली सी घटना बता चुके हैं। दूसरी तरफ इस मुद्दे से दूरी बनाकर प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी में CAA के विरोध के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने में व्यस्त हैं। उनका सबसे बड़ा राजनीतिक ड्रामा तब देखने को मिला था जब 28 दिसंबर को लखनऊ में पार्टी कार्यालय के दौरे से पहले प्रियंका गांधी पूर्व आईपीएस अफसर दारापुरी के परिवारजनों से मिलने जा रही थीं। प्रियंका गांधी वाड्रा को तब सीएए का विरोध करने के लिए कथित रूप से हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा था “मैं आईपीएस अफसर दारापुरी के परिवारवालों से मिलने जा रही थी। परंतु पुलिस वालों ने मुझे न केवल रोका, अपितु मेरे साथ धक्का मुक्की भी की और मेरा गला दबाने की भी कोशिश की। मुझे पैदल चलकर जाना पड़ा”
उनके इस ड्रामे पर अब मायावती ने उनपर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से मांओं की गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक है। तो भी वहां के सीएम गहलोत स्वयं व उनकी सरकार अभी भी इसके प्रति उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय है।’ यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव का इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यूपी की तरह उन गरीब पीड़ित मांओं से भी जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।’
1. कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहाँ के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
2. किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
इसके बाद मायावती ने अपने तीसरे ट्वीट में प्रियंका गांधी वाड्रा को नाटकबाज़ घोषित कर दिया। उन्होंने लिखा ‘यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की “मांओं” से नहीं मिलती हैं तो यहाँ अभी तक किसी भी मामले में यू.पी. पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे यू.पी. की जनता को सर्तक रहना है’।
3. यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘‘माओं‘‘ से नहीं मिलती हैं तो यहाँ अभी तक किसी भी मामले में यू.पी. पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे यू.पी. की जनता को सर्तक रहना है।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा में अस्पताल में बच्चों के मरने का सिलसिला अभी भी जारी है। अधिकारियों ने कहा कि यहां पर 9 और बच्चों की मौत हो गई है, जिसके बाद यह आंकड़ा 100 हो गया है। मायावती का इस तरह से प्रियंका गांधी वाड्रा पर सवाल दागना कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश में वाड्रा के ड्रामे से बढ़ते वर्चस्व का डर है। फिर भी राजनीतिक स्वार्थ के चलते ही सही मायावती ने जो सवाल पूछे हैं उसने प्रियंका गाँधी वाड्रा की पाखंडता को उजागर किया है। अब प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं या नहीं ये आने वाले समय में ही पता चल पायेगा।