‘मीठा-मीठा गप गप, कड़वा-कड़वा थू-थू’ सुनकर कैसा लगेगा कि अगर इस देश में किसी एक राज्य का अस्पताल अपना खतरनाक medical waste किसी दूसरे राज्य में डंप करते हो, और ऐसा करते हुए उन्हें रंगे हाथों पकड़ा गया हो। दरअसल, यह खबर सामने आई है कि कर्नाटका और तमिल नाडु के बॉर्डर से सटे इलाकों में केरल के अस्पताल अपना मेडिकल वेस्ट अवैध रूप से डंप करते हुए पकड़े गए हैं। केरल से यह मेडिकल वेस्ट ट्रकों में भर-भरकर कर्नाटका लाया जा रहा था, और पुलिस को ट्रक कूड़े से भरे होने का शक हुआ। कर्नाटका पुलिस ने जैसे ही इनको मेडिकल वेस्ट को एक जगह डंप करते देखा, तुरंत पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिए जबकि 3 अन्य लोग मौके से फरार हो गए। पुलिस ने अब पांचों लोगों के खिलाफ FIR दर्ज़ कर ली है। बता दें कि पिछले कई महीनों से कर्नाटका के मैसूर के लोग इस कूड़े से परेशान थे और इस इलाके में बीमारी फैलने का खतरा काफी बढ़ गया था।
पुलिस ने बताया कि केरल के कोझिकोड से रात को साढ़े तीन बजे के आसपास इन ट्रकों को केरल से लाया जा रहा था, और तब पुलिस ने इनको पकड़ा। पुलिस ने यह भी बताया है कि ये पांचों लोग पहले भी 8 से 10 बार उस जगह मेडिकल वेस्ट को डंप कर चुके थे। जिन अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट यहाँ डंप किया जा रहा था, वे कागज़ में अपने वेस्ट को कानूनों के मुताबिक ही डंप होता हुआ दिखा रहे हैं, लेकिन असल में इस कूड़े को इस तरह अवैध तरिके से डंप किया जा रहा था।
और सिर्फ कर्नाटका ही नहीं, बल्कि तमिलनाडु में भी केरल के ये अस्पताल इसी तरह कूड़ा डंप कर रहे हैं। तमिलनाडु पुलिस ने आरोप लगाया है कि पिछले चार सालों से केरल के अस्पताल तमिलनाडु के अलग-अलग इलाकों में मेडिकल वेस्ट को गैर-कानूनी तरीके से डंप किया जा रहा है। कोयंबटूर और तिरुनेलवेली जैसे शहर कूड़ा-युद्ध से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।
अस्पतालों पर लोगों का इलाज़ करने की ज़िम्मेदारी होती है, इसके साथ ही उसकी यह भी ज़िम्मेदारी होती है कि वह अपने मेडिकल वेस्ट को नियमों के हिसाब से डंप करे ताकि उससे कोई बीमारी ना फैले। इन अस्पतालों के साथ-साथ केरल सरकार को भी अपनी ज़िम्मेदारी समझकर इन अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और अपने राज्य में मेडिकल वेस्ट को डंप करने की उपयुक्त व्यवस्था करनी चाहिए।