सार्वजनिक यातायात को और सुगम बनाने के लिए अब एयरलाइंस की तर्ज़ पर रेलवे भी बदतमीज़ यात्रियों पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। अब अगर हवाई सफर के दौरान किसी यात्री को दूसरे यात्री के साथ गलत व्यवहार करते हुए पाया जाता है तो उसके ट्रेन के सफर पर बैन लगाए जाने का प्रावधान किया जाएगा। बता दें कि हाल ही में कॉमेडियन कुणाल कामरा ने इंडिगो एयरलाइन में उत्पात मचाया था और अपने साथी यात्री अर्नब गोस्वामी को परेशान किया था, जिसके बाद उनपर अब तक चार एयरलाइन कुछ महीनों के लिए प्रतिबंध लगा चुकी हैं। इसके बाद अब रेलवे ने एयरलाइंस से बैन किए गए यात्रियों की सूची मंगाकर उनके नाम इंडियन रेलवे टिकटिंग सिस्टम में डालने का फैसला लिया है, जिसके बाद संभवतः रेलवे भी उन यात्रियों को प्रतिबंधित किया जा सकता है।
हालांकि, इस नए सिस्टम को लागू करने के लिए अभी रेलवे को अपने मॉडल में कुछ अहम बदलाव करने होंगे। दरअसल, अभी रेलवे में टिकट बुक करने के लिए सिर्फ नाम और उम्र पूछी जाती है और किसी पहचान पत्र का नंबर नहीं मांगा जाता है, जिसके कारण प्रतिबंधित यात्रियों की पहचान करना संभव नहीं हो सकता, इसीलिए रेलवे जल्द ही पहचान पत्र आधारित एक नया सिस्टम लागू कर सकता है और एयरलाइंस से बैन किए गए यात्रियों की सूची को IRCTC के पास भेजकर रेलवे टिकटिंग सिस्टम में उसे अपडेट कर सकता है। इससे अगर कोई प्रतिबंधित यात्री वेबसाइट के जरिये अपना टिकट बुक कराने की कोशिश करेगा तो उसका टिकट बुक होगा ही नहीं।
रेलवे में भी अक्सर सहयात्रियों द्वारा दुर्व्यवहार करने की शिकायत मिलती रहती हैं लेकिन अभी रेलवे के पास ऐसे यात्रियों से निपटने का कोई तरीका नहीं है। मामला ज्यादा बढ़ने पर आरपीएफ या जीआरपी द्वारा दोनों पक्षों की सहमति से मामला निपटाया जाता है। अगर मामला नहीं निपटता है, तो एफआईआर दर्ज होती है, पर दुर्व्यवहार करने वाले यात्री को सफर करने से रोका नहीं जाता है। लेकिन अब ये बदल सकता है।
वहीं रेलवे अपराधों पर रोक लगाने के लिए रेलवे फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी शुरू करने जा रहा है। बेंगलुरू स्टेशन पर फरवरी से इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा। इसकी मदद से अपराधियों की पहचान आसान हो जाएगी। रेलवे जहां एक तरफ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की जद्दोजहद कर रहा है, तो वहीं लोगों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार को काबू करने के लिए रेलवे के इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिए।