राजनीति का खेल कितना गंदा होता है यह दिल्ली विधानसभा से पहले देखा जा सकता है। आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में पिछले महीने हुए सीलमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान का भी नाम था।
पिछले महीने सीलमपुर की हिंसा अभी सभी के जहन में ताज़ा ही है तभी आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने अपनी ओछी राजनीति का एक नमूना दिया है। बता दें कि दिल्ली के सीलमपुर क्षेत्र में CAA विरोध के नाम पर उपद्रवियों ने उत्पात मचा दिया था। कई बसों में उन्होंने तोड़फोड़ की, कुछ बसों को आग भी लगाया। इसी बीच कुछ मासूम बच्चों को लेकर जा रही एक स्कूल बस पर भी पथराव किया गया था। उस दिन लगभग 10,000 की हिंसक भीड़ ने सड़कों पर कहर बरपाया था। इसके बाद पुलिस को भारी लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि, इसके बाद भी पत्थरबाज़ नहीं माने थे और पुलिस पर ही हमला कर रहे थे। इस हमले के आरोपी अब्दुल रहमान को सीलमपुर से ticket दिया है।
वर्तमान में अब्दुल रहमान जाफराबाद से AAP के पार्षद हैं। इनपर 17 दिसंबर को सीलमपुर में सीएए के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा मामले में FIR दर्ज है। इस एफआईआर में उन्हें उन आंदोलनकारियों में से एक के रूप में नामित किया गया था, जिन्होंने प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया था। इस FIR में प्रदर्शनकारियों पर सीलमपुर के टी प्वाइंट पर जुटकर पुलिस पर रोड़ेबाजी और पेट्रोल की बोतलें फेंकने का आरोप लगा था। इस हिंसा में बेकाबू भीड़ जाफराबाद थाने के पास पहुंच गई थी। आरोप है कि जाफराबाद के AAP पार्षद अब्दुल रहमान के उकसाने पर भीड़ जुटी थी। इस दौरान सीलमपुर के पूर्व एमएलए मतीन की मौजूदगी में बिल के खिलाफ नारे लग रहे थे।
इस तरह एक आम आदमी पार्टी द्वारा एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया है जिसके ऊपर स्पष्ट रूप से हिंसा करने का आरोप है। यह दिखाता है कि आप अपने वोट बैंक के लिए कुछ भी कर सकते हैं और देश को जलाने वालों को विधानसभा का टिकट देकर उन्हें खुश कर सकते हैं।
दिल्ली के CM केजरीवाल द्वारा करोड़ों रुपये में उम्मीदवारों को टिकट बेचने की खबरों के बीच, अब्दुल रहमान को टिकट देने का उनका फैसला राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा को फैलाने के लिए व्यक्तिगत प्रयासों के लिए एक पुरस्कार दिया गया है।
केजरीवाल का यह कदम सिर्फ एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए ही है। इससे यही स्पष्ट होता है कि वह उन लोगों को अपने तरफ़ से फुल सपोर्ट करते हैं जो देश को जलाने की मंशा रखते हैं। अगर अब्दुल रहमान सीलमपुर से जीत जाते हैं तो फिर वे प्रतिशोध की राजनीति करने पर उतर जाएंगे क्योंकि मतदाताओं या एक विशेष वर्ग ने उन्हें जीता कर यह संदेश देगा कि उन्हें एक दंगाई और आगजनी करने वाले प्रतिनिधि से कोई समस्या नहीं है। AAP ने सीलमपुर हिंसा की निंदा भी नहीं की थी। इसके बजाए अब आरोपी रहमान को पुरस्कार देने का फैसला किया है।